रांची: झारखंड में नारकोटिक्स और नशे के अवैध कारोबार को लेकर चल रहा अभियान रविवार को खत्म हो गया. एक नवंबर से लगातार 14 दिनों तक सभी जिलों में अभियान चलाया गया था. डीजीपी के आदेश के अनुसार, अब अगर कहीं से भी मैसेज खेप मिलती है तो थानेदार के खिलाफ कार्रवाई होगी.
क्या है डीजीपी का आदेश
राज्य के डीजीपी एमवी राव के आदेश के मुताबिक, अब जिस थाना क्षेत्र में नशे के अवैध कारोबार की जानकारी मिलेगी, वहां के थानेदार को इस मामले में जवाबदेह मानते हुए उस पर कार्रवाई की जाएगी. राज्य में महिला अपराध रोकने को लेकर नारकोटिक्स के खिलाफ पुलिस ने अभियान छेड़ा था. अभियान शुरू होने के बाद अभियान की रफ्तार को लेकर डीजीपी ने निराशा जतायी थी. अभियान की समीक्षा के दौरान यह पाया गया था कि थानेदार अभियान चलाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे थे. वहीं इंस्पेक्टर और डीएसपी स्तर के अधिकारियों की भागीदारी अभियान में नहीं थी. ऐसे में मुख्यालय ने आदेश दिया था कि जिलों के एसपी स्वयं मोर्चा संभालें.
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स्पेशल टीम बनाकर होगी छापेमारी
राज्य पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के मुताबिक, अब स्पेशल टीम बनाकर पुलिस छापेमारी करेगी. गुप्त सूचना के आधार पर इलाके के थानेदारों को सूचित किए बगैर भी छापेमारी कर नशीले पदार्थ जब्त किए जाएंगे. इसके बाद ऐसे मामले में थानेदारों पर कार्रवाई की जाएगी. हाल के दिनों में मुख्यालय स्तर पर अपराध रोकने के लिए एसओपी भी तैयार किए गए हैं. इसी आधार पर पुलिसिया कार्रवाई होगी.