रांचीः झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव मंत्री बन चुके हैं. उनके मंत्री बनने के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के लिए नए चेहरे की तलाश की जा सकती है. इसकी बड़ी वजह यह है कि कांग्रेस पार्टी के संविधान के अनुसार एक व्यक्ति के एक ही पद पर रहने की परंपरा रही है. फिलहाल इसे लेकर संशय बना हुआ है.
रामेश्वर उरांव के मंत्री बनने के बाद प्रदेश अध्यक्ष के पद पर कौन आसीन होगा, इसका फैसला आलाकमान लेगा. कयास लगाए जा रहे कि मध्यप्रदेश की तरह ही झारखंड में भी वे अध्यक्ष और मंत्री दोनों पदों पर बने रह सकते हैं. इस बाबत प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कहा है कि उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, उसे वह निभाएंगे. उन्होंने कहा कि आलाकमान तय करेगा कि वह दोनों पद पर रहते हैं या फिर एक पद पर. हालांकि उन्होंने इशारा किया कि संगठन या सरकार दोनों में से किसी एक को चुनने की नौबत आएगी तो उनकी प्राथमिकता संगठन की तरफ होगी.
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वहीं, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस एक अनुशासित पार्टी है. सभी बातों पर आलाकमान गौर कर रहा है. किसी चीज में कमी होती है तो समय के अनुसार उस पर बदलाव किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि आलाकमान ये देखेगा कि अध्यक्ष पद पर रहते संगठन और मंत्री होने के नाते मंत्रालय को पूरा समय दिया जा रहा है या नहीं. उसके बाद ही बदलाव किए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष को लंबा अनुभव है. उस लिहाज से उनके दोनों पदों पर रहने की पूरी उम्मीद है.