रांची: रंगारंग प्रस्तुति के साथ दो दिवसीय झारखंड आदिवासी महोत्सव का आगाज बुधवार यानी 09 अगस्त को हो गया. विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर राज्य सरकार द्वारा आयोजित इस महोत्सव का उद्घाटन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुजी शिबू सोरेन के साथ किया. बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान में आयोजित इस कार्यक्रम में आए अतिथियों का स्वागत सखुआ का पौधा और अंगवस्त्र देकर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने किया.
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इस मौके पर कांग्रेस विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनुप सिंह और विनोद सिंह भी मौजूद थे. महोत्सव के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा आदिवासी संस्कृति पर आधारित जहां डाक टिकट जारी किया गया. वहीं 35 जनजाति पर लिखी गई किताबों का विमोचन भी किया गया.
गुरुजी शिबू सोरेन का संदेश, पढ़ाई करें आगे बढ़ें: इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि आए राज्य समन्वय समिति के अध्यक्ष गुरुजी शिबू सोरेन ने संबोधित करते हुए कहा कि देश-दुनिया में आदिवासियों की अपनी अलग पहचान है. पेट की खातिर मजदूरी करने के लिए उन्हें बाहर जाना पड़ता है. उन्होंने आदिवासी समाज को पढ़ाई पर जोर देने का आह्वान करते हुए कहा कि हम पढ़ाई करेंगे तो आगे बढ़ेंगे.
आदिवासी एकजुट हों-सीएम: आदिवासी दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदिवासियों को एकजुट होने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि हम एकजुट रहेंगे तो कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा. देश के लगभग 13 करोड़ आदिवासी को एक होकर सोचना होगा. हमारा लक्ष्य भी एक होना चाहिए. मणिपुर में हजारों घर जलकर तबाह हो गए. कहीं आदिवासी समुदाय के लोगों पर पेशाब किया जा रहा है. हम आदिवासी मूल निवासी है. सीएम ने कहा कि जुल्म के खिलाफ संघर्ष की हिम्मत आदिवासी समाज के लोगों ने दिखाई है. आज भी देश में सबसे पिछड़ा गरीब शोषित वंचित आदिवासी समाज है.
सीएम ने कहा कि पिछले वर्ष भी धूमधाम से आदिवासी महोत्सव को मनाया गया. इस महोत्सव के अपने अलग मायने हैं. कई मायनों से महत्वपूर्ण भी हैं. इसमें कई राज्य से आये हुए आदिवासी कलाकार अपनी-अपनी प्रस्तुति देंगे. साथ ही पैनल डिबेट भी होगा. आदिवासी समुदाय अपनी-अपनी समस्याओं को भी साझा करेंगे.