ETV Bharat / state

बीजेपी विधायक ने कुड़मी को बताया आदिम जनजाति! हेमंत सोरेन सरकार से एसटी में शामिल करने की दोहराई मांग

बीजेपी के विधायक जयप्रकाश भाई पटेल ने एक बार फिर से कुड़मी को आदिम जनजाति बताया है और झारखंड सरकार से उसे एसटी में शामिल करने की मांग की है.

BJP MLA told Kudmi primitive tribe
BJP MLA told Kudmi primitive tribe
author img

By

Published : Jul 31, 2023, 4:48 PM IST

Updated : Jul 31, 2023, 5:47 PM IST

बीजेपी विधायक का बयान

रांची: भारतीय जनता पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री जयप्रकाश भाई पटेल ने एक बार फिर राज्य के कुड़मी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग की है. विधानसभा के दूसरे दिन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद सदन से बाहर जयप्रकाश भाई पटेल ने कहा कि झारखंड के कुड़मी महतो वर्ष 1931 तक अनुसूचित जनजाति में शामिल थे. उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के बाद TRI की गलत रिपोर्ट के आधार पर कुड़मी जाति के लोगों को अनुसूचित जनजाति से हटाकर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल कर दिया गया.

ये भी पढ़ें: Jharkhand News: कुड़मी को एसटी का दर्जा देने की मांग पर बंधु तिर्की का कटाक्ष, कहा- हर कोई बनना चाहता है आदिवासी

झामुमो के संविधान में भी है कुड़मी समाज को ST में शामिल कराने का जिक्र: पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक जयप्रकाश भाई पटेल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से राज्य के कुड़मी समाज के लोगों को ओबीसी की जगह अनुसूचित जनजाति में शामिल कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा को बनाने और इसे एक शक्ति प्रदान करने में कुड़मी समाज का बहुत बड़ा योगदान रहा है. इतना ही नहीं झामुमो के संविधान में भी कुड़मी को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिलाने का जिक्र है.

कुड़मी को ST का दर्जा मिलने से किसी का नहीं होगा नुकसान: भाजपा विधायक जयप्रकाश भाई पटेल ने कहा कि कुर्मी को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के नाम पर जानबूझकर आदिवासियों में भय की भावना भरी जाती है. जबकि ऐसा कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर कुड़मी समाज के लोग अनुसूचित जनजाति में शामिल होंगे, तब केंद्र की सरकार के लिए जरूरी हो जाएगा कि वह झारखंड को अनुसूची-5 की जगह अनुसूची 6 में रखें, ऐसा होने पर केंद्र से काफी बड़ी सहायता राज्य को मिलेगी.

झारखंड के कुड़मी आदिम जनजाति: भाजपा विधायक ने कहा कि जिस सात आदिम जनजाति की बात होती है उसमें से एक आदिम जनजाति कुड़मी है. भाजपा विधायक जेपी पटेल ने कहा कि झारखंड के महतो (कुड़मी) 1931 तक अनुसूचित जनजाति में ही थे. आजादी के बाद TRI की गलत रिपोर्ट की वजह से कुड़मी को अनुसूचित जनजाति (शेड्यूल ट्राइब) से हटाकर ओबीसी में शामिल कर दिया गया, जिसकी वजह से इस समाज के लोगों को अपने हक और अधिकार से वंचित होना पड़ रहा है.

अर्जुन मुंडा के शासनकाल में कुड़मी को ST में शामिल करने का भेजा गया था प्रस्ताव: जयप्रकाश भाई पटेल ने कहा कि विधायक होने के नाते वह अपनी आवाज अक्सर उठाते रहते हैं. जहां तक भारतीय जनता पार्टी के स्टैंड का सवाल है तो यह जानना जरूरी है कि वर्ष 2004 में अर्जुन मुंडा के शासनकाल में झारखंड के कुड़मी को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का प्रस्ताव कैबिनेट से पारित कर केंद्र को भेजा था.

बीजेपी विधायक का बयान

रांची: भारतीय जनता पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री जयप्रकाश भाई पटेल ने एक बार फिर राज्य के कुड़मी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग की है. विधानसभा के दूसरे दिन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद सदन से बाहर जयप्रकाश भाई पटेल ने कहा कि झारखंड के कुड़मी महतो वर्ष 1931 तक अनुसूचित जनजाति में शामिल थे. उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के बाद TRI की गलत रिपोर्ट के आधार पर कुड़मी जाति के लोगों को अनुसूचित जनजाति से हटाकर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल कर दिया गया.

ये भी पढ़ें: Jharkhand News: कुड़मी को एसटी का दर्जा देने की मांग पर बंधु तिर्की का कटाक्ष, कहा- हर कोई बनना चाहता है आदिवासी

झामुमो के संविधान में भी है कुड़मी समाज को ST में शामिल कराने का जिक्र: पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक जयप्रकाश भाई पटेल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से राज्य के कुड़मी समाज के लोगों को ओबीसी की जगह अनुसूचित जनजाति में शामिल कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा को बनाने और इसे एक शक्ति प्रदान करने में कुड़मी समाज का बहुत बड़ा योगदान रहा है. इतना ही नहीं झामुमो के संविधान में भी कुड़मी को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिलाने का जिक्र है.

कुड़मी को ST का दर्जा मिलने से किसी का नहीं होगा नुकसान: भाजपा विधायक जयप्रकाश भाई पटेल ने कहा कि कुर्मी को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के नाम पर जानबूझकर आदिवासियों में भय की भावना भरी जाती है. जबकि ऐसा कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर कुड़मी समाज के लोग अनुसूचित जनजाति में शामिल होंगे, तब केंद्र की सरकार के लिए जरूरी हो जाएगा कि वह झारखंड को अनुसूची-5 की जगह अनुसूची 6 में रखें, ऐसा होने पर केंद्र से काफी बड़ी सहायता राज्य को मिलेगी.

झारखंड के कुड़मी आदिम जनजाति: भाजपा विधायक ने कहा कि जिस सात आदिम जनजाति की बात होती है उसमें से एक आदिम जनजाति कुड़मी है. भाजपा विधायक जेपी पटेल ने कहा कि झारखंड के महतो (कुड़मी) 1931 तक अनुसूचित जनजाति में ही थे. आजादी के बाद TRI की गलत रिपोर्ट की वजह से कुड़मी को अनुसूचित जनजाति (शेड्यूल ट्राइब) से हटाकर ओबीसी में शामिल कर दिया गया, जिसकी वजह से इस समाज के लोगों को अपने हक और अधिकार से वंचित होना पड़ रहा है.

अर्जुन मुंडा के शासनकाल में कुड़मी को ST में शामिल करने का भेजा गया था प्रस्ताव: जयप्रकाश भाई पटेल ने कहा कि विधायक होने के नाते वह अपनी आवाज अक्सर उठाते रहते हैं. जहां तक भारतीय जनता पार्टी के स्टैंड का सवाल है तो यह जानना जरूरी है कि वर्ष 2004 में अर्जुन मुंडा के शासनकाल में झारखंड के कुड़मी को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का प्रस्ताव कैबिनेट से पारित कर केंद्र को भेजा था.

Last Updated : Jul 31, 2023, 5:47 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.