रांचीः राजधानी के निबंधन कार्यालय से जमीन संबंधी रिकार्ड गायब कर कई एकड़ जमीन की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री के मामले की जांच अब सीआईडी करेगी. शुक्रवार को सीआईडी ने कोतवाली थाने में 23 सितंबर 2020 को दर्ज केस को टेकओवर कर लिया. सीआईडी ने कोतवाली थाने में दर्ज एफआईआर के आधार पर लेखापाल रोपना उरांव, महादेव उरांव(अब मृत) और रात्रि प्रहरी का काम करने वाले साबिर हसन को आरोपी बनाया है. तीनों के खिलाफ रजिस्टार राहुल कुमार चौबे ने शिकायत दर्ज कराई थी. राज्य पुलिस मुख्यालय के आदेश के बाद इस केस को सीआईडी को सौंप दिया गया है.
फंस सकते हैं कई सीओ और कर्मचारी
जमीन के रिकॉर्ड गायब कर फर्जी तरीके से जमीन की रजिस्ट्री और म्यूटेशन में शहर अंचल के कई सीओ और कर्मचारी फंस सकते हैं. साल 2015 में कोतवाली पुलिस ने जांच में सीओ स्तर के एक अधिकारी को गैर प्राथमिकी अभियुक्त भी बनाया था. मामले की हाल में आईजी स्तर के अधिकारी ने समीक्षा की थी. समीक्षा के बाद केस की जांच सीआईडी से कराने का प्रस्ताव तैयार किया गया था. मामले की समीक्षा के दौरान कोतवाली थाने के पूर्व थानेदारों की ओर से भी गड़बड़ी की बात सामने आई थी.
इसे भी पढ़ें- चतरा में बोले श्रम मंत्रीः विपक्ष के पास नहीं है कोई मुद्दा, बेहतर काम कर रही हेमंत सरकार
कई फर्जी रजिस्ट्री की शिकायत
रांची निबंधन कार्यालय में साल 2011 से लेकर साल 2015 के बीच कई फर्जी रजिस्ट्री की शिकायतें आई थी. इन शिकायतों के आधार पर जांच शुरू हुई तो पाया गया कि जमीन संबंधी रिकॉर्ड फाड़ा जा चुका है. रिकॉर्ड फटे होने के बाद रजिस्टर-2 में गलत एंट्री कर जमीन की रजिस्ट्री और म्यूटेशन करा दी जाती थी. कोतवाली थाने में पहली बार साल 2015 और फिर 2017 में भी रिकॉर्ड गायब करने को लेकर तीनों कर्मियों की भूमिका पर शिकायत की गई थी. साल 2020 में नया मामला सामने आने के बाद तत्कालीन रजिस्ट्रार ने इस संबंध में थाने में शिकायत की थी.