रांची: झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने सभी अधिवक्ता संघ को पत्र जारी कर न्यायिक कार्य से 29 मार्च तक अपने को अलग करने को कहा. इधर हाई कोर्ट में जरूरी याचिका सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था, जिसके कारण अधिवक्ताओं में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई.
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अधिवक्ता अदालत पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि बार काउंसिल से पत्र जारी कर उन्हें न्यायिक कार्य से अलग रहने का निर्देश दिया गया है. इसलिए इस मामले में अगली तिथि दे दी जाए. स्टेट बार काउंसिल के सचिव राजेश पांडे ने इस बाबत राज्य के सभी अधिवक्ता संघ को पत्र जारी किया है. कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सभी तरह के एहतियात बरतने का सुझाव दिया है.
संघ से न्यायिक कार्य से दूर रहने की अपील
झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने पत्र जारी कर राज्य के सभी अधिवक्ताओं को अदालती कार्रवाई से अपने को अलग करने को कहा है. स्टेट बार काउंसिल से जारी पत्र की अधिवक्ता न्यायिक कार्य से अलग रहे और हाई कोर्ट में जरूरी याचिका सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होने के कारण अधिवक्ता असमंजस में थे. झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता ने अदालत पहुंच कर उन्हें स्टेट बार कौंसिल के पत्र से अवगत कराया और मामले में अगली तिथि दिए जाने का आग्रह किया. अदालत ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले में अगली तिथि दी. झारखंड स्टेट बर काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्णा के आदेश पर सचिव राजेश पांडे ने इस बाबत पत्र जारी कर सभी संघ को दिशा निर्देश दिया जारी किया है. उन्होंने कहा है कि कोरोना के इस बढ़ते प्रभाव को देखते हुए इससे बचाव जरूरी है. उन्होंने हाई कोर्ट के पत्र का भी हवाला देते हुए कहा कि हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि जिन मामले में अधिवक्ता नहीं पहुंच पाते हैं. उसमें कोई भी करा आदेश पारित नहीं किया जाएगा या उनके खिलाफ किसी भी प्रकार की दंडात्मक आदेश नहीं पारित की जाएगी. इसलिए उन्होंने सभी संघों से आग्रह किया है कि वे अपने को न्यायिक कार्यो से अलग रखें.
बता दें, कि करुणा के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने राज्य के सभी अधिवक्ताओं को कोरोना के इस प्रभाव से बचने के लिए सभी प्रकार के अदालती कार्रवाई से अलग करने को कहा है. उन्होंने पत्र जारी कर सभी संघों को अवगत कराया है कि वह अपने को न्यायिक कार्य से अलग रखें.