रांचीः सत्ताधारी महागठबंधन में घर का भेदी कौन? इसकी पहचान के लिए पूरा महागठबंधन जुटा है. सत्ताधारी दल के साथ साथ सीएम हेमंत सोरेन को यही बात खाए जा रही है कि जरूर हम लोगों के बीच से ही बैठक की सूचनाएं लीक (CM House meeting Information leaked) हो रही हैं. इसके लिए डिनर पर सीएम ने सभी से अलग अलग बात (CM one to one talk to UPA leaders) की.
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यूपीए विधायक दल के नेता इस बात से परेशान हैं कि आखिर कैसे, बैठक की बातें जो मीडिया तक नहीं पहुंचती वह भाजपा के सांसद तक पहुंच रही हैं. ईटीवी भारत के विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो शुक्रवार की रात डिनर डिप्लोमेसी के तहत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महागठबंधन दलों के विधायक दल की बैठक अपने आवास पर बुलाई थी. उस बैठक में झारखंड मुक्ति मोर्चा के सचेतक ने बैठक के दौरान इस बात पर नाराजगी जताई कि बैठक की बातें भाजपा के नेताओं और खासकर निशिकांत दुबे तक कैसे पहुंच जाती हैं? उन्होंने कहा कि जरूर हमलोगों के बीच से ही बैठक की सूचनाएं लीक (mole in ruling alliance) हो रही हैं.
अपने सचेतक द्वारा उठाये गए इस सवाल पर मुख्यमंत्री को ही लगा कि ऐसा वास्तव में हो (Jharkhand Political Crisis) रहा है. सूत्र बताते हैं इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम उस हॉल से कुछ देर के लिए बाहर चले गए और बगल वाले कमरे में आपस में बात की. इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक एक कर UPA के सभी विधायकों से अलग अलग बातें की. हॉल से अलग जाकर मुख्यमंत्री की विधायकों से बात करने के पीछे सम्भवतः यह भी योजना रही होगी कि अलग अलग विधायकों से कुछ खास बातें की जाए और यह परखा जाए कि कौन अंदर की खबर भाजपा नेताओं खासकर गोड्डा सांसद को बता दे रहा है? हमारे संवाददाता के विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि झामुमो के नेता और सचेतक ने यह महसूस किया है कि बातें लीक हो रही हैं.
निशिकांत दुबे के ट्वीट से परेशान झामुमो-कांग्रेस के नेताः ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में हेमंत सोरेन की परेशानी बढ़ने वाली जानकारी से लेकर बरहेट विधायक की सदस्यता जाने, दुमका-बरहेट में उपचुनाव होने और महागठबंधन के विधायकों को बस में बिठाकर छत्तीसगढ़ ले जाने की दी जानकारी. इसके अलावा कुछ जानकारियां ऐसी जरूर है जिसपर महागठबंधन विधायक दल की बैठक में जरूर चर्चा हुई होगी और अगले ही पल भाजपा सांसद ने इसे सोशल मीडिया पर सार्वजनिक कर दिया. ऐसे में सूत्र बताते हैं कि मथुरा महतो ने बैठक के दौरान कहा कि दुख की बात है कि बैठक की बातें भाजपा नेताओं तक पहुंच रही (leaders upset to mole in ruling alliance) हैं. इसके बाद ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हॉल से बाहर एक कमरे में पहले कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम के साथ बात की और फिर अलग अलग विधायकों से बात की ताकि कोई बात भाजपा के नेताओं तक ना पहुंचे.
शुक्रवार शाम की बैठक में झामुमो के विधायक नहीं पहुंचे तो सीएम ने खुद की सबसे बात कीः सूत्रों के हवाले से खबर है कि मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर महागठबंधन विधायक दल की बैठक और डिनर का आयोजन किया था. इसमें पहली बार माले विधायक बिनोद सिंह तक पहुंचे थे. लेकिन झामुमो की ही सीता सोरेन, सविता महतो, लोबिन हेंब्रम, बसंत सोरेन, चमरा लिंडा और दिनेश साइमन मरांडी नहीं पहुंचे. इसके बाद मुख्यमंत्री और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने सभी अनुपस्थित विधायकों से एक-एककर फोन पर बात की. चमरा लिंडा से मुख्यमंत्री का कांटेक्ट नहीं हो पाया. बाकी अन्य सभी अनुपस्थित रहने वाले विधायकों से हेमंत सोरेन की बात हुई. सभी ने शाम की बैठक में शामिल नहीं होने की वजह बताते हुए कहा कि वह उनके हर फैसले में साथ खड़े हैं.
संभवतः भाजपा के गोड्डा सांसद का ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में कई ट्वीट्स और UPA विधायकों को छत्तीसगढ़ ले जाने की तैयारी से लेकर यहां तक कहना कि झामुमो के सूत्रों से मिलने वाली जानकारी से वह अवगत कराते रहेंगे. ऐसे में सुबह शाम मुख्यमंत्री आवास पर लग रही UPA विधायकों की हाजिरी के साथ साथ जहां एकजुटता दिखाने की कोशिश है तो यह भी पहचान करने की कवायद है कि आखिर घर का भेदी कौन है?