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गाड़ियों पर नहीं लगा सकते आर्मी, प्रेस, प्रशासन जैसा बोर्ड; जानिए किसको है छूट - झारखंड में गाड़ियों पर नहीं लगा सकते प्रेस और पुलिस बोर्ड

झारखंड में गाड़ियों पर प्रेस, आर्मी, पुलिस जैसे बोर्ड लगाने को पूरी तरह प्रतिबंधित किया है. वाहन के शीशे के अंदर भी किसी तरह के बोर्ड, पट्ट या किसी शब्द का उल्लेख नहीं किए जाने का आदेश जारी किया गया है. सरकार के परिवहन विभाग ने विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका के कई लोगों को नेम प्लेट और बोर्ड लगाने की छूट दी है.

press and police board on vehicles in jharkhand
झारखंड में गाड़ियों पर नहीं लगा सकते प्रेस और पुलिस बोर्ड
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Published : Mar 10, 2021, 9:33 PM IST

रांची: अगर आप किसी प्रेस में है या फिर पुलिस में तो अपने वाहन के आगे प्रेस या पुलिस नहीं लिख सकते. राज्य सरकार के परिवहन विभाग ने गाड़ियों के आगे आर्मी, प्रेस, पुलिस, प्रशासन जैसे बोर्ड लगाने को पूरी तरह प्रतिबंधित किया है.

वाहन के अंदर भी लिखने पर मनाही

वाहन के शीशे के अंदर भी किसी तरह के बोर्ड, पट्ट या किसी शब्द का उल्लेख नहीं किए जाने का आदेश जारी किया गया है. सरकार के परिवहन विभाग ने विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका से जुड़े लोगों को नेम प्लेट और बोर्ड लगाने की छूट दी है. किसी भी परिस्थिति में नेम प्लेट होने पर रजिस्ट्रेशन नंबर ढंका नहीं होना चाहिए. नेम प्लेट का आकार छह इंच से अधिक नहीं होना चाहिए. विधायिका के लिए हरा, न्यायपालिक, वैधानिक आयोग, कार्यापालिका और केंद्रीय कार्यालय के लिए लाल और विधि व्यवस्था संधारण व प्रवर्तन पदाधिकारी के लिए नीला रंग का बोर्ड लगाना होगा.

यह भी पढ़ें: झारखंड में नई शिक्षा नीति लागू कराना आसान नहीं, राज्य सरकार नहीं दिखा रही कोई रुचि

किस किस को मिली है छूट-

विधायिका

  • राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राज्य विधानसभा के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री, उपमंत्री का दर्जा प्राप्त पदाधिकारी, झारखंड राज्य के लोकसभा, राज्यसभा व विधानसभा सदस्य, विधानसभा समितियों के सभापति, सताधारी दल के मुख्य सचेतक, मान्यता प्राप्त विपक्षी दलों के सचेतक, संविधान के 11वीं व 12वीं अनुसूची के अंतर्गत गठित पंचायती राज्य व्यवस्था के अध्यक्ष, नगर निकायों के अध्यक्ष, मंत्रिमंडल सचिवालय व स्टेट प्रोटॉकॉल के तहत आने वाली गाड़ियां

न्यायपालिका प्राधिकार

  • झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीशगण, लोकायुक्त, राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, महाधिवक्ता, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार, सभी प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश, प्रधान न्यायायुक्त

कार्यपालक प्राधिकार

  • मुख्य सचिव, सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त व उपायुक्त, सभी विभागों के प्रमुख, डीजीपी, एडीजी, जोनल आईजी व डीआईजी, सभी एसएसपी व एसपी, राज्य सरकार के विशेष सचिव, अपर सचिव, संयुक्त सचिव

वैधानिक आयोग

  • जेपीएससी व जेएसएससी अध्यक्ष, राज्य निर्वाचन आयुक्त, मुख्य सूचना आयुक्त, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष, राज्य विधि आयोग अध्यक्ष, राज्य नि:शक्ता आयुक्त, राज्य के कुलपतिगण

केंद्रीय कार्यालय

  • प्रधान लेखाकार, मुख्य आयकर आयुक्त एवं मुख्य आयुक्त केंद्रीय माल एवं सेवाकर झारखंड, रेलवे के प्रमंडलीय प्रबंधक, महाडाकपाल, रक्षा लेखा नियंत्रक

विधि व्यवस्था में लगे पदाधिकारियों में किसे होगा अधिकार-

  • डीडीसी, अपर समाहर्ता, अपर पुलिस अधीक्षक, सभी एसडीओ, बीडीओ व सीओ, एसडीपीओ, डीएसपी
  • सभी उप परिवहन आयुक्त, डीटीओ, संयुक्त उत्पाद आयुक्त, उपायुक्त व सहायक उत्पाद आयुक्त, जिला खनन पदाधिकारी, सहायक जिला खनन पदाधिकारी

इन्हें लेनी होगी भारत सरकार से अनुमति-

भारत सरकार के मंत्रालय के ऐसे अधिकारी जो राज्य में पदस्थापित हैं, उन्हें संबंधित विभाग, सरकार से अनुमति लेनी होगी. अनुमति के बाद ही वह बोर्ड लगा पाएंगे.

रांची: अगर आप किसी प्रेस में है या फिर पुलिस में तो अपने वाहन के आगे प्रेस या पुलिस नहीं लिख सकते. राज्य सरकार के परिवहन विभाग ने गाड़ियों के आगे आर्मी, प्रेस, पुलिस, प्रशासन जैसे बोर्ड लगाने को पूरी तरह प्रतिबंधित किया है.

वाहन के अंदर भी लिखने पर मनाही

वाहन के शीशे के अंदर भी किसी तरह के बोर्ड, पट्ट या किसी शब्द का उल्लेख नहीं किए जाने का आदेश जारी किया गया है. सरकार के परिवहन विभाग ने विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका से जुड़े लोगों को नेम प्लेट और बोर्ड लगाने की छूट दी है. किसी भी परिस्थिति में नेम प्लेट होने पर रजिस्ट्रेशन नंबर ढंका नहीं होना चाहिए. नेम प्लेट का आकार छह इंच से अधिक नहीं होना चाहिए. विधायिका के लिए हरा, न्यायपालिक, वैधानिक आयोग, कार्यापालिका और केंद्रीय कार्यालय के लिए लाल और विधि व्यवस्था संधारण व प्रवर्तन पदाधिकारी के लिए नीला रंग का बोर्ड लगाना होगा.

यह भी पढ़ें: झारखंड में नई शिक्षा नीति लागू कराना आसान नहीं, राज्य सरकार नहीं दिखा रही कोई रुचि

किस किस को मिली है छूट-

विधायिका

  • राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राज्य विधानसभा के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री, उपमंत्री का दर्जा प्राप्त पदाधिकारी, झारखंड राज्य के लोकसभा, राज्यसभा व विधानसभा सदस्य, विधानसभा समितियों के सभापति, सताधारी दल के मुख्य सचेतक, मान्यता प्राप्त विपक्षी दलों के सचेतक, संविधान के 11वीं व 12वीं अनुसूची के अंतर्गत गठित पंचायती राज्य व्यवस्था के अध्यक्ष, नगर निकायों के अध्यक्ष, मंत्रिमंडल सचिवालय व स्टेट प्रोटॉकॉल के तहत आने वाली गाड़ियां

न्यायपालिका प्राधिकार

  • झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीशगण, लोकायुक्त, राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, महाधिवक्ता, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार, सभी प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश, प्रधान न्यायायुक्त

कार्यपालक प्राधिकार

  • मुख्य सचिव, सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त व उपायुक्त, सभी विभागों के प्रमुख, डीजीपी, एडीजी, जोनल आईजी व डीआईजी, सभी एसएसपी व एसपी, राज्य सरकार के विशेष सचिव, अपर सचिव, संयुक्त सचिव

वैधानिक आयोग

  • जेपीएससी व जेएसएससी अध्यक्ष, राज्य निर्वाचन आयुक्त, मुख्य सूचना आयुक्त, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष, राज्य विधि आयोग अध्यक्ष, राज्य नि:शक्ता आयुक्त, राज्य के कुलपतिगण

केंद्रीय कार्यालय

  • प्रधान लेखाकार, मुख्य आयकर आयुक्त एवं मुख्य आयुक्त केंद्रीय माल एवं सेवाकर झारखंड, रेलवे के प्रमंडलीय प्रबंधक, महाडाकपाल, रक्षा लेखा नियंत्रक

विधि व्यवस्था में लगे पदाधिकारियों में किसे होगा अधिकार-

  • डीडीसी, अपर समाहर्ता, अपर पुलिस अधीक्षक, सभी एसडीओ, बीडीओ व सीओ, एसडीपीओ, डीएसपी
  • सभी उप परिवहन आयुक्त, डीटीओ, संयुक्त उत्पाद आयुक्त, उपायुक्त व सहायक उत्पाद आयुक्त, जिला खनन पदाधिकारी, सहायक जिला खनन पदाधिकारी

इन्हें लेनी होगी भारत सरकार से अनुमति-

भारत सरकार के मंत्रालय के ऐसे अधिकारी जो राज्य में पदस्थापित हैं, उन्हें संबंधित विभाग, सरकार से अनुमति लेनी होगी. अनुमति के बाद ही वह बोर्ड लगा पाएंगे.

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