ETV Bharat / state

ये राजसत्ता है, पिता से मिली राजनीति की विरासत, अब गुरुजी के नाम पर गद्दी वाली सियासत

Jharkhand political crisis के बीच शुक्रवार को सीएम हेमंत सोरेन एक कार्यक्रम में शामिल होने लातेहार पहुंच वहीं उन्होंने बीजेपी और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. इस दौरान वो आदिवासियों के बीच विक्टिम कार्ड भी खेलते नजर आए.

CM Hemant played victim card in Latehar
CM Hemant played victim card in Latehar
author img

By

Published : Aug 26, 2022, 9:08 PM IST

रांची: राजनीति में कब कौन से मोहरे को बैठाकर अपनी जीत करनी है यह नेता बेहतर जानते हैं. सियासी सतरंज में मुद्दे के किस सरगम की तान को कब और किस भवना के साथ छेड़ना है इसकी पटकथा और भावनाओं की कहानी भी इन्हें खूब आती है. झारखंड की राजनीति में गुरुजी ने अपनी लड़ाई से जिस सल्तनत को खड़ा किया उसकी राजनीतिक विरासत को पिता के सपनों के साकार करने के नाम पर हेमंत ने अपने साथ जोड़ लिया और सूबे की गद्दी पर काबिज भी हो गए हैं. गद्दी मिली तो कह दिए यह पिता जी का आशिर्वाद है, जब मामला अपने काम से ऑफिस ऑफ प्रफिट में आकर फंस रहा है तो हेमंत ने कह दिया यह मेरे बाबू जी के सहारे मुंझ तक पहुंचने का काम कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- लातेहार में बोले हेमंत, गला रेतने के लिए बना रहा आरी, पांच महीने से राजभवन रच रहा षड्यंत्र

लातेहार में मंच से हेमंत सोरेन ने आदिवासी समाज और आदिवासी के संघर्ष की कहानी बता डाली, अपने पिता की हिम्मत और हौसले की बात भी कह डाली और उनका बेटा होने के नाते उनमें पिता के संघर्ष से सीख मिली है यह भी कह दिया लेकिन जिस मामले की चल रही जांच में हेमंत सोरेन की सदस्यता जा रही है उसका जिक्र करने के बजाय कह दिया कि मेरे पिता के लोकपाल वाले केस के सहारे केन्द्र और भाजपा की सरकार मुझ तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. आदिवासी समाज को तोड़ने का काम किया जा रहा है और हम लोगों के फंसाने का काम किया जा रहा है.

सीएम हेमंत सोरेन

जाति और विकास की राजनीति का जो तानाबाना सीएम हेमंत सोरेन ने मंच से बुना उसमें आदिवासी अस्मिता का सवाल हर तरह से रख दिया गया लेकिन अपने उस काम को भी पिता के कंधे पर डाल दिया गया जो हेमंत सोरेन के नाम पर ही है. ऑफिस ऑफ प्रफिट मामले में कहीं भी गुरुजी का नाम नहीं है. गुरुजी के नाम पर एक खदानों का आवंटन नहीं है, ऐसे में हेमंत ने कह दिया यह मेरे बाबू जी के सहारे मुंझतक पहुंचने का काम कर रहे हैं इसकी मूल वजह क्या है. झारखंड में गुरुजी ने जल जंगल जमीन की लड़ाई लड़कर आदिवासियों के बीच में अपने आप को स्थापित किया और आदिवासी उन्हें अपना महानायक भी मानते हैं. लेकिन आदिवासियों के बीच में जो पैठ गुरुजी की है वह हेमंत की नहीं है. हेमंत अपने पिता के सहारे ही आगे बढ़े हैं, और अब जब फंसने लगे हैं तो फिर से अपने पिता के सहारे विक्टिम कार्ड खेलकर आदिवासियों के बीच में बने रहने की कोशिश कर रहे हैं. CM Hemant played victim card in Latehar.

रांची: राजनीति में कब कौन से मोहरे को बैठाकर अपनी जीत करनी है यह नेता बेहतर जानते हैं. सियासी सतरंज में मुद्दे के किस सरगम की तान को कब और किस भवना के साथ छेड़ना है इसकी पटकथा और भावनाओं की कहानी भी इन्हें खूब आती है. झारखंड की राजनीति में गुरुजी ने अपनी लड़ाई से जिस सल्तनत को खड़ा किया उसकी राजनीतिक विरासत को पिता के सपनों के साकार करने के नाम पर हेमंत ने अपने साथ जोड़ लिया और सूबे की गद्दी पर काबिज भी हो गए हैं. गद्दी मिली तो कह दिए यह पिता जी का आशिर्वाद है, जब मामला अपने काम से ऑफिस ऑफ प्रफिट में आकर फंस रहा है तो हेमंत ने कह दिया यह मेरे बाबू जी के सहारे मुंझ तक पहुंचने का काम कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- लातेहार में बोले हेमंत, गला रेतने के लिए बना रहा आरी, पांच महीने से राजभवन रच रहा षड्यंत्र

लातेहार में मंच से हेमंत सोरेन ने आदिवासी समाज और आदिवासी के संघर्ष की कहानी बता डाली, अपने पिता की हिम्मत और हौसले की बात भी कह डाली और उनका बेटा होने के नाते उनमें पिता के संघर्ष से सीख मिली है यह भी कह दिया लेकिन जिस मामले की चल रही जांच में हेमंत सोरेन की सदस्यता जा रही है उसका जिक्र करने के बजाय कह दिया कि मेरे पिता के लोकपाल वाले केस के सहारे केन्द्र और भाजपा की सरकार मुझ तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. आदिवासी समाज को तोड़ने का काम किया जा रहा है और हम लोगों के फंसाने का काम किया जा रहा है.

सीएम हेमंत सोरेन

जाति और विकास की राजनीति का जो तानाबाना सीएम हेमंत सोरेन ने मंच से बुना उसमें आदिवासी अस्मिता का सवाल हर तरह से रख दिया गया लेकिन अपने उस काम को भी पिता के कंधे पर डाल दिया गया जो हेमंत सोरेन के नाम पर ही है. ऑफिस ऑफ प्रफिट मामले में कहीं भी गुरुजी का नाम नहीं है. गुरुजी के नाम पर एक खदानों का आवंटन नहीं है, ऐसे में हेमंत ने कह दिया यह मेरे बाबू जी के सहारे मुंझतक पहुंचने का काम कर रहे हैं इसकी मूल वजह क्या है. झारखंड में गुरुजी ने जल जंगल जमीन की लड़ाई लड़कर आदिवासियों के बीच में अपने आप को स्थापित किया और आदिवासी उन्हें अपना महानायक भी मानते हैं. लेकिन आदिवासियों के बीच में जो पैठ गुरुजी की है वह हेमंत की नहीं है. हेमंत अपने पिता के सहारे ही आगे बढ़े हैं, और अब जब फंसने लगे हैं तो फिर से अपने पिता के सहारे विक्टिम कार्ड खेलकर आदिवासियों के बीच में बने रहने की कोशिश कर रहे हैं. CM Hemant played victim card in Latehar.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.