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गृह विभाग के अफसर पर गोलीबारी की फाइल बंद, CID को नहीं मिली गोली मारनेवाले के सबूत

झारखंड सरकार के गृह विभाग में तैनात सेक्शन अफसर मनोज कुमार के ऊपर हुई गोलीबारी मामले की फाइल को सीआईडी की टीम ने बंद कर दिया है. 2015 के आगत महीने में धुर्वा गोलचक्कर के पास ऑफिस जाने के क्रम में मनोज कुमार को गोली मार दी गई थी. घटना के बाद सचिवालयकर्मियों ने अपराधियों को दबोचने के लिए आंदोलन तक किया था.

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Published : Apr 23, 2020, 11:33 PM IST

रांचीः सीआईडी की टीम ने झारखंड सरकार के गृह विभाग में तैनात सेक्शन अफसर मनोज कुमार के ऊपर हुई गोलीबारी मामले की फाइल बंद कर दी है. पिछले 5 सालों तक इस मामले में सीआईडी को कोई सबूत नहीं मिलने के बाद फाइल बंद कर केस में क्लोजर रिपोर्ट दायर किया जा रहा है. वर्ष 2015 में मनोज कुमार को रांची के धुर्वा थाना क्षेत्र स्थित गोल चक्कर के पास दो अपराधियों ने गोली मार दी थी.

क्या था मामला

2015 के आगत महीने में धुर्वा गोलचक्कर के पास ऑफिस जाने के क्रम में मनोज कुमार को गोली मार दी गई थी. घटना के बाद सचिवालयकर्मियों ने अपराधियों को दबोचने के लिए आंदोलन तक किया था. सचिवालयकर्मियों की मांगों को देखते हुए इस मामले में सीआईडी जांच के आदेश दिए गए थे. तकरीबन साढ़े चार साल तक चले अनुसंधान के दौरान सीआईडी ने जमीन विवाद समेत कई पहलूओं पर जांच की विभाग की एक महिला कर्मी से भी सीआईडी ने पूरे मामले में पूछताछ की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. ऐसे में सीआईडी ने केस को सत्य लेकिन सूत्रहीन मानते हुए बंद करने का निर्णय लिया. इस मामले में धुर्वा थाना में दर्ज केस का अनुसंधान बाद में सीआईडी ने टेकओवर किया था. सीआईडी के रांची क्राइम ब्रांच प्रभारी रविकांत प्रसाद वर्तमान में केस के अनुसंधानकर्ता थे.

एडीजी के समीक्षा के बाद केस बंद का निर्णय

सीआईडी एडीजी अनिल पाल्टा इनदिनों लगातार सीआईडी में लंबे समय से लंबित मामलों की समीक्षा कर रहे हैं. सीआईडी एडीजी ने स्वयं गृह विभाग के सेक्शन अफसर को गोली मारे जाने के मामले की समीक्षा की. समीक्षा के बाद उन्होंने आदेश दिया कि केस के सत्य लेकिन सूत्रहीन बताकर बंद किया जाए. जिसके बाद सीआईडी की ओर से इस मामले में शनिवार को क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दिया जाएगा.

रांचीः सीआईडी की टीम ने झारखंड सरकार के गृह विभाग में तैनात सेक्शन अफसर मनोज कुमार के ऊपर हुई गोलीबारी मामले की फाइल बंद कर दी है. पिछले 5 सालों तक इस मामले में सीआईडी को कोई सबूत नहीं मिलने के बाद फाइल बंद कर केस में क्लोजर रिपोर्ट दायर किया जा रहा है. वर्ष 2015 में मनोज कुमार को रांची के धुर्वा थाना क्षेत्र स्थित गोल चक्कर के पास दो अपराधियों ने गोली मार दी थी.

क्या था मामला

2015 के आगत महीने में धुर्वा गोलचक्कर के पास ऑफिस जाने के क्रम में मनोज कुमार को गोली मार दी गई थी. घटना के बाद सचिवालयकर्मियों ने अपराधियों को दबोचने के लिए आंदोलन तक किया था. सचिवालयकर्मियों की मांगों को देखते हुए इस मामले में सीआईडी जांच के आदेश दिए गए थे. तकरीबन साढ़े चार साल तक चले अनुसंधान के दौरान सीआईडी ने जमीन विवाद समेत कई पहलूओं पर जांच की विभाग की एक महिला कर्मी से भी सीआईडी ने पूरे मामले में पूछताछ की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. ऐसे में सीआईडी ने केस को सत्य लेकिन सूत्रहीन मानते हुए बंद करने का निर्णय लिया. इस मामले में धुर्वा थाना में दर्ज केस का अनुसंधान बाद में सीआईडी ने टेकओवर किया था. सीआईडी के रांची क्राइम ब्रांच प्रभारी रविकांत प्रसाद वर्तमान में केस के अनुसंधानकर्ता थे.

एडीजी के समीक्षा के बाद केस बंद का निर्णय

सीआईडी एडीजी अनिल पाल्टा इनदिनों लगातार सीआईडी में लंबे समय से लंबित मामलों की समीक्षा कर रहे हैं. सीआईडी एडीजी ने स्वयं गृह विभाग के सेक्शन अफसर को गोली मारे जाने के मामले की समीक्षा की. समीक्षा के बाद उन्होंने आदेश दिया कि केस के सत्य लेकिन सूत्रहीन बताकर बंद किया जाए. जिसके बाद सीआईडी की ओर से इस मामले में शनिवार को क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दिया जाएगा.

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