ETV Bharat / state

झारखंड में सीएम फेस के लिए भाजपा करा रही सर्वे, सांसदों-विधायकों के कामकाज का भी हो रहा आकलन

झारखंड में बीजेपी मिशन (2024 BJP Mission 2024) में तेजी जुट गई है. झारखंड में सीएम फेस के लिए बीजेपी सर्वे (BJP CM face in Jharkhand) करवा रही है. सांसदों-विधायकों के कामकाज भी आकलन हो रहा है.

CM face of BJP in Jharkhand Assessment of performance of MP MLAs
CM face of BJP in Jharkhand Assessment of performance of MP MLAs
author img

By

Published : Dec 5, 2022, 9:52 PM IST

Updated : Dec 5, 2022, 10:43 PM IST

रांची: झारखंड की मौजूदा विधानसभा ने अगर अपना कार्यकाल पूरा किया तो आगामी चुनाव 2024 के आखिरी महीनों मे होंगे, लेकिन राज्य में रह-रहकर जिस तरह के सियासी तूफान खड़े हो रहे हैं, उसमें तय वक्त से पहले भी चुनाव की दस्तक हो जाए तो आश्चर्य नहीं. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी चुनावी रणनीति के मंथन में जुट गई है. इसी कड़ी में पार्टी नेतृत्व अगले चुनाव में बीजेपी के लिए सीएम फेस (BJP CM face in Jharkhand) को लेकर सर्वे करा रहा है. एक पीआर एजेंसी को इसका जिम्मा सौंपा गया है, जो राज्य की सभी पंचायतों में रायशुमारी कर रही है.

ये भी पढ़ें- बाबूलाल मरांडी की ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत, कहा- माल बटोरने के लिए हेमंत सरकार ने रोका नगर निकाय चुनाव

सांसद-विधायकों के कामकाज का आकलन: पीआर एजेंसी राज्य के सभी 11 भाजपा सांसदों और 26 विधायकों के कामकाज और उनके बारे में पब्लिक ओपिनियन पर भी सर्वे कर रही है (Assessment of performance of MP MLAs). सर्वे के लिए 18 प्रश्नों का एक सेट तैयार किया गया है. लोगों से पूछा जा रहा है कि राज्य में मुख्यमंत्री के लिए भाजपा के किस नेता को सबसे उपयुक्त मानते हैं. सर्वे में शामिल किए जा रहे लोगों को इस प्रश्न के जवाब के लिए एजेंसी की ओर से तीन-चार नामों का ऑप्शन नहीं दिया जा रहा, बल्कि उनसे किसी भी उस नेता का नाम बताने को कहा जा रहा है जिसे वे इस पद के लिए उपयुक्त मानते हों. इसी तरह हर क्षेत्र में विधायक एवं सांसद के लिए भी नाम सुझाने को कहा जा रहा है. माना जा रहा है कि इस सर्वे के आधार पर पार्टी नेतृत्व को अगले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए संभावित उम्मीदवारों की लोकप्रियता-अलोकप्रियता का अंदाज मिल जाएगा.

सनद रहे कि वर्ष 2019 में हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन से शिकस्त खाकर भारतीय जनता पार्टी राज्य की सत्ता से बाहर हो गई थी. खास तौर पर राज्य में अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) के लिए आरक्षित 28 में से 26 सीटों पर पार्टी को पराजय का सामना करना पड़ा था, जबकि इसके पहले 2014 के चुनाव में उसे ऐसी 11 सीटों पर जीत मिली थी. ऐसे में भाजपा आगामी चुनाव के मद्देनजर अनुसूचित जनजाति वाली सीटों पर खास तौर फोकस कर रही है. पार्टी की ओर से कराए जा रहे सर्वे के जरिए ऐसे क्षेत्रों में जनमानस की थाह लेने की भी कोशिश की जा रही है. सर्वे में जुटी एजेंसी को खास ताकीद है कि हर क्षेत्र में पार्टी के प्रभावशाली नेताओं-कार्यकतार्ओं से दूरी बनाकर रखी जाए ताकि इसके नतीजे तटस्थ तौर पर सामने आएं.

इनपुट-आईएएनएस

रांची: झारखंड की मौजूदा विधानसभा ने अगर अपना कार्यकाल पूरा किया तो आगामी चुनाव 2024 के आखिरी महीनों मे होंगे, लेकिन राज्य में रह-रहकर जिस तरह के सियासी तूफान खड़े हो रहे हैं, उसमें तय वक्त से पहले भी चुनाव की दस्तक हो जाए तो आश्चर्य नहीं. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी चुनावी रणनीति के मंथन में जुट गई है. इसी कड़ी में पार्टी नेतृत्व अगले चुनाव में बीजेपी के लिए सीएम फेस (BJP CM face in Jharkhand) को लेकर सर्वे करा रहा है. एक पीआर एजेंसी को इसका जिम्मा सौंपा गया है, जो राज्य की सभी पंचायतों में रायशुमारी कर रही है.

ये भी पढ़ें- बाबूलाल मरांडी की ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत, कहा- माल बटोरने के लिए हेमंत सरकार ने रोका नगर निकाय चुनाव

सांसद-विधायकों के कामकाज का आकलन: पीआर एजेंसी राज्य के सभी 11 भाजपा सांसदों और 26 विधायकों के कामकाज और उनके बारे में पब्लिक ओपिनियन पर भी सर्वे कर रही है (Assessment of performance of MP MLAs). सर्वे के लिए 18 प्रश्नों का एक सेट तैयार किया गया है. लोगों से पूछा जा रहा है कि राज्य में मुख्यमंत्री के लिए भाजपा के किस नेता को सबसे उपयुक्त मानते हैं. सर्वे में शामिल किए जा रहे लोगों को इस प्रश्न के जवाब के लिए एजेंसी की ओर से तीन-चार नामों का ऑप्शन नहीं दिया जा रहा, बल्कि उनसे किसी भी उस नेता का नाम बताने को कहा जा रहा है जिसे वे इस पद के लिए उपयुक्त मानते हों. इसी तरह हर क्षेत्र में विधायक एवं सांसद के लिए भी नाम सुझाने को कहा जा रहा है. माना जा रहा है कि इस सर्वे के आधार पर पार्टी नेतृत्व को अगले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए संभावित उम्मीदवारों की लोकप्रियता-अलोकप्रियता का अंदाज मिल जाएगा.

सनद रहे कि वर्ष 2019 में हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन से शिकस्त खाकर भारतीय जनता पार्टी राज्य की सत्ता से बाहर हो गई थी. खास तौर पर राज्य में अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) के लिए आरक्षित 28 में से 26 सीटों पर पार्टी को पराजय का सामना करना पड़ा था, जबकि इसके पहले 2014 के चुनाव में उसे ऐसी 11 सीटों पर जीत मिली थी. ऐसे में भाजपा आगामी चुनाव के मद्देनजर अनुसूचित जनजाति वाली सीटों पर खास तौर फोकस कर रही है. पार्टी की ओर से कराए जा रहे सर्वे के जरिए ऐसे क्षेत्रों में जनमानस की थाह लेने की भी कोशिश की जा रही है. सर्वे में जुटी एजेंसी को खास ताकीद है कि हर क्षेत्र में पार्टी के प्रभावशाली नेताओं-कार्यकतार्ओं से दूरी बनाकर रखी जाए ताकि इसके नतीजे तटस्थ तौर पर सामने आएं.

इनपुट-आईएएनएस

Last Updated : Dec 5, 2022, 10:43 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.