रांची: केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार के बाद झारखंड में सत्तारूढ़ जेएमएम और मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के बीच जुबानी जंग शुरू हो गR है. जेएमएम के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बीजेपी को बाहरी जनों कr पार्टी बताते हुए बीजेपी कार्यकर्ताओं के दुखी होने का दावा किया है.
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'बाहरी जनों की पार्टी' बीजेपी
जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बीजेपी को बाहरी जनों की पार्टी बताते हुए भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए सहानुभुति व्यक्त की है. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी में आम कार्यकर्ताओं का सम्मान नहीं किया जाता है. उन्होंने बताया कि बीजेपी के कई कार्यकर्ता उनके मित्र हैं, जो पार्टी में बाहरी लोगों को सम्मान दिए जाने पर नाखुश हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी के उनके मित्रों ने कहा कि वह अनुशासन में बंधे हैं इसलिए कुछ नहीं बोल सकते. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बीजेपी स्वार्थवश पार्टी में आए लोगों को कभी मुख्यमंत्री बना देती है, कभी संसद में स्थान दे देती है तो कभी अचानक से दूसरे दल से आए लोगों को टिकट देकर विधायक, सांसद और केंद्रीय कैबिनेट में जगह दे देती है. उन्होंने कहा कि इन सब घटनाओं से बीजेपी के आम कार्यकर्ता दुखी और व्यथित हैं.
'कैबिनेट विस्तार में कार्यकर्ताओं की अनदेखी'
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार में भी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई. उन्होंने कहा कि मोदी मंत्रिमंडल विस्तार में देखा गया कि अपने दल का त्याग कर आने वाले लोगों को किस तरह सम्मान दिया गया, जबकि जो पार्टी के आम कार्यकर्ता हैं उनको कुछ नहीं दिया गया. सुप्रियो भट्टाचार्य ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर भी इशारों में निशाना साधा और कहा रोज पेट्रोल डीजल का दाम बढ़ाने वाले को शिक्षा विभाग दिया गया है ताकि वे लोगों के पॉकेट से पैसा निकालकर केंद्र को दे सके.
'काम कार्यकर्ता करते हैं, फायदा बाहरी उठाते हैं'
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि अर्जुन मुंडा, बाबूलाल मरांडी, रविंद्र राय, अन्नपूर्णा देवी, भानु प्रताप शाही, जयप्रकाश भाई पटेल, नवीन जयसवाल, आलोक चौरसिया, अमर कुमार बाउरी, रणधीर कुमार सिंह, रामचंद्र चंद्रवंशी, शशिभूषण मेहता जैसे कई लोग हैं जिनके खिलाफ बीजेपी के आम कार्यकर्ताओं में एक शिकायत है कि काम कार्यकर्ता करते हैं और फायदा दूसरे उठाते हैं.
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बाबूलाल मरांडी से सुप्रियो के सवाल
सुप्रियो भट्टाचार्य ने दलबदल पर बाबूलाल मरांडी से सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा 2014 में सरकार गठन करने के बाद जेवीएम के छह विधायक भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे, जिसमें कुछ मंत्री भी बनाए गए थे. सुप्रियो ने बाबूलाल मरांडी के उस पत्र का हवाला दिया जिसमें उन्होंने बीजेपी पर 2-2 करोड़ रुपये देकर विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया था. उन्होंने पूछा है कि बाबूलाल मरांडी की अब इस पत्र के बारे में क्या राय है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा मैं बाबूलाल से अनुरोध करता हूं कि 2015 में हुए खरीद फरोख्त की जांच के लिए सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखें. उनके पत्र पर एसीबी और फॉरेंसिक जांच भी होगी और जिसने भी झूठ बोला हो उन पर समुचित कार्रवाई होगी.