ETV Bharat / state

दिल्ली में हेमंत ने सोनिया गांधी और पी चिदंबरम से की मुलाकात, ईसीआई को भी भेजा पत्र - कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम से मिलकर सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren meet Sonia Gandhi) विशेष विमान से रांची लौट आए.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Sep 16, 2022, 7:49 PM IST

Updated : Sep 17, 2022, 6:55 AM IST

रांची: शुक्रवार को झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Hemant Soren meet Sonia Gandhi) और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम से अगल-अगल मुकालाक की. कांग्रेस के शीर्ष नेता से मिलने के बाद विशेष विमान से रांची लौट आए. पूर्व केंद्रीय मंत्री और काग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम से मुलाकात (Hemant Soren meets P Chidambaram) के बाद सीएमओ ने ट्वीट कर लिखा है कि नई दिल्ली में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम से शिष्टाचार मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक सीएम ने दिल्ली में राष्ट्रपति से मुलाकात के लिए समय मांगा था, लेकिन व्यस्तता के कारण समय नहीं मिल पाया.

ये भी पढ़ें- चिट्ठी के बाद वाली सियासत में मन वाली राजनीति, सीएम हेमंत को कितना फायदा, कितना नुकसान

गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्यपाल से मिलने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे. हेमंत के दिल्ली दौरे को लेकर राज्य में राजनीतिक हलचल बढ़ गई थी. हेमंत सोरेन दिल्ली में अपने अधिवक्ता से मिलकर ईसीआई को पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि जब 18 अगस्त को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में सुनवाई पूरी हो गयी तो उसके एक महीने बाद भी यह नहीं पता चला कि निर्वाचन आयोग का मंतव्य क्या है?

इधर रांची में भी इस मुद्दे को लेकर जेएमएम के तेवर तल्ख दिखे. जेएमएम नेता सुप्रियो भट्टाचार्या ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर निशाना साधा है. कहा कि हम लोगों को यह अंदेशा है कि जिस तरह गुरुवार को भाजपा की बैठक के बाद का बयान प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने दिया वह धमकी भरा है. झामुमो नेता ने कहा कि अगर राजभवन से और न्यायाधिकरण से हमें संरक्षण नहीं मिलेगा तो लोकतंत्र कैसे बचेगा? 22 साल बाद पिछड़ों को उचित आरक्षण मिला है तो आदिवासियों मूलवासियों को पहचान मिली है. बाबूलाल मरांडी के मुख्यमंत्री रहते और सुदेश महतो के मंत्री रहते 2001 में पिछड़ों का आरक्षण 27% से घटाकर 14% कर दिया था. बाबूलाल मरांडी ने बिना लोगों को विश्वास में लिए राज्य में डोमिसाइल लागू किया गया और राज्य धधक गया था, वह भी भाजपा की साजिश थी. रघुवर दास के शासनकाल में आजसू के मंत्री रहते 1985 को स्थानीय नीति का आधार बनाया गया.

रांची: शुक्रवार को झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Hemant Soren meet Sonia Gandhi) और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम से अगल-अगल मुकालाक की. कांग्रेस के शीर्ष नेता से मिलने के बाद विशेष विमान से रांची लौट आए. पूर्व केंद्रीय मंत्री और काग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम से मुलाकात (Hemant Soren meets P Chidambaram) के बाद सीएमओ ने ट्वीट कर लिखा है कि नई दिल्ली में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम से शिष्टाचार मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक सीएम ने दिल्ली में राष्ट्रपति से मुलाकात के लिए समय मांगा था, लेकिन व्यस्तता के कारण समय नहीं मिल पाया.

ये भी पढ़ें- चिट्ठी के बाद वाली सियासत में मन वाली राजनीति, सीएम हेमंत को कितना फायदा, कितना नुकसान

गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्यपाल से मिलने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे. हेमंत के दिल्ली दौरे को लेकर राज्य में राजनीतिक हलचल बढ़ गई थी. हेमंत सोरेन दिल्ली में अपने अधिवक्ता से मिलकर ईसीआई को पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि जब 18 अगस्त को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में सुनवाई पूरी हो गयी तो उसके एक महीने बाद भी यह नहीं पता चला कि निर्वाचन आयोग का मंतव्य क्या है?

इधर रांची में भी इस मुद्दे को लेकर जेएमएम के तेवर तल्ख दिखे. जेएमएम नेता सुप्रियो भट्टाचार्या ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर निशाना साधा है. कहा कि हम लोगों को यह अंदेशा है कि जिस तरह गुरुवार को भाजपा की बैठक के बाद का बयान प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने दिया वह धमकी भरा है. झामुमो नेता ने कहा कि अगर राजभवन से और न्यायाधिकरण से हमें संरक्षण नहीं मिलेगा तो लोकतंत्र कैसे बचेगा? 22 साल बाद पिछड़ों को उचित आरक्षण मिला है तो आदिवासियों मूलवासियों को पहचान मिली है. बाबूलाल मरांडी के मुख्यमंत्री रहते और सुदेश महतो के मंत्री रहते 2001 में पिछड़ों का आरक्षण 27% से घटाकर 14% कर दिया था. बाबूलाल मरांडी ने बिना लोगों को विश्वास में लिए राज्य में डोमिसाइल लागू किया गया और राज्य धधक गया था, वह भी भाजपा की साजिश थी. रघुवर दास के शासनकाल में आजसू के मंत्री रहते 1985 को स्थानीय नीति का आधार बनाया गया.

Last Updated : Sep 17, 2022, 6:55 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.