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20 साल से उल्टे पांव चल रहा था झारखंड, अब मंजिल तक है पहुंचानाः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन - जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पर सीएम हेमंत सोरेन का बयान

झारखंड में नई नियुक्ति नियमावली के तहत होने वाली जेपीएससी के 7वीं से लेकर दसवीं सिविल सेवा परीक्षा में अधिकतम उम्र सीमा निर्धारण को लेकर हेमंत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सीएम ने कहा कि हमने बेहतर फार्मूला देने का प्रयास किया है. इसका लाभ पढ़े-लिखे नौजवानों को जरूर मिलेगा.

CM Hemant statement on age limit in JPSC Civil Services Examination
जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पर सीएम हेमंत का बयान
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Published : Feb 3, 2021, 11:09 PM IST

रांची: नई नियुक्ति नियमावली के तहत होने वाली जेपीएससी के 7वीं से लेकर दसवीं सिविल सेवा परीक्षा में अधिकतम उम्र सीमा निर्धारण को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अधिकतम उम्र सीमा के निर्धारण की तिथि 1 अगस्त 2016 को निर्धारित की गई है.

जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पर सीएम हेमंत सोरेन का बयान

नियोजन नीति को लेकर भी फैसला
एससी-एसटी और अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को नियम के तहत छूट मिलेगी. जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में अनारक्षित श्रेणी के कट ऑफ मार्क से आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए कट ऑफ मार्क्स अधिकतम 8% ही कम किया जाएगा. वहीं नियोजन नीति को लेकर भी फैसला हुआ है. 20 नवंबर 2018 को लागू की गई नियोजन नीति को इस सरकार ने रद्द कर दिया है. नियुक्तियों को लेकर नए सिरे से विज्ञापन निकालकर अब बहाली होगी.

ये भी पढ़ें-सरकार के नए स्क्रैप पॉलिसी से ऑटोमोबाइल सेक्टर में जगी आस, प्रोडक्शन में आएगा उछाल

बेहतर फार्मूला देने का प्रयास

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जेपीएससी को लेकर लिए गए निर्णय को बेहतर फार्मूला बताया है. सीएम ने कहा है कि 20 साल से राज्य उल्टे पांव चल रहा था. ना कोई राह थी और ना ही कोई मंजिल. बस चलते जाना था, लेकिन इस सरकार ने राह बनाने का काम किया है और मंजिल तक पहुंचाना भी इस सरकार का मकसद है. साल 2016 में जेपीएससी के आखिरी परीक्षा हुई थी. हमने बेहतर फार्मूला देने का प्रयास किया है. इसका लाभ पढ़े-लिखे नौजवानों को जरूर मिलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह साल नियुक्तियों का साल होगा.

रांची: नई नियुक्ति नियमावली के तहत होने वाली जेपीएससी के 7वीं से लेकर दसवीं सिविल सेवा परीक्षा में अधिकतम उम्र सीमा निर्धारण को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अधिकतम उम्र सीमा के निर्धारण की तिथि 1 अगस्त 2016 को निर्धारित की गई है.

जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पर सीएम हेमंत सोरेन का बयान

नियोजन नीति को लेकर भी फैसला
एससी-एसटी और अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को नियम के तहत छूट मिलेगी. जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में अनारक्षित श्रेणी के कट ऑफ मार्क से आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए कट ऑफ मार्क्स अधिकतम 8% ही कम किया जाएगा. वहीं नियोजन नीति को लेकर भी फैसला हुआ है. 20 नवंबर 2018 को लागू की गई नियोजन नीति को इस सरकार ने रद्द कर दिया है. नियुक्तियों को लेकर नए सिरे से विज्ञापन निकालकर अब बहाली होगी.

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बेहतर फार्मूला देने का प्रयास

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जेपीएससी को लेकर लिए गए निर्णय को बेहतर फार्मूला बताया है. सीएम ने कहा है कि 20 साल से राज्य उल्टे पांव चल रहा था. ना कोई राह थी और ना ही कोई मंजिल. बस चलते जाना था, लेकिन इस सरकार ने राह बनाने का काम किया है और मंजिल तक पहुंचाना भी इस सरकार का मकसद है. साल 2016 में जेपीएससी के आखिरी परीक्षा हुई थी. हमने बेहतर फार्मूला देने का प्रयास किया है. इसका लाभ पढ़े-लिखे नौजवानों को जरूर मिलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह साल नियुक्तियों का साल होगा.

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