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बजट पर चैंबर ने जताई नाराजगी, कहा- सरकार ने सुझावों और मांगों को किया दरकिनार - झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स

झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट विधानसभा में पेश किया. बजट को लेकर चैंबर ने नाराजगी जताई है. झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव राहुल मारू ने कहा कि इस बजट से चैंबर को कुछ नहीं मिला है, जबकि बजट से पहले सरकार को कई सुझाव दिए गए थे.

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झारखंड बजट
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Published : Mar 3, 2021, 4:19 PM IST

रांची: वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने बुधवार को नए वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट विधानसभा में पेश किया है. इस बजट को लेकर झारखंड के व्यवसायियों को खासा उम्मीदें थी, लेकिन बजट में व्यवसायियों को निराशा हाथ लगी है. झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव राहुल मारू ने कहा कि इस बजट से चैंबर को कुछ नहीं मिला है.

बजट पर चैंबर की प्रतिक्रिया

इसे भी पढे़ं: वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव पेश किया झारखंड का बजट, जानिए शिक्षा के क्षेत्र की अहम घोषणाएं


राहुल मारू ने कहा कि झारखंड सरकार को चैंबर की ओर से कई सुझाव दिए गए थे, साथ ही कई मांग रखी गई थी, लेकिन उन सुझावों और मांगों को दरकिनार कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि बजटीय प्रावधान में चैंबर की बातों को जगह नहीं मिल पाई है, सरकार के सामने सुझाव दिए गए थे, कि उद्योग और व्यापार का आयोग बनाया जाना चाहिए, ताकि इंडिपेंडेंट बॉडी की तरह कार्य किया जा सके, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

सरकार ने सुझाव को किया दरकिनार: चैंबर
वहीं उर्जा के क्षेत्र में सुझाव दिया गया था, कि अन्य राज्यों की तरह प्राइवेटाइजेशन किया जाए, ताकि पावर कट की समस्या से निजात मिल सके. उन्होंने कहा कि परिवहन की जो नीति थी, उसके लिए सरकार को सुझाव दिया था, कि जो लाइसेंस बनते हैं, वह पासपोर्ट की तरह प्राइवेट सेक्टर को दिया जाए, क्योंकि बहुत से क्षेत्र में डीटीओ और एमभीआई की कमी है. वहीं टूरिज्म पर सरकार से मांग की गई थी कि ऐसी पॉलिसी बनाई जाए, जिसमें पीपीपी मोड पर लोग इंटरेस्ट लें, क्योंकि झारखंड में टूरिज्म का बहुत स्कोप है, साथ ही माइनिंग सेक्टर पर भी सुझाव दिया गया था, कि अन्य राज्यों की तरह राजस्व को बढ़ाने की दिशा में काम किया जाए, लेकिन बजट में इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

रांची: वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने बुधवार को नए वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट विधानसभा में पेश किया है. इस बजट को लेकर झारखंड के व्यवसायियों को खासा उम्मीदें थी, लेकिन बजट में व्यवसायियों को निराशा हाथ लगी है. झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव राहुल मारू ने कहा कि इस बजट से चैंबर को कुछ नहीं मिला है.

बजट पर चैंबर की प्रतिक्रिया

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राहुल मारू ने कहा कि झारखंड सरकार को चैंबर की ओर से कई सुझाव दिए गए थे, साथ ही कई मांग रखी गई थी, लेकिन उन सुझावों और मांगों को दरकिनार कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि बजटीय प्रावधान में चैंबर की बातों को जगह नहीं मिल पाई है, सरकार के सामने सुझाव दिए गए थे, कि उद्योग और व्यापार का आयोग बनाया जाना चाहिए, ताकि इंडिपेंडेंट बॉडी की तरह कार्य किया जा सके, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

सरकार ने सुझाव को किया दरकिनार: चैंबर
वहीं उर्जा के क्षेत्र में सुझाव दिया गया था, कि अन्य राज्यों की तरह प्राइवेटाइजेशन किया जाए, ताकि पावर कट की समस्या से निजात मिल सके. उन्होंने कहा कि परिवहन की जो नीति थी, उसके लिए सरकार को सुझाव दिया था, कि जो लाइसेंस बनते हैं, वह पासपोर्ट की तरह प्राइवेट सेक्टर को दिया जाए, क्योंकि बहुत से क्षेत्र में डीटीओ और एमभीआई की कमी है. वहीं टूरिज्म पर सरकार से मांग की गई थी कि ऐसी पॉलिसी बनाई जाए, जिसमें पीपीपी मोड पर लोग इंटरेस्ट लें, क्योंकि झारखंड में टूरिज्म का बहुत स्कोप है, साथ ही माइनिंग सेक्टर पर भी सुझाव दिया गया था, कि अन्य राज्यों की तरह राजस्व को बढ़ाने की दिशा में काम किया जाए, लेकिन बजट में इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

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