नई दिल्ली: इंडियन रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में चौथे स्थान पर है.यह भारतीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा मानी जाने वाली भारतीय रेलवे नेशनल इंटिग्रेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर अपने बुनियादी ढांचे को एडवांस करने, नई ट्रेनें शुरू करने, स्टेशन भवनों, लाउंज आदि का पुनर्विकास करके यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है.
फिलहाल रेलवे को बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधनों की आवश्यकता है. अन्यथा, उसे वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. वित्त वर्ष 2024-25 के लिए शुद्ध राजस्व का बजट अनुमान 2800 करोड़ रुपये रखा गया है. वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 में भारतीय रेलवे का शुद्ध राजस्व बेहद कम रहा है.
एक रिपोर्ट के अनुसार इस स्थिति के पीछे मुख्य कारण पैसेंजर सेगमेंट से कम राजस्व आना है. चालू वित्त वर्ष के लिए यात्री राजस्व के लिए बजट अनुमान 80,000 करोड़ रुपये रखा गया है, जबकि माल ढुलाई राजस्व अनुमान 1,80,000 करोड़ रुपये है.
क्या 2025 में रेल यात्रा महंगी हो जाएगी?
सामाजिक सेवा दायित्वों के चलते रेलवे को लागत से कम किराया लेने पर घाटा हो रहा है. यह देश के करोड़ों गरीब लोगों के लिए परिवहन का मुख्य साधन है. उम्मीद है कि राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ट्रेनों के किराया ढांचे की समीक्षा करेगा. यह ऐसे में हो रहा है, जब रेलवे पर संसदीय समिति ने रेल मंत्रालय से विभिन्न ट्रेनों औरकैटेगरीज में यात्री किराए की व्यापक समीक्षा करने का आग्रह किया था.
अपनी रिपोर्ट में समिति ने कहा कि 'जनरल कैटेगरी' की यात्रा आम लोगों के लिए सस्ती रहनी चाहिए, लेकिन साथ ही समिति भारतीय रेलवे से पैसेंजर सेगमेंट में घाटे को कम करने के लिए एसी कैटेगरीज के संबंध में अपने राजस्व की समीक्षा करने का आग्रह करती है.
यह राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर से यात्री ट्रेनों के लिए अपने परिचालन व्यय की व्यापक समीक्षा करने और अपने टिकट की कीमतों की सामर्थ्य सुनिश्चित करने के लिए इन लागतों को तर्कसंगत बनाने का भी आग्रह करती है.