रांचीः भाजपा विधायक अमर कुमारी बाउरी के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि झूठ की बुनियाद पर झूठी कहानी गढ़ने वाले नेताओं को पिछली सरकार के कारनामों को याद करना चाहिए. आरएसएस की पाठशाला में पढ़कर निकले लोगों को अपनी तरह ही सब झूठे और फरेब नजर आते हैं.
पूर्ववर्ती सरकार का आंकड़ा
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे ने कहा कि गठबंधन सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल पर उंगली उठाने वाले नेताओं को पूर्ववर्ती सरकार के पांच वर्ष तक के कार्यकाल में भूख से हुईं मौत, किसानों के आत्महत्या की घटनाओं और एसटी-एससी पर हुईं अत्याचार की घटनाओं का आकड़ा निकालकर देखना चाहिए. ठंड में कंबल बांटने की मांग करने वाले अमर बाउरी को यह बताया चाहिए कि उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में कितने लोगों के बीच कंबल का वितरण किया. राज्य सरकार पिछले शासन में हुए कंबल घोटाले की भी जांच करा रही है, जल्द ही सारी सच्चाई सामने आ जाएगी.
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केंद्र सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को किया चौपट
दुबे ने कहा कि पांच हजार से अधिक स्कूलों में ताला बंद कराने वाली पूर्ववर्ती सरकार को शिक्षा व्यवस्था पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है. वहीं दूसरी तरफ पिछले 9 महीने से केंद्र सरकार ने पूरी शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया है. दुनिया के सब काम हो रहे हैं सिवाय पठन पाठन के, आदिवासी और दलित बच्चे आज भी 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
राशन कार्ड उपलब्ध कराने का काम शुरू
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष सह खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव की लगातार मॉनिटरिंग के कारण लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण काल में भी सभी जरूरतमंद और गरीब परिवारों को अनाज मिला और संकट के समय भोजन के लिए जगह-जगह किचन की व्यवस्था की गई.
उन लोगों को भी राशन मिला, जिनका कोई राशन कार्ड नहीं था. वहीं अब राज्य सरकार ने झारखंड राज्य खाद्य योजना के तहत 15 लाख लोगों को राशन कार्ड उपलब्ध कराने का काम शुरू किया. यह पूरी तरह से राज्य सरकार के खर्च पर शुरू की गई है, जबकि पिछली सरकार में इन परिवारों को दर-दर भटकने के लिए छोड़ दिया गया.
बीजेपी विधायक का बयान
बीजेपी विधायक ने कहा था कि बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड के सुरही गांव के रघु पासी (60) की मृत्यु ठंड से हो गई है. उन्हें कंबल तक नसीब नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से ठंड से हुई मौत पर पर्दा डालने के लिए आनन-फानन में रघु पासी का दाह संस्कार करवा दिया गया, जबकि उनका पोस्टमार्टम होना चाहिए था.