रांची: 25 दिसंबर की देर रात बोकारो के बेरमो में जयराम महतो खूब गरजे. सर्द रात में अपनी एसयूवी के बोनट पर दरबार लगा दी. बीच बीच में कंबल ओढ़कर झपकी भी लेते रहे. बीच-बीच में अधिकारियों को खरी खोटी सुनाते रहे. लेकिन प्रशासन के सख्त होते ही भाषा बदल गयी. तेवर नरम पड़ गये. सीसीएल के क्वार्टर पर कब्जे का प्लान कैंसिल हो गया. ऐसा नहीं है कि जयराम महतो ने पहली बार इस तरह की भाषा बोली हो.
फिलहाल, बेरमो की घटना को समझ लें. 25 दिसंबर की देर रात चंद्रपुरा थाना क्षेत्र के मकोली ओपी स्थित सेन्ट्रल कालोनी में रात भर ड्रामा चला. दरअसल, जयराम महतो ने ढोरी एरिया के परियोजना पदाधिकारी के आवास संख्या- डी/02 को अपने नाम से आवंटित करने के लिए जीएम को आवेदन दिया था. लेकिन यह क्वार्टर प्रशिक्षु पदाधिकारियों को आवंटित कर दिया गया. इससे नाराज जयराम के समर्थक प्रशिक्षु खनन पदाधिकारियों को क्वार्टर से निकाल रहे थे. उन्हें धमका रहे थे. मामला सुलझाने के लिए पुलिस पहुंची तो जवाब में विधायक जयराम भी आ गए. कहने लगे कि एक क्वार्टर के लिए तुम लोग चार थाना का पुलिस लेकर आया है. समझाने आए पदाधिकारी से भी उन्होंने नोकझोंक की.
प्राथमिकी दर्ज होने पर विधायक ने कहा कि उन्हें इस क्वार्टर से कोई मोह नहीं है. उन्होंने कहा कि गलत तरीके से क्वार्टर पर कब्जा जमाने वालों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन मिला है. सीसीएल के जीएम और एडीएम के साथ वार्ता के दौरान जयराम महतो का तेवर सातवें आसमान पर था. एडीएम ने कहा कि "आपसे कौन लड़ने सकेगा सर, आप हर बात को बतंगड़ बनाते हैं "
क्या है प्राथमिकी में
सीसीएल ढेरी को सुरक्षा पदाधिकारी सुरेश कुमार सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराई है. आरोप लगाया है कि 25 दिसंबर को शाम 5.30 बजे मकोली के आवास संख्या डी-02 से प्रशिक्षु पदाधिकारियों को बाहर भगाने की कोशिश हो रही है. सीसीएल और सीआईएसएफ की टीम के साथ पहुंचने पर पता चला कि हंगामा कर रहे युवक जेएलकेएम के कार्यकर्ता हैं.
हंगामा बढ़ने पर चंद्रपुरा, नवाडीह, गांधीनगर और बोकारो झरिया ओपी प्रभारी भी पहुंच गये. इन पुलिस वालों के साथ भी बदतमीजी की गई. उन्हें गालियां दी गईं. फिर बेरमो से मजिस्ट्रेट मिथिलेश कुमार पांडेय पहुंचे. समझाने का दौर चल ही रहा था कि रात 2 बजे विधायक जयराम पहुंच गये. उन्होंने सहयोग के बजाए खुद गाली गलौज करने लगे. मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारियों को औकात बताने लगे. हंगामा कर रहे कई युवक शराब के नशे में थे. इस मामले में विधायक जयराम महतो, विनोद चौहान, राहुल पासवान, संजीव कुमार, नितेश कुमार मिश्र, तिलक महतो और संदीप महतो के अलावा 35-40 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है.
जयराम महतो के विवादित बोल
डुमरी विधानसभा चुनाव जीतने से पहले तक जयराम महतो को एक छात्र नेता के रूप में देखा जा रहा था. अब वे विधायक बन चुके हैं. लेकिन उनका तौर-तरीका नहीं बदला है. इसी दिसंबर माह के पहले सप्ताह में उनका एक वीडियो वायरल हुआ था. इसमें वे फोन पर किसी नाजिर को धमकी देते दिख रहे हैं. सवाल पूछे जाने पर उनका जवाब था "आपको मेरी धमकी दिखी, उन गरीबों का शोषण नहीं दिखा. 100 में एक मिस्टेक होगा". इसी दिसंबर माह में विशेष सत्र के दौरान उन्होंने विस परिसर में एक पत्रकार के साथ अभद्रता के साथ बात की थी. जाहिर है कि जब एक जनप्रतिनिधि इस तरह का व्यवहार करेगा तो उसपर सवाल उठेंगे. लेकिन जयराम महतो का दूसरा पक्ष भी है. वह एक आम शहरी और ग्रामीण की तरह खुद को पेश करते हैं. पिछले दिनों बोकारो में उस गन्ना जूस वाले के पास रुके थे, जहां वे अक्सर जूस पीने जाते हैं. उन्होंने जूस वाले से टिफिन मांग कर भोजन खाया था. विधायक पद की शपथ लेने के लिए नंगे पांव विधानसभा पहुंचे थे.
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