नई दिल्ली: बीते 19 दिसंबर को जारी अमेरिकी इमिग्रेशन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) वित्तीय वर्ष 2024 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार इस साल हर छह घंटे में एक भारतीय को अमेरिका से निर्वासित किया गया.
2021 के मुकाबले अमेरिका से निर्वासित किए गए भारतीय की संख्या में 400 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने देश से कुल 2,67,258 लोगों को निर्वासित किया था. इनमें से 1616 भारतीय थे.
इसी तरह 2020 में निर्वासित किए गए 1,85, 884 लोगों में 2312 भारतीय शामिल थे. 2021 में अमेरिकी ने कुल 59,011 लोगों को निर्वासि किया था, जिनमें 292 भारतीय थे, जबकि 2022 में 72,177 निर्वासितों में 276, 2023 में 1,42,580 में 370 और 2024 में निर्वासित किए गए कुल 2,71,484 में 1529 भारतीय शामिल थे.
क्यों निर्वासित किए जा रहा भारतीय?
एक इंडियन सेंट्रल एजेसी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "पिछले कुछ साल में निष्कासन की संख्या में उतार-चढ़ाव के लिए विभिन्न फैक्टर्स को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिसमें अमेरिकी इमिग्रेशन पॉलिसी में, प्रवर्तन प्राथमिकताएं और अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय समझौते शामिल हैं.
2024 में निष्कासित लोगों की संख्या में वृद्धि माइग्रेशन ट्रेंड और अमेरिका में लीगल स्टेटस के बिना व्यक्तियों को टारगेट करने वाले इफोर्समेंट एक्शन को भी रिफ्लेक्ट सकती है."
2019 और 2020 के बीच, जब दुनिया कोविड 19 की बीमारी से जूझ रही थी. अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान कुल 3,928 अवैध भारतीय अप्रवासियों को वापस भेजा गया. तुलनात्मक रूप से, 2021 में जब जो बाइडेन ने अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला, तो 2024 में रिपोर्ट जारी होने तक निर्वासित भारतीयों की कुल संख्या 3,467 तक पहुंच गई.
ICE ने पहले ही निर्वासन के लिए निर्धारित व्यक्तियों की एक सूची तैयार कर ली है और लगभग 18,000 अनडोक्यूमेंट्स भारतीय खुद को घर वापस भेजे जाने की उम्मीद में हैं. नवंबर 2024 तक के आईसीई डेटा से पता चलता है कि अमेरिका से निष्कासन के अंतिम आदेश वाले गैर-हिरासत वाले 14.4 लाख व्यक्तियों में 17,940 भारतीय शामिल हैं.
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