रांचीः समय पर जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने से कई स्तरों पर छात्रों को परेशानियों से जूझना पड़ता है. कॉलेज स्तर पर छात्रवृत्ति का लाभ लेने की बात हो या फिर स्कूल स्तर पर साइकिल लेने की बात. अब इस परेशानी से जल्द ही निजात मिलने वाली है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा में घोषणा की है कि 29 दिसंबर से राज्य के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में अभियान चलाकर बच्चों का जाति प्रमाण पत्र बनाया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 6 माह तक स्पेशल ड्राइव चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बांग्लादेशियों के लिए नहीं बल्कि यहां के आदिवासी, दलित, पिछड़े और मूल वासियों के लिए काम करती है. दरअसल, बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने सवाल उठाया था कि झारखंड सरकार ने आठवीं और नौवीं कक्षा के स्तर पर साइकिल का लाभ लेने के लिए अल्पसंख्यक समाज के छात्रों को स्वघोषणा के आधार पर जाति प्रमाण पत्र को वैध बताया है. जो सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार बांग्लादेशियों के लिए काम कर रही है. यहां के आदिवासी, दलित और पिछड़े बच्चों से जाति प्रमाण पत्र के लिए डॉक्यूमेंट मांगा जाता है. इस आरोप को पुख्ता करने के लिए उन्होंने 5 फरवरी 2021 को जारी संकल्प पत्र का भी हवाला दिया.
सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश
बीजेपी विधायक के सवाल पर मुख्यमंत्री ने स्कूल स्तर पर जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए ड्राइव चलाने की घोषणा की. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश में वो लगी रहती है.