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रांची: बीजेपी ने राज्य सरकार के अध्यादेश को बताया तुगलकी फरमान, कहा- सरकार करे पुनर्विचार

रांची में बीजेपी ने राज्य सरकार के अध्यादेश को तुगलकी फरमान बताया है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सवाल मुंह और नाक ढकने का है न कि भारी जुर्माना और कड़ी सजा के प्रावधान का. इसी के साथ विचार ने कहा कि जारी किए गए फरमान के सभी पहलुओं पर दोबारा विचार करने की जरूरत है.

ranchi news
दीपक प्रकाश
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Published : Jul 23, 2020, 5:13 PM IST

Updated : Jul 23, 2020, 8:15 PM IST

रांची: राज्य सरकार की तरफ से पारित किए गए झारखंड संक्रामक रोग अध्यादेश, 2020 के खिलाफ बीजेपी ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. पार्टी के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी और प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि अध्यादेश का फैसला न्यायोचित नहीं लगता है. मरांडी ने इस बाबत सीएम हेमन्त सोरेन को बाकायदा पत्र भी लिखा है.

पत्र में उन्होंने कहा कि बगैर मास्क पहने बाहर निकलने और सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन पर भारी जुर्माना और कड़ी सजा का प्रावधान अव्यवहारिक है. अध्यादेश के कई बिंदुओं पर पुनर्विचार करने की जरूरत है. मरांडी ने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव हो, लेकिन इसकी सख्ती के नाम पर लोगों के दोहन के दरवाजे खोलने की इजाजत नहीं दी जा सकती.

अध्यादेश लागू करने से पहले हो गहन विचार
मरांडी ने कहा कि कोई भी प्रावधान लागू करने से पहले उसपर बारीकी पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य में अधिकांश आबादी गांव और अनुमंडल स्तर पर बसती है. जहां बहुतायत गरीब होते हैं. ऐसे में भारी अर्थदंड और कड़ी सजा उचित नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने कहा कि अभियान के तहत जागरूकता की जरूरत है. ऐसा नहीं हो कि कानून की आड़ में पुलिस की कमाई का एक बड़ा और खुल जाए.

अन्य राज्यों में भी किए जा रहे हैं प्रयास
मरांडी ने कहा कि सवाल मुंह और नाक ढकने का है न कि भारी जुर्माना और कड़ी सजा के प्रावधान का. उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में मास्क नहीं लगाने पर सरकार ने महज 50 रुपये का जुर्माना तो लगाया है, लेकिन साथ में 2 मास्क देने का प्रावधान किया है ताकि लोगों में इसके उपयोग किया आदत विकसित की जा सके. उन्होंने कहा कि सभी पहलुओं पर विचारों पर निर्णय लेने का जरूरत है.


इसे भी पढ़ें-विवादों में रही है पूर्व सीएम रघुवर दास की जनसंवाद चलाने वाली कंपनी, लगे हैं कई गंभीर आरोप



दीपक प्रकाश का दावा तुगलकी है फरमान
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि अध्यादेश गरीब विरोधी और जनविरोधी है. उन्होंने कहा कि यह निर्णय तुगलकी फरमान जैसा है, जिसमें राज्य की जनता का पुलिस प्रशासन की तरफ से भयादोहन होगा. उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के सारे नियमों का अनुपालन कड़ाई से कराया जाना चाहिए, लेकिन प्रशासन को ऐसा भी अवसर नहीं दिया जाना चाहिए जिसका हवाला देकर में जनता को अनावश्यक रूप से परेशान करें.

बुधवार को कैबिनेट ने दी है अध्यादेश पर स्वीकृति
बुधवार को हुई स्टेट कैबिनेट की बैठक में सरकार ने झारखंड संक्रामक रोग अध्यादेश, 2020 पारित किया है. इसमें लॉकडाउन के दौरान जारी किए गए गाइडलाइन का अनुपालन नहीं करने वाले लोगों के खिलाफ 2 लाख रुपये तक के अधिकतम अर्थदंड और 1 साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है. तकनीकी तौर पर इस बिल पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के हस्ताक्षर होंगे. इसके बाद इसे गजट में नोटिफाई किया जाएगा.

रांची: राज्य सरकार की तरफ से पारित किए गए झारखंड संक्रामक रोग अध्यादेश, 2020 के खिलाफ बीजेपी ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. पार्टी के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी और प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि अध्यादेश का फैसला न्यायोचित नहीं लगता है. मरांडी ने इस बाबत सीएम हेमन्त सोरेन को बाकायदा पत्र भी लिखा है.

पत्र में उन्होंने कहा कि बगैर मास्क पहने बाहर निकलने और सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन पर भारी जुर्माना और कड़ी सजा का प्रावधान अव्यवहारिक है. अध्यादेश के कई बिंदुओं पर पुनर्विचार करने की जरूरत है. मरांडी ने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव हो, लेकिन इसकी सख्ती के नाम पर लोगों के दोहन के दरवाजे खोलने की इजाजत नहीं दी जा सकती.

अध्यादेश लागू करने से पहले हो गहन विचार
मरांडी ने कहा कि कोई भी प्रावधान लागू करने से पहले उसपर बारीकी पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य में अधिकांश आबादी गांव और अनुमंडल स्तर पर बसती है. जहां बहुतायत गरीब होते हैं. ऐसे में भारी अर्थदंड और कड़ी सजा उचित नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने कहा कि अभियान के तहत जागरूकता की जरूरत है. ऐसा नहीं हो कि कानून की आड़ में पुलिस की कमाई का एक बड़ा और खुल जाए.

अन्य राज्यों में भी किए जा रहे हैं प्रयास
मरांडी ने कहा कि सवाल मुंह और नाक ढकने का है न कि भारी जुर्माना और कड़ी सजा के प्रावधान का. उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में मास्क नहीं लगाने पर सरकार ने महज 50 रुपये का जुर्माना तो लगाया है, लेकिन साथ में 2 मास्क देने का प्रावधान किया है ताकि लोगों में इसके उपयोग किया आदत विकसित की जा सके. उन्होंने कहा कि सभी पहलुओं पर विचारों पर निर्णय लेने का जरूरत है.


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दीपक प्रकाश का दावा तुगलकी है फरमान
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि अध्यादेश गरीब विरोधी और जनविरोधी है. उन्होंने कहा कि यह निर्णय तुगलकी फरमान जैसा है, जिसमें राज्य की जनता का पुलिस प्रशासन की तरफ से भयादोहन होगा. उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के सारे नियमों का अनुपालन कड़ाई से कराया जाना चाहिए, लेकिन प्रशासन को ऐसा भी अवसर नहीं दिया जाना चाहिए जिसका हवाला देकर में जनता को अनावश्यक रूप से परेशान करें.

बुधवार को कैबिनेट ने दी है अध्यादेश पर स्वीकृति
बुधवार को हुई स्टेट कैबिनेट की बैठक में सरकार ने झारखंड संक्रामक रोग अध्यादेश, 2020 पारित किया है. इसमें लॉकडाउन के दौरान जारी किए गए गाइडलाइन का अनुपालन नहीं करने वाले लोगों के खिलाफ 2 लाख रुपये तक के अधिकतम अर्थदंड और 1 साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है. तकनीकी तौर पर इस बिल पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के हस्ताक्षर होंगे. इसके बाद इसे गजट में नोटिफाई किया जाएगा.

Last Updated : Jul 23, 2020, 8:15 PM IST
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