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24 घंटे बिजली देने का वादा निकला झूठा, जनता का है कहना, अपने वादे पर खरा नहीं उतरी सरकार

मुख्यमंत्री रघुवर दास का राज्य में 24 घंटे बिजली देने का वादा झूठा निकला. आमलोगों का कहना है कि सरकार अपने वादे पर खरा नहीं उतर सकी.

बिजली विभाग
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Published : May 9, 2019, 5:52 PM IST

रांची: प्रदेश के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 2018 के दिसंबर माह तक राज्य में 24 घंटे बिजली देने का वादा किया था, साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर इस वादे को सरकार पूरा नहीं कर पाती है तो वह जनता से वोट नहीं मांगेंगे. वहीं, 24 घंटे बिजली देने के वादे को लेकर आम जनता का मानना है कि सरकार अपने वादे पर खरा नहीं उतर सकी. बल्कि बिजली की कम आपूति और दर बढ़ने से गरीबों पर बोझ बढ़ गया है.

देखे पूरा वीडियो

पावर कट की वजह से आम लोग हलकान हैं
लोकसभा चुनाव 2019 में सत्तारूढ़ बीजेपी की तरफ से आम जनता के बुनियादी सुविधाओं को मुद्दे के रूप में नहीं रखा जा रहा है. खासकर राज्य में बिजली समस्या का निदान भी सरकार के किए गए वादे और दावे के विपरीत है. सरकार की तरफ से दावा किया गया था कि राज्य में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जाएगी और वादा पूरा नहीं होने पर जनता से वोट नहीं मांगेंगे, लेकिन चुनाव में इस वादे को भूल प्रदेश के मुख्यमंत्री बीजेपी प्रत्याशी की जीत के लिए लगातार जन सभाओं के माध्यम से वोट मांग रहे हैं.

ऐसे में आम जनता का सीधे तौर पर कहना है कि सरकार अपने वादे पर खरा नहीं उतरी है. पावर कट की वजह से आम लोग हलकान हैं. स्थानीय अजीत सिंह का मानना है कि सरकार का जो वक्तव्य था, उसे पूरा करना चाहिए. वहीं, स्थानीय शब्बीर हुसैन का कहना है कि बिजली आपूर्ति कम होती है. जबकि बिजली दर बढ़ गए है. जिससे जनता पर बोझ बढ़ गया है.

24 घंटे बिजली देने का वादा चुनावी जुमला साबित हुआ
वहीं, प्रमुख विपक्षी दल की ओर से इस मुद्दे को प्रमुखता से नहीं उठाने के सवाल पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री का वर्ष 2018 के दिसम्बर तक 24 घंटे बिजली देने का वादा चुनावी जुमला साबित हुआ है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा बिजली के मुद्दे को सड़क से लेकर सदन तक उठाती रही है, लेकिन आचार संहिता लागू होने की वजह से पार्टी सड़क पर उतरकर आंदोलन नहीं कर पा रही है. लेकिन चुनाव के बाद फिर बिजली के मुद्दे पर आंदोलन करेगी.

पहले बिजली सुबह कटती थी तो रात में आती थी
वहीं, सत्तारूढ़ बीजेपी का दावा है कि कांग्रेस के 70 साल के शासनकाल में भी बिजली की व्यवस्था सुदृढ़ नहीं हुई थी. लेकिन अब बीजेपी के शासनकाल में उन गांवों तक भी बिजली पहुंच गई है जंहा के लोगों ने कभी बिजली नही देखी थी. बीजेपी नेता और रांची की मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि बीजेपी सरकार में ही सभी गांवों तक बिजली पहुंची है. जबकि कांग्रेस के शासनकाल में बिजली की व्यवस्था नहीं की गई थी. पहले बिजली सुबह कटती थी तो रात में आती थी. लेकिन अब इस स्थिति में सुधार हुआ है. जिससे लोगों में उत्साह का माहौल है.

रांची: प्रदेश के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 2018 के दिसंबर माह तक राज्य में 24 घंटे बिजली देने का वादा किया था, साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर इस वादे को सरकार पूरा नहीं कर पाती है तो वह जनता से वोट नहीं मांगेंगे. वहीं, 24 घंटे बिजली देने के वादे को लेकर आम जनता का मानना है कि सरकार अपने वादे पर खरा नहीं उतर सकी. बल्कि बिजली की कम आपूति और दर बढ़ने से गरीबों पर बोझ बढ़ गया है.

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पावर कट की वजह से आम लोग हलकान हैं
लोकसभा चुनाव 2019 में सत्तारूढ़ बीजेपी की तरफ से आम जनता के बुनियादी सुविधाओं को मुद्दे के रूप में नहीं रखा जा रहा है. खासकर राज्य में बिजली समस्या का निदान भी सरकार के किए गए वादे और दावे के विपरीत है. सरकार की तरफ से दावा किया गया था कि राज्य में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जाएगी और वादा पूरा नहीं होने पर जनता से वोट नहीं मांगेंगे, लेकिन चुनाव में इस वादे को भूल प्रदेश के मुख्यमंत्री बीजेपी प्रत्याशी की जीत के लिए लगातार जन सभाओं के माध्यम से वोट मांग रहे हैं.

ऐसे में आम जनता का सीधे तौर पर कहना है कि सरकार अपने वादे पर खरा नहीं उतरी है. पावर कट की वजह से आम लोग हलकान हैं. स्थानीय अजीत सिंह का मानना है कि सरकार का जो वक्तव्य था, उसे पूरा करना चाहिए. वहीं, स्थानीय शब्बीर हुसैन का कहना है कि बिजली आपूर्ति कम होती है. जबकि बिजली दर बढ़ गए है. जिससे जनता पर बोझ बढ़ गया है.

24 घंटे बिजली देने का वादा चुनावी जुमला साबित हुआ
वहीं, प्रमुख विपक्षी दल की ओर से इस मुद्दे को प्रमुखता से नहीं उठाने के सवाल पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री का वर्ष 2018 के दिसम्बर तक 24 घंटे बिजली देने का वादा चुनावी जुमला साबित हुआ है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा बिजली के मुद्दे को सड़क से लेकर सदन तक उठाती रही है, लेकिन आचार संहिता लागू होने की वजह से पार्टी सड़क पर उतरकर आंदोलन नहीं कर पा रही है. लेकिन चुनाव के बाद फिर बिजली के मुद्दे पर आंदोलन करेगी.

पहले बिजली सुबह कटती थी तो रात में आती थी
वहीं, सत्तारूढ़ बीजेपी का दावा है कि कांग्रेस के 70 साल के शासनकाल में भी बिजली की व्यवस्था सुदृढ़ नहीं हुई थी. लेकिन अब बीजेपी के शासनकाल में उन गांवों तक भी बिजली पहुंच गई है जंहा के लोगों ने कभी बिजली नही देखी थी. बीजेपी नेता और रांची की मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि बीजेपी सरकार में ही सभी गांवों तक बिजली पहुंची है. जबकि कांग्रेस के शासनकाल में बिजली की व्यवस्था नहीं की गई थी. पहले बिजली सुबह कटती थी तो रात में आती थी. लेकिन अब इस स्थिति में सुधार हुआ है. जिससे लोगों में उत्साह का माहौल है.

Intro:रांची. प्रदेश के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 2018 के दिसंबर माह तक राज्य में 24 घंटे बिजली देने के वादे के साथ कहा था कि अगर इस वादे को सरकार पूरा नहीं कर पाती है. तो वह जनता से वोट नहीं मांगेंगे. लेकिन 24 घंटे बिजली देने के वादे को लेकर आम जनता का है मानना सरकार अपने वादे पर खरा नहीं उतरी है. बल्कि बिजली की कम आपूति के से दर बढ़ने से गरीबों पर बोझ बढ़ गया है.




Body:लोकसभा चुनाव 2019 में सत्तारूढ़ बीजेपी के तरफ से आम जनता के बुनियादी सुविधाओं को मुद्दे के रूप में नहीं रखा जा रहा है.खासकर राज्य में बिजली समस्या का निदान भी सरकार के किए गए वादे और दावे के विपरीत है. क्योंकि सरकार की तरफ से दावा किया गया था कि राज्य में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जाएगी और अगर यह वादा नहीं पूरा किया गया. तो जनता से वोट नहीं मांगे जाएंगे. लेकिन चुनाव में इस वादे को भूल लगातार प्रदेश के मुख्यमंत्री बीजेपी प्रत्याशी की जीत के लिए जन सभाओं के माध्यम से वोट मांग रहे हैं.


ऐसे में आम जनता का सीधे तौर पर कहना है कि सरकार अपने वादे पर खरा नहीं उतरी है. पावर कट की वजह से आम लोग हलकान हैं .स्थानीय अजित सिंह का मानना है कि सरकार का जो वक्तव्य था. उसे पूरा करना चाहिए.वंही स्थानीय शब्बीर हुसैन का कहना है कि बिजली आपूर्ति कम होती है. जबकि बिजली दर बढ़ गए है.इससे जनता पर बोझ बढ़ गया है.




Conclusion:वंही प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से इस मुद्दे को प्रमुखता से नही उठाने के सवाल पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री का वर्ष 2018 के दिसम्बर तक 24 घंटे बिजली देने का वादा चुनावी जुमला साबित हुआ है.उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा बिजली के मुद्दे को सड़क से लेकर सदन तक उठाती रही है.लेकिन आचार संहिता लागू होने की वजह से पार्टी सड़क पर उतरकर आंदोलन नही कर पा रही है.लेकिन चुनाव के बाद फिर बिजली के मुद्दे पर आंदोलन करेगी.

जबकि सत्तारूढ़ बीजेपी का दावा है कि कांग्रेस के 70 साल के शासनकाल में भी बिजली की व्यवस्था सुदृढ़ नही हुई थी. लेकिन अब बीजेपी के शासनकाल में उन गांवों तक भी बिजली पहुंच गई है. जंहा के लोगों ने कभी बिजली नही देखी थी.बीजेपी नेता और रांची की मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि बीजेपी सरकार में ही सभी गांवों तक बिजली पहुंची है.जबकि कांग्रेस के शासनकाल में बिजली की व्यवस्था नहीं की गई थी.पहले बिजली सुबह कटती थी तो रात में आती थी. लेकिन अब इस स्थिति में सुधार हुआ है. जिससे लोगों में उत्साह का माहौल है.

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