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भुवनेश्वर मेहता: सीट शेयरिंग में हो रही देरी का फायदा बीजेपी को, विपक्ष जल्द खोले अपने पत्ते

झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है लेकिन महागठबंधन को लेकर अभी तक कुछ साफ नहीं हो पाया है. इसे देखते हुए सीपीआई के राज्य सचिव और पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता का कहना है कि आगामी विधानसभा में सीट शेयरिंग को लेकर विपक्ष दिन-प्रतिदिन देरी कर रहा है, इसका फायदा बीजेपी को मिलेगा.

भुवनेश्वर मेहता
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Published : Oct 29, 2019, 4:14 AM IST

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव आते ही सभी पार्टियां अपने-अपने चुनावी समीकरण को फिट करने में लग चुकी है. वहीं दूसरी ओर विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन का दांव-पेंच अभी तक फंसा पड़ा है. इस वजह से महागठबंधन में शामिल होने वाली पार्टियां अपने सीट शेयरिंग को लेकर रस्साकशी करती नजर आ रही है. इसी को लेकर सीपीआई के राज्य सचिव और पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता का कहना है कि आगामी विधानसभा में सीट शेयरिंग को लेकर विपक्ष दिन-प्रतिदिन देरी कर रहा है, इसका फायदा बीजेपी को मिलेगा.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें: कम नहीं हो रहे सुबोधकांत के बगावती तेवर, कहा- बर्दाश्त नहीं होगा झारखंड में कांग्रेस का पिछलग्गू बनकर चलना


बीजेपी को होगा फायदा
लोकसभा में महागठबंधन को करारी हार मिलने के बाद महागठबंधन में शामिल पार्टियां अब विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के जुट गई है, लेकिन महागठबंधन को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चालू है. इसी को लेकर सीपीआई के राज्य सचिव और पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता का कहना है कि आगामी विधानसभा को लेकर विपक्ष पूरी तरह से सीरियस नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि जुलाई माह की बैठक में महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने यह स्पष्ट किया था कि15 अगस्त के बाद सीट शेयरिंग को लेकर सभी बातें तय कर दी जाएगी. लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है जो कहीं ना कहीं बीजेपी को लाभ पहुंचाएगी.


सीपीआई अकेले लड़ेगी चुनाव
पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन अगर वाम दल को साथ लेकर नहीं चलता है तो लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को रोकने में महागठबंधन सफल नहीं हो पाएगी. इसीलिए सीपीआई की तरफ से महागठबंधन में 6 सीटों की मांग की गई है. महागठबंधन विचार-विमर्श के साथ अगर 4 से 5 सीटों पर भी समझौता करती है तो सीपीआई महागठबंधन के साथ है नहीं तो विधानसभा चुनाव में 18 से 19 सीटों पर सीपीआई अपना प्रत्याशी उतारने का काम करेगी.

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव आते ही सभी पार्टियां अपने-अपने चुनावी समीकरण को फिट करने में लग चुकी है. वहीं दूसरी ओर विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन का दांव-पेंच अभी तक फंसा पड़ा है. इस वजह से महागठबंधन में शामिल होने वाली पार्टियां अपने सीट शेयरिंग को लेकर रस्साकशी करती नजर आ रही है. इसी को लेकर सीपीआई के राज्य सचिव और पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता का कहना है कि आगामी विधानसभा में सीट शेयरिंग को लेकर विपक्ष दिन-प्रतिदिन देरी कर रहा है, इसका फायदा बीजेपी को मिलेगा.

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बीजेपी को होगा फायदा
लोकसभा में महागठबंधन को करारी हार मिलने के बाद महागठबंधन में शामिल पार्टियां अब विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के जुट गई है, लेकिन महागठबंधन को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चालू है. इसी को लेकर सीपीआई के राज्य सचिव और पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता का कहना है कि आगामी विधानसभा को लेकर विपक्ष पूरी तरह से सीरियस नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि जुलाई माह की बैठक में महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने यह स्पष्ट किया था कि15 अगस्त के बाद सीट शेयरिंग को लेकर सभी बातें तय कर दी जाएगी. लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है जो कहीं ना कहीं बीजेपी को लाभ पहुंचाएगी.


सीपीआई अकेले लड़ेगी चुनाव
पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन अगर वाम दल को साथ लेकर नहीं चलता है तो लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को रोकने में महागठबंधन सफल नहीं हो पाएगी. इसीलिए सीपीआई की तरफ से महागठबंधन में 6 सीटों की मांग की गई है. महागठबंधन विचार-विमर्श के साथ अगर 4 से 5 सीटों पर भी समझौता करती है तो सीपीआई महागठबंधन के साथ है नहीं तो विधानसभा चुनाव में 18 से 19 सीटों पर सीपीआई अपना प्रत्याशी उतारने का काम करेगी.

Intro:विधानसभा चुनाव आते ही सभी पार्टियां चुनावी समीकरण को फिट करने में लग चुकी है लेकिन दूसरी ओर विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन का दांव पेच अभी तक फंसा पड़ा है। जिस वजह से महागठबंधन में शामिल होने वाली पार्टियां अपने सीट शेयरिंग को लेकर रस्साकशी करती नज़र आ रही है।

लोकसभा में महागठबंधन को करारी हार मिलने के बाद महागठबंधन में शामिल पार्टियां अब विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के जुट गई है,लेकिन इससे पूर्व महागठबंधन में आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चालू है।


Body:इसी को लेकर भाकपा के राज्य सचिव व पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता बताते हैं कि जिस प्रकार से आगामी विधानसभा में सीट शेयरिंग को लेकर विपक्ष दिन-प्रतिदिन देरी कर रहा है, इससे यह स्पष्ट होता है कि चुनाव को लेकर विपक्ष पूरी तरह से सीरियस नहीं हुआ है,उन्होंने बताया कि जुलाई माह की बैठक में महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने यह स्पष्ट कर दिया था कि 15 अगस्त के बाद सीट शेयरिंग को लेकर सभी बातें तय कर दी जाएगी लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है जो कहीं ना कहीं बीजेपी को लाभ पहुंचाएगी।




Conclusion:पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन अगर वाम दल को साथ लेकर नहीं चलता है तो लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी को रोकने में महागठबंधन सफल नहीं हो पाएगी।

इसीलिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की तरफ से महागठबंधन में 6 सीटों का मांग किया गई है महागठबंधन विचार-विमर्श के साथ अगर 4 से 5 सीटों पर भी समझौता करती है तो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी महागठबंधन के साथ है अन्यथा विधानसभा चुनाव में 18 से 19 सीटों पर भाकपा अपना प्रत्याशी उतारने का काम करेगी।

बाइट- भुवनेश्वर मेहता, राज्य सचिव व पूर्व सांसद,भाकपा।
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