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भाजपा ने हेमंत सरकार के खिलाफ जारी किया आरोप पत्र, कहा- 'वर्ष एक लूट, खसोट, हिंसा, भ्रष्टाचार रहे अनेक'

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Published : Dec 29, 2020, 3:33 PM IST

29 दिसंबर को हेमंत सोरेन सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा हुआ है. राज्य सरकार इस संबंध में अनेक कार्यक्रम आयोजित कर रही हैं वहींं, विपक्षी भाजपा ने हेमंत सरकार के खिलाफ एक आरोप पत्र जारी किया है. जिसमें 'वर्ष एक, लूट, खसोट, हिंसा, दुष्कर्म, भ्रष्टाचार रहे अनेक' कहा गया है.

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बाबूलाल मरांडी ने किया प्रेस कॉन्फ्रेंसबाबूलाल मरांडी ने किया प्रेस कॉन्फ्रेंस

रांची: हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड की गठबंधन सरकार का 1 साल पूरे होने पर जहां सरकार की ओर से उपलब्धियां गिनाई गईं हैं, तो वहीं विपक्ष की भारतीय जनता पार्टी ने आरोप पत्र जारी किया है. बीजेपी स्टेट हेड क्वार्टर में मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद दीपक प्रकाश और नेता विधायक दल सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप पत्र जारी किया, जिसमें गठबंधन सरकार के 1 साल के कार्यकाल को पूरी तरह से विफल करार दिया गया है.

देखें पूरी खबर
बाबूलाल मरांडी ने की प्रेस कॉन्फ्रेंसबीजेपी ने सीधे तौर इस सरकार को लेकर 'वर्ष एक लूट, खसोट, हिंसा, दुष्कर्म, भ्रष्टाचार अनेक' का नारा दिया है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि 1 साल के सरकार के कार्यकाल का जनता हिसाब चाहती है और हिसाब देना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है. झारखंड की सवा तीन करोड़ जनता के साथ छल किया गया है.

उन्हें मुंगेरीलाल के हसीन सपने दिखाकर महाठगबंधन ने झारखंड के मान, सम्मान और स्वाभिमान को लूटने का काम किया है. उन्होंने कहा कि जनता के अरमानों के साथ कुठाराघात और फरेब करने वाली सरकार रही है. इस सरकार में वंशवाद और परिवारवाद का गठबंधन है, जो शाही परिवार की तरह झारखंड के लोगों के साथ व्यवहार कर रही है. इस सरकार में विकास के कार्य बारे में विचार करने की सोच भी नहीं है.

हेमंत सरकार पर साधा निशाना
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि विश्व में कोरोना महामारी आई. इससे झारखंड भी अछूता नहीं रहा. इसमें भाजपा ने सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाई. सरकार की ओर से सिर्फ प्रवासी मजदूरों को लाने का काम किया गया, लेकिन उन्हें रोजगार नहीं दिया जा सका. ऐसे में जिस तेजी से प्रवासी मजदूरों को लाया गया उससे भी ज्यादा तेजी से वह वापस चले गए और झारखंड की मानव संपत्ति को भी अपने साथ लेकर गए.

वहीं दूसरे प्रदेशों में झारखंड के बारे में जो चर्चा हो रही है वह झारखंड सरकार के चेहरे को दागदार करने के लिए काफी है. उन्होंने कहा कि यह सरकार जितना खर्च 1 साल के वर्षगांठ के कार्यक्रम में कर रही है अगर उतना खर्च कोरोना पीड़ितों के लिए करती तो यहां के लोगों में खुशी होती. उन्होंने कहा कि यह सरकार विज्ञापन और होर्डिंग के माध्यम से अपने असफलताओं को छुपाने का काम कर रही है.

इसे भी पढ़ें-मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गिनाएंगे सरकार की उपलब्धियां, राज्य को देंगे कई सौगात


किसानों की ऋण माफी का वादा
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार की तरफ से जो घोषणाएं की गईं थी उसे भी पूरा नहीं किया गया. इस राज्य में सबसे ज्यादा दुखी किसान हैं, क्योंकि उन्हें यूरिया कालाबाजारी से खरीदना पड़ा. सरकार ने 2 लाख रुपये तक किसानों का ऋण माफी का वादा किया था. उसे भी पूरा नहीं किया गया और धान खरीद भी नहीं की जा रही है.

बल्कि बिचौलिए इसका फायदा उठा रहे है और बिचौलियों से सीधा संबंध जेएमएम, कांग्रेस और राजद का है. उन्होंने कहा कि 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने की बात कही गई थी. लेकिन इसका लाभ किसी को आज तक नहीं मिला. 5 लाख लोगों को रोजगार देने की बात थी, लेकिन एक वर्ष में 5 लोगों को भी रोजगार नहीं मिला. बल्कि इस सरकार में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार ट्रांसफर पोस्टिंग के जरिए किया गया और 1,700 लोगों को ट्रांसफर पोस्टिंग कर इसे उद्योग के रूप में अपने लाभ के लिए किया गया.

सरकार पूरी तरह रही विफल
वहीं भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य की जनता की सबसे पहली जरूरत भयमुक्त वातावरण है, लेकिन यह सरकार इस मामले में पूरी तरह विफल रही है. पहले संसाधनों की कमी थी, लेकिन अब पर्याप्त मात्रा में संसाधनों के बावजूद लॉ एंड ऑर्डर कायम करने में सरकार गंभीर नहीं है.

उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के लोगों की सांठगांठ उग्रवादियों से है. यही वजह है कि झारखंड राज्य में फिर से आपराधिक और उग्रवादी घटनाएं बढ़ गईं हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति भयावह हो गई है. महिलाओं के मोर्चे पर सरकार पूरी तरह विफल है. आम लोगों से जुड़े छोटे-छोटे विभागों में भी भ्रष्टाचार चरम पर है. लोगों का काम बिना घूस दिए नहीं हो पा रहा है. इन संस्थानों में कर्मचारी और पदाधिकारी सिर्फ उगाई में लगे हुए हैं. जब मुख्यमंत्री के इन विभागों में यह हालत है, तो राज्य कैसे प्रगति करेगा, यह बड़ा सवाल है.

रांची: हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड की गठबंधन सरकार का 1 साल पूरे होने पर जहां सरकार की ओर से उपलब्धियां गिनाई गईं हैं, तो वहीं विपक्ष की भारतीय जनता पार्टी ने आरोप पत्र जारी किया है. बीजेपी स्टेट हेड क्वार्टर में मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद दीपक प्रकाश और नेता विधायक दल सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप पत्र जारी किया, जिसमें गठबंधन सरकार के 1 साल के कार्यकाल को पूरी तरह से विफल करार दिया गया है.

देखें पूरी खबर
बाबूलाल मरांडी ने की प्रेस कॉन्फ्रेंसबीजेपी ने सीधे तौर इस सरकार को लेकर 'वर्ष एक लूट, खसोट, हिंसा, दुष्कर्म, भ्रष्टाचार अनेक' का नारा दिया है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि 1 साल के सरकार के कार्यकाल का जनता हिसाब चाहती है और हिसाब देना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है. झारखंड की सवा तीन करोड़ जनता के साथ छल किया गया है.

उन्हें मुंगेरीलाल के हसीन सपने दिखाकर महाठगबंधन ने झारखंड के मान, सम्मान और स्वाभिमान को लूटने का काम किया है. उन्होंने कहा कि जनता के अरमानों के साथ कुठाराघात और फरेब करने वाली सरकार रही है. इस सरकार में वंशवाद और परिवारवाद का गठबंधन है, जो शाही परिवार की तरह झारखंड के लोगों के साथ व्यवहार कर रही है. इस सरकार में विकास के कार्य बारे में विचार करने की सोच भी नहीं है.

हेमंत सरकार पर साधा निशाना
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि विश्व में कोरोना महामारी आई. इससे झारखंड भी अछूता नहीं रहा. इसमें भाजपा ने सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाई. सरकार की ओर से सिर्फ प्रवासी मजदूरों को लाने का काम किया गया, लेकिन उन्हें रोजगार नहीं दिया जा सका. ऐसे में जिस तेजी से प्रवासी मजदूरों को लाया गया उससे भी ज्यादा तेजी से वह वापस चले गए और झारखंड की मानव संपत्ति को भी अपने साथ लेकर गए.

वहीं दूसरे प्रदेशों में झारखंड के बारे में जो चर्चा हो रही है वह झारखंड सरकार के चेहरे को दागदार करने के लिए काफी है. उन्होंने कहा कि यह सरकार जितना खर्च 1 साल के वर्षगांठ के कार्यक्रम में कर रही है अगर उतना खर्च कोरोना पीड़ितों के लिए करती तो यहां के लोगों में खुशी होती. उन्होंने कहा कि यह सरकार विज्ञापन और होर्डिंग के माध्यम से अपने असफलताओं को छुपाने का काम कर रही है.

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किसानों की ऋण माफी का वादा
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार की तरफ से जो घोषणाएं की गईं थी उसे भी पूरा नहीं किया गया. इस राज्य में सबसे ज्यादा दुखी किसान हैं, क्योंकि उन्हें यूरिया कालाबाजारी से खरीदना पड़ा. सरकार ने 2 लाख रुपये तक किसानों का ऋण माफी का वादा किया था. उसे भी पूरा नहीं किया गया और धान खरीद भी नहीं की जा रही है.

बल्कि बिचौलिए इसका फायदा उठा रहे है और बिचौलियों से सीधा संबंध जेएमएम, कांग्रेस और राजद का है. उन्होंने कहा कि 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने की बात कही गई थी. लेकिन इसका लाभ किसी को आज तक नहीं मिला. 5 लाख लोगों को रोजगार देने की बात थी, लेकिन एक वर्ष में 5 लोगों को भी रोजगार नहीं मिला. बल्कि इस सरकार में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार ट्रांसफर पोस्टिंग के जरिए किया गया और 1,700 लोगों को ट्रांसफर पोस्टिंग कर इसे उद्योग के रूप में अपने लाभ के लिए किया गया.

सरकार पूरी तरह रही विफल
वहीं भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य की जनता की सबसे पहली जरूरत भयमुक्त वातावरण है, लेकिन यह सरकार इस मामले में पूरी तरह विफल रही है. पहले संसाधनों की कमी थी, लेकिन अब पर्याप्त मात्रा में संसाधनों के बावजूद लॉ एंड ऑर्डर कायम करने में सरकार गंभीर नहीं है.

उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के लोगों की सांठगांठ उग्रवादियों से है. यही वजह है कि झारखंड राज्य में फिर से आपराधिक और उग्रवादी घटनाएं बढ़ गईं हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति भयावह हो गई है. महिलाओं के मोर्चे पर सरकार पूरी तरह विफल है. आम लोगों से जुड़े छोटे-छोटे विभागों में भी भ्रष्टाचार चरम पर है. लोगों का काम बिना घूस दिए नहीं हो पा रहा है. इन संस्थानों में कर्मचारी और पदाधिकारी सिर्फ उगाई में लगे हुए हैं. जब मुख्यमंत्री के इन विभागों में यह हालत है, तो राज्य कैसे प्रगति करेगा, यह बड़ा सवाल है.

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