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झारखंड में आम लोगों को कॉम्बेट ड्रेस से करना होगा तौबा, नक्सली अभियान में आती है दिक्कत

झारखंड में आम लोग अब कॉम्बेट ड्रेस नहीं पहन सकते हैं. आम लोगों के कॉम्बेट ड्रेस पहनने से नक्सल अभियान में परेशानी होती है. झारखंड पुलिस ने इस बाबत सभी एसएसपी और एसपी को पत्र लिखा है.

Combat dress banned
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Published : Oct 25, 2021, 5:32 PM IST

रांची: अगर आप झारखंड में रहते हैं और कॉम्बेट ड्रेस पहनने का शौक रखते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. झारखंड पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को पत्र लिखकर सुनिश्चित करने को कहा है कि कोई भी आम नागरिक कॉम्बेट ड्रेस न पहने.

ये भी पढ़ें- रांची: जगुआर को छोड़ राज्य में कहीं भी पुलिस नहीं पहनेगी चितकबरी वर्दी, आदेश जारी

दरअसल, झारखंड एक नक्सल प्रभावित राज्य है. इसकी वजह से ऑपरेशन के दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों को यह तय कर पाना मुश्किल हो जाता है कि कौन नक्सली है और कौन आम नागरिक. क्योंकि इस ड्रेस का इस्तेमाल नक्सली भी करते हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए पुलिस मुख्यालय की तरफ से पत्र जारी हुआ है. पुलिस महानिरीक्षक अभियान ने अपने पत्र के जरिए स्पष्ट निर्देश दिया है कि ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों को किसी तरह का भ्रम नहीं होना चाहिए. इसलिए सभी जिलों में आम नागरिकों के कॉम्बेट ड्रेस पहनने पर रोक लगाना जरूरी है.

Combat dress banned
झारखंड पुलिस के आदेश की कॉपी

आपको बता दें कि कॉम्बेट ड्रेस को आम बोलचाल की भाषा में चितकबरा ड्रेस भी कहा जाता है. इस पैटर्न के कपड़ों का आमलोगों में खूब क्रेज बढ़ा है. लड़कियां भी कॉम्बेट प्रिंट वाले कपड़े पहनने लगी हैं. ट्रेन में भी आम लोग इस पैटर्न के लोअर पहने दिख जाते हैं. कई बार आम लोगों को भी फर्क कर पाना मुश्किल हो जाता है कि सामने वाला फोर्स से जुड़ा है या नहीं. चूकि झारखंड एक नक्सल प्रभावित राज्य है. इसलिए आम लोगों की सुरक्षा को देखते हुए इस बाबत पत्र जारी किया गया है. माना जा रहा है कि आम नागरिक भी पुलिस के इस मकसद को सफल बनाने में अपना सहयोग देंगे.

सिर्फ जगुआर के अधिकारी और जवान पहन सकते हैं चितकबरी वर्दी

पिछले साल 9 सितंबर को झारखंड पुलिस में वर्दी पहनने को लेकर नई गाइडलाइंस तय हुई थी. राज्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में निर्णय लिया गया था कि चितकबरा वर्दी (कॉम्बेट ड्रेस) सिर्फ जगुआर के अधिकारी और जवान ही पहनेंगे. नक्सल अभियान या छापेमारी के दौरान जिलों के पुलिसकर्मी अगर चितकबरा वर्दी पहनते हैं तो वह जगुआर की वर्दी से अलग होगा. चौक चौराहों पर चितकबरा वर्दी पहनन कर सहायक पुलिसकर्मियों के ड्यूटी करने पर पूरी तरह रोक लगाने की बात कही गई थी. पुलिसकर्मियों की वर्दी में एकरूपता लाने को लेकर भी जिलों के एसपी को निर्देश देने का प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय को भेजने का फैसला अधिकारियों ने लिया था.

रांची: अगर आप झारखंड में रहते हैं और कॉम्बेट ड्रेस पहनने का शौक रखते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. झारखंड पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को पत्र लिखकर सुनिश्चित करने को कहा है कि कोई भी आम नागरिक कॉम्बेट ड्रेस न पहने.

ये भी पढ़ें- रांची: जगुआर को छोड़ राज्य में कहीं भी पुलिस नहीं पहनेगी चितकबरी वर्दी, आदेश जारी

दरअसल, झारखंड एक नक्सल प्रभावित राज्य है. इसकी वजह से ऑपरेशन के दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों को यह तय कर पाना मुश्किल हो जाता है कि कौन नक्सली है और कौन आम नागरिक. क्योंकि इस ड्रेस का इस्तेमाल नक्सली भी करते हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए पुलिस मुख्यालय की तरफ से पत्र जारी हुआ है. पुलिस महानिरीक्षक अभियान ने अपने पत्र के जरिए स्पष्ट निर्देश दिया है कि ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों को किसी तरह का भ्रम नहीं होना चाहिए. इसलिए सभी जिलों में आम नागरिकों के कॉम्बेट ड्रेस पहनने पर रोक लगाना जरूरी है.

Combat dress banned
झारखंड पुलिस के आदेश की कॉपी

आपको बता दें कि कॉम्बेट ड्रेस को आम बोलचाल की भाषा में चितकबरा ड्रेस भी कहा जाता है. इस पैटर्न के कपड़ों का आमलोगों में खूब क्रेज बढ़ा है. लड़कियां भी कॉम्बेट प्रिंट वाले कपड़े पहनने लगी हैं. ट्रेन में भी आम लोग इस पैटर्न के लोअर पहने दिख जाते हैं. कई बार आम लोगों को भी फर्क कर पाना मुश्किल हो जाता है कि सामने वाला फोर्स से जुड़ा है या नहीं. चूकि झारखंड एक नक्सल प्रभावित राज्य है. इसलिए आम लोगों की सुरक्षा को देखते हुए इस बाबत पत्र जारी किया गया है. माना जा रहा है कि आम नागरिक भी पुलिस के इस मकसद को सफल बनाने में अपना सहयोग देंगे.

सिर्फ जगुआर के अधिकारी और जवान पहन सकते हैं चितकबरी वर्दी

पिछले साल 9 सितंबर को झारखंड पुलिस में वर्दी पहनने को लेकर नई गाइडलाइंस तय हुई थी. राज्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में निर्णय लिया गया था कि चितकबरा वर्दी (कॉम्बेट ड्रेस) सिर्फ जगुआर के अधिकारी और जवान ही पहनेंगे. नक्सल अभियान या छापेमारी के दौरान जिलों के पुलिसकर्मी अगर चितकबरा वर्दी पहनते हैं तो वह जगुआर की वर्दी से अलग होगा. चौक चौराहों पर चितकबरा वर्दी पहनन कर सहायक पुलिसकर्मियों के ड्यूटी करने पर पूरी तरह रोक लगाने की बात कही गई थी. पुलिसकर्मियों की वर्दी में एकरूपता लाने को लेकर भी जिलों के एसपी को निर्देश देने का प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय को भेजने का फैसला अधिकारियों ने लिया था.

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