रांचीः अंचलाधिकारी, अंचल कर्मी और भू-माफियाओं के गठजोड़ के कारण आदिवासी विस्थापित हो रहे हैं. ये बातें मांडर विधायक बंधु तिर्की ने सोमवार को सरना समिति नोभा नगर में इंद जतरा सह सरना प्रार्थना सभा में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कही.
बंधु तिर्की ने कहा कि हेहल अंचल के मौजा बाजरा के खाता संख्या 119 के गैर मजरूआ भूमि को अंचल और भू- माफियाओं की ओर से गलत तरीके से खरीद बिक्री की जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बाद से ही भू-माफियाओं की ओर से खतियान फाड़कर पंजी 2 में स्याही गिराकर या पंजी 2 फाड़कर धड़ल्ले से गैरमजरूआ जमीन और आदिवासी जमीन की खरीद बिक्री की जा रही है, जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि जिस जमीन पर आदिवासी मूलवासी सैकड़ों सालों से खेती करते आ रहे हैं. उसे भी भू-माफियाओं द्वारा नहीं बख्शा जा रहा है. ऐसे लोग नदी-नाला डूंगरी तक सबको गलत तरीके से बेच रहे हैं. उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि अपनी संस्कृति जमीन और भाषा परंपरा को बचाने के लिए आगे आएं, नहीं तो सभी का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा. उन्होंने अंचल कर्मियों को अपनी कार्यशैली में सुधार लाने को कहा, नहीं तो जोरदार आंदोलन की चेतावनी दी.