ETV Bharat / state

रांची में जाति प्रमाण पत्र छिपाकर नौकरी कर रहे 132 गृहरक्षकों पर लटकी तलवार, सीएम ने दिया जांच का आदेश

author img

By

Published : May 30, 2020, 9:14 PM IST

Updated : May 30, 2020, 10:23 PM IST

रांची में सीएम हेमंत ने जाति प्रमाण पत्र छिपाकर 28 सालों से काम कर रहे लोगों के खिलाफ जांच करने का आदेश दिया है. पूर्व में भी इस मामले में एसीबी और लोकायुक्त के यहां शिकायत की गई थी.

CM orders inquiry against 132 homeguards doing job by hiding caste certificate in Ranchi
रांची में जाति प्रमाण पत्र छिपाकर नौकरी कर रहे 132 गृहरक्षकों पर लटकी तलवार

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 132 गृहरक्षकों की ओर से नामांकन के दौरान और बाद में जाति प्रमाण पत्र छिपाकर 28 साल तक सेवा देने के मामले में जांच का आदेश दिया है. मुख्यमंत्री ने सरकार के पारिश्रमिक और भत्ता समेत लेने के मामले में इन 132 गृहरक्षकों से अगले आदेश तक कोई भी कार्य नहीं लेने का आदेश भी दिया है.

पूर्व में भी इस मामले में एसीबी और लोकायुक्त के यहां शिकायत की गई थी. एसीबी ने इस मामले में पूर्व होमगार्ड डीजी बीबी प्रधान से उनका पक्ष भी मांगा था. मामले में लोकायुक्त के यहां अब तक मामले की सुनवाई चल रही है. रांची जिले के 132 गृहरक्षकों ने अपनी जाति बदलकर नौकरी ली थी.

ये भी पढ़ें: सीएम हेमंत सोरेन का ऑपरेशन एयरलिफ्ट जारी, अंडमान निकोबार से 180 प्रवासी लाए जा रहे झारखंड

वे रांची जिले में बतौर गृहरक्षक बहाल हुए थे. शिकायत के मुताबिक, 132 गृहरक्षकों ने 1989 में महतो और बैठा जााति छिपाकर मुंडा लिखकर खुद को जनजाति समुदाय का बता नामांकन कराया था. इसका खुलासा साल 2016 में तब हुआ, जब उनके बैंक खाते को आधार से लिंक कराया गया. इस मामले में गलती के बावजूद अफसरों ने कार्रवाई नहीं की, बल्कि जाति-उपजाति में सुधार का मौका दिया. इस मामले में पूर्व डीजी समेत अन्य अधिकारियों की भूमिका संदेह के घेरे में हैं.

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 132 गृहरक्षकों की ओर से नामांकन के दौरान और बाद में जाति प्रमाण पत्र छिपाकर 28 साल तक सेवा देने के मामले में जांच का आदेश दिया है. मुख्यमंत्री ने सरकार के पारिश्रमिक और भत्ता समेत लेने के मामले में इन 132 गृहरक्षकों से अगले आदेश तक कोई भी कार्य नहीं लेने का आदेश भी दिया है.

पूर्व में भी इस मामले में एसीबी और लोकायुक्त के यहां शिकायत की गई थी. एसीबी ने इस मामले में पूर्व होमगार्ड डीजी बीबी प्रधान से उनका पक्ष भी मांगा था. मामले में लोकायुक्त के यहां अब तक मामले की सुनवाई चल रही है. रांची जिले के 132 गृहरक्षकों ने अपनी जाति बदलकर नौकरी ली थी.

ये भी पढ़ें: सीएम हेमंत सोरेन का ऑपरेशन एयरलिफ्ट जारी, अंडमान निकोबार से 180 प्रवासी लाए जा रहे झारखंड

वे रांची जिले में बतौर गृहरक्षक बहाल हुए थे. शिकायत के मुताबिक, 132 गृहरक्षकों ने 1989 में महतो और बैठा जााति छिपाकर मुंडा लिखकर खुद को जनजाति समुदाय का बता नामांकन कराया था. इसका खुलासा साल 2016 में तब हुआ, जब उनके बैंक खाते को आधार से लिंक कराया गया. इस मामले में गलती के बावजूद अफसरों ने कार्रवाई नहीं की, बल्कि जाति-उपजाति में सुधार का मौका दिया. इस मामले में पूर्व डीजी समेत अन्य अधिकारियों की भूमिका संदेह के घेरे में हैं.

Last Updated : May 30, 2020, 10:23 PM IST

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.