रांचीः कांग्रेस विधायक ममता देवी की सदस्यता समाप्त होने से खाली हुई रामगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. इसके लिए पिछले दिनों भारत निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव में नामांकन से लेकर मतगणना तक की तारीखों की घोषणा कर दी है. अब झारखंड की राजनीतिक पार्टियों ने भी रामगढ़ में जीत सुनिश्चित करने के लिए पॉलिटिकल गणित में जुट गए हैं. सभी दल अपनी अपनी तैयारियों में जुट गए हैं. वहीं कांग्रेस के लिए उपचुनाव में जीत का सिलसिला कायम रखना भी किसी चुनौती से कम नहीं है.
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इन सबके बीच कांग्रेस के लिए राहत की बात यह है कि पिछले 08 वर्ष में राज्य में हुए उपचुनावों में से पांच उपचुनाव कांग्रेस ने लड़े और सभी के सभी में जीत हासिल की. अब कांग्रेस नेतृत्व के सामने छठा उपचुनाव है तो राजनीतिक गलियारों में यह कयास लगाए जा रहे हैं. सियासी हलकों में चर्चा ये है कि झारखंड कांग्रेस के उपचुनाव में जीत के विजय रथ को रामगढ़ में आजसू-भाजपा रोक लेगी या फिर अपने रिकॉर्ड को आगे बढ़ाते हुए झारखंड कांग्रेस रामगढ़ में जीत दर्ज करेगी.
2015-2022 उपचुनाव में नहीं हारी कांग्रेसः झारखंड में 2015 से लेकर अब तक हुए सभी उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने लगातार जीत दर्ज की है. पिछले 8 साल में उपचुनाव में किस सीट पर कैसी जीत पार्टी ने हासिल की है, इस पर नजर डालते हैं. सबसे पहले बात करते हैं लोहरदगा सीट की. साल 2015 में लोहरदगा विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की. प्रख्यात न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. केके सिन्हा के साथ मारपीट के एक मामले में न्यायालय ने आजसू विधायक और पूर्व मंत्री कमल किशोर भगत को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी. इसके बाद उनकी लोहरदगा विधानसभा सीट से सदस्यता समाप्त हो गयी. इसके बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में सुखदेव भगत ने कमल किशोर भगत की पत्नी और आजसू उम्मीदवार नीरू शांति भगत को 23 हजार 288 मतों से करारी शिकस्त दी.
![Congress party victory record in By Elections in Jharkhand](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17532159_congrangarh.jpg)
2016 पांकी उपचुनावः कांग्रेस विधायक विदेश सिंह के निधन के बाद पांकी विधानसभा सीट खाली हुई थी. वर्ष 2016 में ही इस सीट पर उपचुनाव हुए. यहां कांग्रेस पार्टी ने अपने दिवंगत विधायक विदेश सिंह के बेटे देवेंद्र कुमार सिंह उर्फ बिट्टू सिंह को उम्मीदवार बनाया. उनके सामने मुकाबले में भाजपा और झारखंड मुक्ति मोर्चा भी थे. इसके बावजूद कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में बिट्टू सिंह ने इस उपचुनाव में जीत हासिल की. उन्होंने झामुमो उम्मीदवार शशिभूषण मेहता को मात दी, इस चुनाव में भाजपा तीसरे नंबर पर रही.
![Congress party victory record in By Elections in Jharkhand](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17532159_congrangarh1.jpg)
2018 कोलेबिरा सीट पर कांग्रेस का कब्जाः झापा विधायक एनोस एक्का की सदस्यता खत्म पर होने पर खाली हुई कोलेबिरा सीट पर कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया. पूर्व मंत्री और झारखंड पार्टी के विधायक एनोस एक्का पर भ्रष्टाचार और पारा टीचर की हत्या का आरोप लगा. जिसमें एक मामले में विधायक एनोस एक्का दोषी करार दिए गए. इसके बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता चली गयी. इसके बाद कोलेबिरा में 2018 में विधानसभा का उपचुनाव हुआ, जहां कांग्रेस प्रत्याशी नमन विक्सल कोंगाड़ी ने जीत हासिल की. विक्सल कोंगाड़ी ने भाजपा के बसंत सोरेन को 9 हजार 658 वोट से हरा दिया, इस उपचुनाव में एनोस एक्का की पत्नी तीसरे नंबर पर रहीं.
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पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह के निधन से खाली हुई बेरमो सीटः वर्ष 2020 में बेरमो से कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह के निधन के बाद ये सीट खाली हुई थी. इसके बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने दिवंगत राजेंद्र सिंह के बड़े बेटे जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह को उम्मीदवार बनाया, जिसमें कांग्रेस विजयी रही. अनूप सिंह ने भाजपा प्रत्याशी योगेश्वर महतो बाटुल को 14 हजार से अधिक मतों से हराया.
![Congress party victory record in By Elections in Jharkhand](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17532159_congrangarh3.jpg)
बंधु तिर्की की पुत्री ने आगे बढ़ाई जीत की परंपराः पिछले आठ वर्ष में उपचुनाव में कांग्रेस की पांचवीं जीत 2022 में मांडर विधानसभा में हुई. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की को आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में निचली अदालत ने दोषी करार दिया. उनकी विधानसभा की सदस्यता जाने पर मांडर सीट खाली हुई थी. मांडर उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने बंधु तिर्की की बेटी शिल्पी नेहा तिर्की को उम्मीदवार बनाया. जिसमें शिल्पी ने बीजेपी की गंगोत्री कुजूर 23 हजार से भी अधिक मतों से पराजित किया.
![Congress party victory record in By Elections in Jharkhand](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17532159_congrangarh4.jpg)
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उपचुनाव में जीत के लिए फुलप्रूफ रणनीतिः उपचुनाव में कांग्रेस का रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है. अब छठा मुकाबला रामगढ़ विधानसभा सीट को लेकर है. यहां होने वाले उपचुनाव में विधायक चुनने के लिए रामगढ़ की जनता वोट करेगी. इसको लेकर सबके जेहन में यही सवाल होगा कि क्या कांग्रेस 2015 के बाद राज्य में उपचुनाव में जीत का छक्का लगाकर रिकॉर्ड कायम रख पाएगी या फिर आजसू और भाजपा की मजबूत घेराबंदी के सामने उपचुनाव जीतने का सिलसिला टूट जाएगा.
सहानुभूति और भरोसा से जारी रहेगा जीत का सिलसिलाः कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव की घोषणा के बाद से ही जीत की रणनीति बनाने में जुट गये हैं. जिला स्तरीय चुनाव संचालन समिति का गठन कर लिया गया है तो प्रदेश अध्यक्ष पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उपचुनाव में जीत को लेकर रणनीति बना रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि हमारी निवर्तमान विधायक जनता के मुद्दे को लेकर आंदोलन कर रही थीं और उसमें राजनीतिक कुंठा से पूर्व की सरकार ने केस फ्रेम कराया था. ऐसे में रामगढ़ की जनता अब कांग्रेस पार्टी को ही वोट देकर उनके साथ न्याय करेगी और विपक्ष को सबक सिखाएगी. राजेश ठाकुर ने कहा कि हम जो कहते हैं वो करते हैं, इसलिए अभी तक जितने भी उपचुनाव हुए हैं वहां कांग्रेस की जीत हुई है और यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा.