रांचीः अखिल भारतीय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन (Congress President Election 2022) के लिए सोमवार को देशभर में मतदान होगा, जिसमें डेलीगेट्स मेम्बर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. इस चुनाव के लिए झारखंड में कांग्रेस के 319 मतदाता हैं, बैलेट पेपर से चुनाव होगा. झारखंड कांग्रेस के ये 319 डेलीगेट्स मेंबर पार्टी के प्रदेश कार्यालय में बनाए गए मतदान केंद्र पर सुबह 10 बजे से शाम 04 बजे तक मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव 2022 के लिए दिल्ली से निर्वाचन पदाधिकारी, सहायक निर्वाचन पदाधिकारी रांची में हैं. मतदान बैलेट पेपर से कराया जाएगा.
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यह है मतदान के लिए शर्तः सोमवार 04 बजे तक जो भी डेलीगेट्स मेंबर मतदान केंद्र पहुंच जाएंगे, उन्हें वोटिंग राइट होगा परंतु 04 बजे के बाद मतदान केंद्र में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. भावेश चौधरी ने कहा कि मतदान के बाद दोनों उम्मीदवारों के चुनाव प्रतिनिधि की उपस्थिति में मतदान पेटी को सील कर सोमवार को ही मतपेटी को दिल्ली में राष्ट्रीय कांग्रेस कार्यालय भेज दिया जाएगा.
सहायक निर्वाचन पदाधिकारी ने लिया मतदान की तैयारियों का जायजाः दिल्ली से रांची पहुंचने के बाद संगठन चुनाव के लिए सहायक निर्वाचन पदाधिकारी बनाए गए भावेश चौधरी और जितेंद्र कसाना ने पार्टी कार्यालय में रविवार को मतदान की तैयारियों का जायजा लिया. मतदान केंद्र तक कैसे सिर्फ डेलीगेट्स मेम्बर पहुंचें, इस पर ध्यान दिया जा रहा है. साथ ही मोबाइल बाहर जमा करने की बाध्यता रहेगी, पान, गुटखा खैनी सिगरेट लेकर बूथ तक जाने की किसी हाल में अनुमति नहीं मिलेगी. चुनाव अधिकारियों ने इन सभी चीजों की जानकारियां मतदानकर्मियों को दीं.
दो प्रत्याशी चुनाव मैदान मेंः बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव 2022 के लिए दो प्रत्याशी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद शशि थरूर चुनाव मैदान में हैं. चर्चा है कि राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ही कांग्रेस आलाकमान के प्रत्याशी हैंं, हालिया स्थिति को देखते हुए उनके चुनाव अभियान में वरिष्ठ नेताओं का भारी समर्थन भी इसकी ओर इशारा कर रहा है. सांसद शशि थरूर का सार्वजनिक मंच पर असंतोष जताना भी इसकी निशानदेही करता है. इससे पहले राजस्थान की बदली राजनीति के दौर में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस आलाकमान की पसंद बताया जा रहा था, लेकिन उनके पक्ष में विधायकों की लामबंदी से स्थितियां बदल गईं. उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव से अलग होना पड़ा. वहीं एमपी से कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को भी बदली परिस्थितियों में नामांकन पत्र खरीदने के बाद मैदान से हटना पड़ा था.
इससे पहले कब हुआ था कांग्रेस अध्यक्ष का चुनावः कांग्रेस नेताओं के मुताबिक इस चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष का निर्वाचन 2000 में हुआ था, जिसमें वर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जितेंद्र प्रसाद को भारी अंतर से हराया था. इससे पहले उन्होंने 1998 में पार्टी की कमान संभाली थी. वहीं 1996 में कांग्रेस का आखिरी गैर-गांधी अध्यक्ष था, जब सीताराम केसरी, शरद पवार और राजेश पायलट को हराकर पार्टी के शीर्ष पद के लिए चुने गए थे.
इसी क्रम में 17 अक्टूबर 2022 को, 9000 से अधिक पीसीसी प्रतिनिधि मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर में से अगले गैर-गांधी अध्यक्ष का चुनाव करेंगे. दोनों ही नेता राहुल गांधी द्वारा पर्चा दाखिल करने से इनकार करने के बाद मैदान में आए थे. बता दें कि राहुल गांधी 2017 में सर्वसम्मति से पार्टी अध्यक्ष चुने गए थे लेकिन 2019 में लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया. तब से सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष बनी रहीं.
कांग्रेस की बैठकः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय की अध्यक्षता में रांची महानगर और रांची ग्रामीण के डेलीगेट्स के साथ बैठक की, जिसमें बंधु तिर्की सहित कई नेता शामिल हुए. बैठक को लेकर सुबोधकांत सहाय ने कहा कि कैसे ग्रमीण और शहरी इलाकों में पार्टी संगठन मजबूत हो, इस पर चर्चा हुई है और भारत जोड़ो यात्रा का विधानसभावार कार्यक्रम बनाने पर भी चर्चा की गई. कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल पर सुबोधकांत सहाय ने कहा कि ऐसा नहीं है कि पहली बार कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव हो रहा है, सीताराम केशरी और सोनिया गांधी के समय भी चुनाव हुआ था पर इस बार ऐसा माहौल बना दिया गया है मानो पहली बार कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव हो रहा है.