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Ramgarh By-election से पहले भाजपा ने उठाया अल्पसंख्यक आयोग के डिफंक्ट होने का मुद्दा, महागठबंधन पर लगाए गंभीर आरोप

रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव से पहले भाजपा ने अल्पसंख्यकों के लिए बनी संवैधानिक संस्थाओं के डिफंक्ट होने का मुद्दा उठाया है. भाजपा ने महागठबंधन पर आरोप लगाया है कि झामुमो-कांग्रेस और राजद के नेता अल्पसंख्यकों को सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करते हैं. हालांकि कांग्रेस और झामुमो ने भी इस पर पलटवार किया है.

Minorities Commission defunct in Jharkhand
झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग
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Published : Jan 29, 2023, 10:19 PM IST

Updated : Jan 29, 2023, 10:27 PM IST

पक्ष-विपक्ष के नेता

रांची: झारखंड में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए बनी संवैधानिक संस्थाएं पिछले तीन वर्षों से डिफंक्ट हैं. डिफंक्ट अल्पसंख्यक आयोग को लेकर भाजपा ने महागठबंधन में शामिल दलों पर राजनीतिक हमला किया है. रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव से पहले राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष और झारखंड भाजपा नेता कमाल खान ने कहा कि सत्ताधारी दल भाजपा का डर दिखाकर अल्पसंख्यकों का सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करते हैं. कमाल खान ने महागठबंधन के नेताओं से कहा कि वह बताएं कि 18 अप्रैल 2020 से ही झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष का पद खाली क्यों है? अध्यक्ष के बिना अल्पसंख्यक आयोग के डिफंक्ट हो जाने से राज्यभर के अल्पसंख्यक समुदाय के लोग अपनी समस्याएं कहां लेकर जाएंगे और उन्हें न्याय कैसे मिलेगा?

ये भी पढ़ें: Ramgarh By-Election: चंद दिनों में होना है रामगढ़ का रण, अब तक नहीं हुई उम्मीदवारों के नाम की घोषणा, जुबानी जंग जारी

भाजपा नेता ने सिर्फ झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के डिफंक्ट होने का ही मुद्दा नहीं उठाया, इसके अलावा राज्य में डिफंक्ट अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम, राज्य की वक्फ बोर्ड, मदरसा बोर्ड, उर्दू अकादमी को लेकर भी हेमंत सरकार से सवाल किया. कमाल खान ने पूछा कि अल्पसंख्यक समुदाय का युवा छोटा-मोटा रोजगार कर स्वावलंबी बनना चाहता है तो वह कहां जाए, अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम तो एक्टिव ही नहीं है.

अल्पसंख्यक को सिर्फ वोट बैंक समझते हैं हेमंत सोरेन: अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष कमाल खान ने कहा कि झारखंड में महागठबंधन की सरकार भाजपा का भय दिखा कर अल्पसंख्यक, खासकर मुसलमानों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करती है. अब अल्पसंख्यक समुदाय को यह समझना चाहिए कि उनका हितैषी कौन है. भाजपा की सरकार में सभी पर ध्यान था, अल्पसंख्यक आयोग क्रियाशील था, युवाओं को छोटे-मोटे व्यवसाय के लिए सस्ते ब्याज दर पर लोन मिल रहा था, लेकिन अब सभी संवैधानिक संस्थाएं डिफंक्ट हैं.

राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा का भाजपा नेता पर असर-राजेश ठाकुर: अल्पसंख्यकों को सिर्फ वोट बैंक समझने के भाजपा नेता के आरोप पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि भाजपा के नेता भी अब अल्पसंख्यक हितों के लिए चिंतित हो रहे हैं. यह बदलाव राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का असर है. राजेश ठाकुर ने कहा कि कोरोना की वजह से सिर्फ अल्पसंख्यक आयोग नहीं, बल्कि अन्य आयोग के गठन में भी परेशानी हुई है. उन्होंने कहा कि जल्द ही आयोग बोर्ड क्रियाशील हो जाएंगे.

भाजपा को पेट मे दर्द क्यों, अपने यहां अल्पसंख्यकों को मौका दें-झामुमो: अल्पसंख्यक आयोग, वक्फ बोर्ड के बहाने महागठबंधन को अल्पसंख्यक विरोधी बताने पर झामुमो ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता मनोज पांडेय ने कहा कि भाजपा अपने यहां अल्पसंख्यक समुदाय को पर्याप्त सम्मान दें. उन्होंने कहा कि हज कमेटी का गठन हुआ है और अन्य का प्रोसेस चल रहा है. जल्द ही अल्पसंख्यक आयोग एवं अन्य आयोग का गठन हो जाएगा.

क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार नौशाद आलम: अल्पसंख्यकों से जुड़ी संवैधानिक संस्थाएं अगर क्रियाशील हो तो अल्पसंख्यक समुदाय को इसका लाभ मिलता है. उन्हें रोजगार, न्याय, शिक्षा एवं अन्य सुविधाएं मिलने में आसानी होती है. वरिष्ठ पत्रकार नौशाद आलम कहते हैं कि राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए चलाई जा रही योजनाओं की धरातल पर क्या स्थिति है, इसकी मॉनिटरिंग तक नहीं हो रही है. बिहार से अलग होने के 22 वर्ष हो जाने के बाद भी राज्य में उर्दू अकेडमी तक नहीं है.

क्या कहना चाह रही है भाजपा: दरअसल, अभी अल्पसंख्यकों के हितों से जुड़े आयोग एवं अन्य संवैधानिक संस्थाओं के डिफंक्ट होने को मुद्दा बनाकर भाजपा ने रामगढ़ चुनाव से पहले एक चाल चल दी है. वह अल्पसंख्यकों को यह मैसेज देना चाह रही है कि जिस महागठबंधन को वह अपना रहनुमा समझते हैं, उनके राज में उनकी हकमारी हो रही है. संवैधानिक हक दिलाने में सहयोग करने वाली एजेंसियों को ही डिफंक्ट बना कर छोड़ दिया गया है. भाजपा की पूर्व की सरकार में स्थिति ऐसी नहीं थी. रघुवर दास की सरकार ने भव्य हज भवन का तोहफा भी दिया था तो अल्पसंख्यक आयोग भी क्रियाशील था.

पक्ष-विपक्ष के नेता

रांची: झारखंड में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए बनी संवैधानिक संस्थाएं पिछले तीन वर्षों से डिफंक्ट हैं. डिफंक्ट अल्पसंख्यक आयोग को लेकर भाजपा ने महागठबंधन में शामिल दलों पर राजनीतिक हमला किया है. रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव से पहले राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष और झारखंड भाजपा नेता कमाल खान ने कहा कि सत्ताधारी दल भाजपा का डर दिखाकर अल्पसंख्यकों का सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करते हैं. कमाल खान ने महागठबंधन के नेताओं से कहा कि वह बताएं कि 18 अप्रैल 2020 से ही झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष का पद खाली क्यों है? अध्यक्ष के बिना अल्पसंख्यक आयोग के डिफंक्ट हो जाने से राज्यभर के अल्पसंख्यक समुदाय के लोग अपनी समस्याएं कहां लेकर जाएंगे और उन्हें न्याय कैसे मिलेगा?

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भाजपा नेता ने सिर्फ झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के डिफंक्ट होने का ही मुद्दा नहीं उठाया, इसके अलावा राज्य में डिफंक्ट अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम, राज्य की वक्फ बोर्ड, मदरसा बोर्ड, उर्दू अकादमी को लेकर भी हेमंत सरकार से सवाल किया. कमाल खान ने पूछा कि अल्पसंख्यक समुदाय का युवा छोटा-मोटा रोजगार कर स्वावलंबी बनना चाहता है तो वह कहां जाए, अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम तो एक्टिव ही नहीं है.

अल्पसंख्यक को सिर्फ वोट बैंक समझते हैं हेमंत सोरेन: अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष कमाल खान ने कहा कि झारखंड में महागठबंधन की सरकार भाजपा का भय दिखा कर अल्पसंख्यक, खासकर मुसलमानों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करती है. अब अल्पसंख्यक समुदाय को यह समझना चाहिए कि उनका हितैषी कौन है. भाजपा की सरकार में सभी पर ध्यान था, अल्पसंख्यक आयोग क्रियाशील था, युवाओं को छोटे-मोटे व्यवसाय के लिए सस्ते ब्याज दर पर लोन मिल रहा था, लेकिन अब सभी संवैधानिक संस्थाएं डिफंक्ट हैं.

राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा का भाजपा नेता पर असर-राजेश ठाकुर: अल्पसंख्यकों को सिर्फ वोट बैंक समझने के भाजपा नेता के आरोप पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि भाजपा के नेता भी अब अल्पसंख्यक हितों के लिए चिंतित हो रहे हैं. यह बदलाव राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का असर है. राजेश ठाकुर ने कहा कि कोरोना की वजह से सिर्फ अल्पसंख्यक आयोग नहीं, बल्कि अन्य आयोग के गठन में भी परेशानी हुई है. उन्होंने कहा कि जल्द ही आयोग बोर्ड क्रियाशील हो जाएंगे.

भाजपा को पेट मे दर्द क्यों, अपने यहां अल्पसंख्यकों को मौका दें-झामुमो: अल्पसंख्यक आयोग, वक्फ बोर्ड के बहाने महागठबंधन को अल्पसंख्यक विरोधी बताने पर झामुमो ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता मनोज पांडेय ने कहा कि भाजपा अपने यहां अल्पसंख्यक समुदाय को पर्याप्त सम्मान दें. उन्होंने कहा कि हज कमेटी का गठन हुआ है और अन्य का प्रोसेस चल रहा है. जल्द ही अल्पसंख्यक आयोग एवं अन्य आयोग का गठन हो जाएगा.

क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार नौशाद आलम: अल्पसंख्यकों से जुड़ी संवैधानिक संस्थाएं अगर क्रियाशील हो तो अल्पसंख्यक समुदाय को इसका लाभ मिलता है. उन्हें रोजगार, न्याय, शिक्षा एवं अन्य सुविधाएं मिलने में आसानी होती है. वरिष्ठ पत्रकार नौशाद आलम कहते हैं कि राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए चलाई जा रही योजनाओं की धरातल पर क्या स्थिति है, इसकी मॉनिटरिंग तक नहीं हो रही है. बिहार से अलग होने के 22 वर्ष हो जाने के बाद भी राज्य में उर्दू अकेडमी तक नहीं है.

क्या कहना चाह रही है भाजपा: दरअसल, अभी अल्पसंख्यकों के हितों से जुड़े आयोग एवं अन्य संवैधानिक संस्थाओं के डिफंक्ट होने को मुद्दा बनाकर भाजपा ने रामगढ़ चुनाव से पहले एक चाल चल दी है. वह अल्पसंख्यकों को यह मैसेज देना चाह रही है कि जिस महागठबंधन को वह अपना रहनुमा समझते हैं, उनके राज में उनकी हकमारी हो रही है. संवैधानिक हक दिलाने में सहयोग करने वाली एजेंसियों को ही डिफंक्ट बना कर छोड़ दिया गया है. भाजपा की पूर्व की सरकार में स्थिति ऐसी नहीं थी. रघुवर दास की सरकार ने भव्य हज भवन का तोहफा भी दिया था तो अल्पसंख्यक आयोग भी क्रियाशील था.

Last Updated : Jan 29, 2023, 10:27 PM IST
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