रांचीः झारखंड सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद प्रदेश के सरकारी स्कूलों की हालत बदतर है. हाल ही में इसका एक नजारा राजधानी रांची के सरकारी स्कूल में देखने को मिला. जहां हर दिन स्कूल शुरू होने से पहले नौनिहाल खुद हाथों में झाड़ू लेकर साफ सफाई करते हैं. एक से डेढ़ घंटा तक इन विद्यार्थियों का सफाई अभियान जारी रहता है.
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लाख दावा के बावजूद झारखंड के सरकारी स्कूलों की हालत काफी दयनीय है. एक तरफ राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर कई घोषणाएं करती है. लगातार शिक्षा मंत्री के अलावा शिक्षा पदाधिकारियों की ओर से व्यवस्थाओं को सुधारने को लेकर बयान दिया जाता है. लेकिन धरातल पर कुछ और ही दिखता है. राजधानी रांची के बीचों-बीच स्थित एक स्कूल में बच्चे हर रोज हाथों में झाड़ू लेकर सफाई अभियान में जुट जाते हैं. सुबह सुबह जब बच्चे स्कूल पहुंचते हैं, उनका पहला काम होता है स्कूल प्रांगण के साथ-साथ क्लासरूम की पूरी सफाई करना.
जरा इन तस्वीरों को आप देखिए. इन नन्हे बच्चों के हाथों में जिस वक्त कलम कॉपी पेंसिल किताब होनी चाहिए उस वक्त बच्चों के हाथों में झाड़ू लेकर क्लास रूम की सफाई करते दिख रहे हैं. वहीं बेंच की साफ-सफाई भी इन्हीं बच्चों के जिम्मे हैं. इस माध्यमिक सरकारी विद्यालय में सफाई कर्मचारी का इंतजाम नहीं है. लिहाजा यहां विद्यार्थी खुद रोजाना सफाई करने को मजबूर हैं. बच्चे हर दिन स्कूल आने के बाद अपनी कक्षाओं में झाड़ू लगाते हैं और यह इनकी दिनचर्या में शुमार है.
लेकिन मैडम हर दिन प्रिंसिपल के कमरे को जरूर साफ सफाई करती हैं, बाकी काम बच्चों के भरोसे हैं. बच्चे प्रत्येक दिन स्कूल आते हैं इनका सबसे पहला काम प्रार्थना करना नहीं है बल्कि तमाम क्लास रूम का साफ-सफाई करना है, झाड़ू लगाना रहता है. बच्चे करे भी तो क्या करें गंदगी में बैठकर पढ़ाई कैसे करें और इसीलिए इन्हें झाड़ू उठाना पड़ता है. मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने संबंधित अधिकारी से भी बातचीत की है. लेकिन इन सबको लेकर उनकी अपनी दलील देते नजर आते हैं.