रांचीः अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के विरोध में पूरे देश में कांग्रेस ने सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने की रूपरेखा तैयार की है. इसकी शुरुआत रांची से हो रही है. आज अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के निर्देश पर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता मोरहाबादी स्थित बापू की प्रतिमा के सामने सत्याग्रह पर बैठेंगे.
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झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने इस कार्यक्रम को अपने-अपने जिले में भी आयोजित करने का आदेश कांग्रेस पार्टी के सभी जिलाध्यक्षों को दिया है. राजधानी रांची के अलावा सभी जिले में भी सत्याग्रह कार्यक्रम होगा. जिसमें कांग्रेस के नेता कार्यकर्ता शामिल होंगे. प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने रांची में आज(रविवार) होने वाले सत्याग्रह कार्यक्रम के लिए भी रांची महानगर एवं रांची ग्रामीण कांग्रेस, अग्रणी मोर्चा को निर्देश दिया है कि प्रदेश द्वारा आयोजित सत्याग्रह में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाएं और राहुल गांधी के संघर्षों को आगे बढ़ाए.
प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक नफरत, महंगाई, बेरोजगारी के खिलाफ जनता के अपार समर्थन के साथ राहुल गांधी द्वारा तय की गई लगभग 4000 किलोमीटर की लंबी भारत जोड़ो यात्रा तथा संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अडाणी के रिश्ते पर सवाल खड़ा करने के बाद मोदी सरकार पूरी तरह से बौखला गई है. सदन में भी राहुल गांधी की आवाज को लगातार दबाया गया. देश के राजनीतिक इतिहास में पहली घटना घटी कि सत्ताधारी दल भाजपा के द्वारा ही लगातार सदन की कार्यवाही को बाधित किया गया.
राजेश ठाकुर ने कहा कि लेकिन हम इससे भी घबराने वाले नहीं हैं. कांग्रेस देश की जनता की आवाज के लिए हमेशा लड़ेगी, इसके लिए कोई भी कीमत कांग्रेस पार्टी चुकाने को तैयार है.
सत्याग्रह के कार्यक्रम की जानकारी देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमिटी के महासचिव सह प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि आजादी के 75वें वर्ष में लोकतंत्र खतरे में है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की ऐतिहासिक सफलता और अपार जनसमर्थन से सहमी भाजपा ने साजिश और षड्यंत्र रचकर राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता समाप्त कराई है, लेकिन शायद उन्हें पता नहीं कि राहुल गांधी किस मिट्टी के बने हैं. अडाणी और नरेंद्र मोदी के नापाक रिश्ते से भारत को हो रहे नुकसान का सवाल आज भी कायम है और मोदी से यह सवाल पूछना जारी रहेगा कि शेल कंपनियों के माध्यम से अडाणी ग्रुप में आया पैसा किसका है? सेना में जो टेंडर हुआ है, उसमें किसका पैसा लगा है. यह देश की सुरक्षा से खिलवाड़ है या नहीं. यह मोदी बताएं.