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कोरोनाकाल में स्कूलों से दूर हुए छात्रों के लिए बैक टू स्कूल कैंपेन शुरू, 30 दिनों तक चलेगा अभियान

कोरोनाकाल में स्कूलों से दूर हुए छात्रों को फिर से वापस लाने के लिए स्कूल रूआर 2022 अभियान यानी बैक टू स्कूल कैंपेन की शुरुआत की गई है. इसे लेकर रांची समाहरणालय में बैठक भी की गई.

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Published : Apr 6, 2022, 7:21 AM IST

रांची: सरकारी स्कूलों में पांच से 18 आयुवर्ग के छात्र-छात्राओं को वापस लाने और नियमित उपस्थिति बनाए रखने के लिए स्कूल रूआर 2022 अभियान (बैक टू स्कूल कैंपेन) की शुरुआत की गयी है. ये कार्यक्रम पांच अप्रैल से चार मई यानी पूरे 30 दिनों तक चलेगा. कोरोना महामारी के कारण लगभग दो साल तक विद्यालय बंद रहने के बाद वर्तमान में काफी बच्चे स्कूल से दूर हो गए हैं. इस अभियान के जरिए बच्चों को फिर से स्कूल वापस लाने पर फोकस किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें: पठन पाठन से जुड़ी सामग्री की डिमांड बढ़ी, अभिभावक-व्यवसायी परेशान

अभियान को लेकर रांची समाहरणालय में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. बैठक में उपविकास आयुक्त विशाल सागर, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, स्थानीय सांसद/विधायक के प्रतिनिधि, एडीपीओ, बीपीओ एवं वार्ड पार्षद एवं पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे. एडीपीओ रांची ने अभियान के तहत किये जाने वाले क्रियाकलापों की विस्तार से जानकारी दी है.

डहर ऐप से चिन्हित किए जाएंगे बच्चे: एडीपीओ रांची ने बताया कि अभियान के दौरान यह समीक्षा की जाएगी कि प्राथमिक व उच्च प्राथमिक कक्षा पास कर उच्च कक्षाओं में कितने बच्चों ने नामांकन लिया. कहीं छात्र-छात्राएं ड्रॉपआउट तो नहीं हो रहे हैं. इसके लिए सभी प्राथमिक विद्यालयों का मध्य विद्यालयों, मध्य विद्यालयों का उच्च विद्यालयों के साथ मैंपिंग करने को कहा गया है. आउट ऑफ स्कूल बच्चों समेत अन्य को डहर ऐप से चिह्नित कर नामांकन सुनिश्चित करने को कहा गया है.

उपविकास आयुक्त विशाल सागर ने कहा कि बच्चों को स्कूलों से दोबारा जोड़ने और शत-प्रतिशत उपस्थिति को लेकर बैक टू स्कूल कैंपेन की शुरुआत की गयी है. पूरे एक महीने तक कई कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को फिर से स्कूल आने को लेकर प्रोत्साहित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों के साथ समन्वय बनाते हुए सांसद, विधायक एवं ग्राम पंचायत के कार्यकारी प्रतिनिधियों के साथ इस अभियान को सफल बनाने का प्रयास किया जायेगा. उप विकास आयुक्त ने कहा कि लोगों की सेवा करने का अवसर सभी को प्राप्त नहीं होता है. इसे समझे आपको सरकार ने एक महत्वपूर्ण दायित्व दिया है. पूरी तत्परता के साथ इसका निर्वहन करें. ताकि लोगों को शिक्षित कर एक शिक्षित समाज को बनाने का कार्य किया जा सके. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण पिछले दो सालों में शिक्षा पर जो असर पड़ा है. उसे आप सभी सामूहिक प्रयास से दूर करें.

इस अवसर पर रांची जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि पूरे 2 सालों तक शिक्षा व्यवस्था ठप थी. पूरे जिले में 1 महीने तक 'स्कूल रूआर 2022' कार्यक्रम चलेगा. हम सभी मिलकर ड्रॉपआउट को कम करने का प्रयास करेंगे. एक भी बच्चे विद्यालय से बाहर नहीं रहे, सभी का नामांकन विद्यालय में हो और सबकी उपस्थिति विद्यालय में रहे इसे हमें सुनिश्चित करना है. सांसद प्रतिनिधि व विधायक प्रतिनिधि ने भी अपनी बात रखी.

स्कूलों को किया जायेगा सम्मानित: इस अभियान के दौरान सभी स्कूलों में आवश्यकतानुसार रंग-रोगन, क्लासरूम की मरम्मत, शौचालय एवं पेयजल की समुचित व्यवस्था करने समेत अन्य निर्देश दिया गया है. स्कूल रूआर 2022 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्कूलों, प्रखंडों व जिला को सम्मानित किया जाएगा. जिलास्तर पर जनप्रतिनिधि, सभी विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी एवं प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, बीआरपी-सीआरपी समेत अन्य के साथ बैठक ई-विद्यावाहिनी के माध्यम से प्राप्त बच्चों के नामांकन एवं उपस्थिति की समीक्षा की जाएगी.

दो भागों में चलेगा कैंपेन: 30 दिनों इस अभियान को दो भागों में बांटकर कार्यक्रम किये जाएंगे. इसके तहत पहले के 10 दिन जिला एवं प्रखंड अंतर्गत कार्यालय में बैठक एवं रणनीति पर काम होगा. शेष दिनों में स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित होंगे. इन 20 दिनों में स्कूलों में हर दिन अलग-अलग गतिविधि की जाएगी, जिसमें शिक्षक एवं बच्चे भागीदार होंगे. स्कूल रूआर 2022 कार्यक्रम का सतत अनुश्रवण जिला परियोजना कार्यालय एवं प्रखंडस्तर पर कार्यरत सभी पदाधिकारी एवं कर्मी की ओर से ई विद्यावाहिनी के माध्यम से किया जायेगा.

रांची: सरकारी स्कूलों में पांच से 18 आयुवर्ग के छात्र-छात्राओं को वापस लाने और नियमित उपस्थिति बनाए रखने के लिए स्कूल रूआर 2022 अभियान (बैक टू स्कूल कैंपेन) की शुरुआत की गयी है. ये कार्यक्रम पांच अप्रैल से चार मई यानी पूरे 30 दिनों तक चलेगा. कोरोना महामारी के कारण लगभग दो साल तक विद्यालय बंद रहने के बाद वर्तमान में काफी बच्चे स्कूल से दूर हो गए हैं. इस अभियान के जरिए बच्चों को फिर से स्कूल वापस लाने पर फोकस किया जा रहा है.

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अभियान को लेकर रांची समाहरणालय में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. बैठक में उपविकास आयुक्त विशाल सागर, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, स्थानीय सांसद/विधायक के प्रतिनिधि, एडीपीओ, बीपीओ एवं वार्ड पार्षद एवं पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे. एडीपीओ रांची ने अभियान के तहत किये जाने वाले क्रियाकलापों की विस्तार से जानकारी दी है.

डहर ऐप से चिन्हित किए जाएंगे बच्चे: एडीपीओ रांची ने बताया कि अभियान के दौरान यह समीक्षा की जाएगी कि प्राथमिक व उच्च प्राथमिक कक्षा पास कर उच्च कक्षाओं में कितने बच्चों ने नामांकन लिया. कहीं छात्र-छात्राएं ड्रॉपआउट तो नहीं हो रहे हैं. इसके लिए सभी प्राथमिक विद्यालयों का मध्य विद्यालयों, मध्य विद्यालयों का उच्च विद्यालयों के साथ मैंपिंग करने को कहा गया है. आउट ऑफ स्कूल बच्चों समेत अन्य को डहर ऐप से चिह्नित कर नामांकन सुनिश्चित करने को कहा गया है.

उपविकास आयुक्त विशाल सागर ने कहा कि बच्चों को स्कूलों से दोबारा जोड़ने और शत-प्रतिशत उपस्थिति को लेकर बैक टू स्कूल कैंपेन की शुरुआत की गयी है. पूरे एक महीने तक कई कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को फिर से स्कूल आने को लेकर प्रोत्साहित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों के साथ समन्वय बनाते हुए सांसद, विधायक एवं ग्राम पंचायत के कार्यकारी प्रतिनिधियों के साथ इस अभियान को सफल बनाने का प्रयास किया जायेगा. उप विकास आयुक्त ने कहा कि लोगों की सेवा करने का अवसर सभी को प्राप्त नहीं होता है. इसे समझे आपको सरकार ने एक महत्वपूर्ण दायित्व दिया है. पूरी तत्परता के साथ इसका निर्वहन करें. ताकि लोगों को शिक्षित कर एक शिक्षित समाज को बनाने का कार्य किया जा सके. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण पिछले दो सालों में शिक्षा पर जो असर पड़ा है. उसे आप सभी सामूहिक प्रयास से दूर करें.

इस अवसर पर रांची जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि पूरे 2 सालों तक शिक्षा व्यवस्था ठप थी. पूरे जिले में 1 महीने तक 'स्कूल रूआर 2022' कार्यक्रम चलेगा. हम सभी मिलकर ड्रॉपआउट को कम करने का प्रयास करेंगे. एक भी बच्चे विद्यालय से बाहर नहीं रहे, सभी का नामांकन विद्यालय में हो और सबकी उपस्थिति विद्यालय में रहे इसे हमें सुनिश्चित करना है. सांसद प्रतिनिधि व विधायक प्रतिनिधि ने भी अपनी बात रखी.

स्कूलों को किया जायेगा सम्मानित: इस अभियान के दौरान सभी स्कूलों में आवश्यकतानुसार रंग-रोगन, क्लासरूम की मरम्मत, शौचालय एवं पेयजल की समुचित व्यवस्था करने समेत अन्य निर्देश दिया गया है. स्कूल रूआर 2022 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्कूलों, प्रखंडों व जिला को सम्मानित किया जाएगा. जिलास्तर पर जनप्रतिनिधि, सभी विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी एवं प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, बीआरपी-सीआरपी समेत अन्य के साथ बैठक ई-विद्यावाहिनी के माध्यम से प्राप्त बच्चों के नामांकन एवं उपस्थिति की समीक्षा की जाएगी.

दो भागों में चलेगा कैंपेन: 30 दिनों इस अभियान को दो भागों में बांटकर कार्यक्रम किये जाएंगे. इसके तहत पहले के 10 दिन जिला एवं प्रखंड अंतर्गत कार्यालय में बैठक एवं रणनीति पर काम होगा. शेष दिनों में स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित होंगे. इन 20 दिनों में स्कूलों में हर दिन अलग-अलग गतिविधि की जाएगी, जिसमें शिक्षक एवं बच्चे भागीदार होंगे. स्कूल रूआर 2022 कार्यक्रम का सतत अनुश्रवण जिला परियोजना कार्यालय एवं प्रखंडस्तर पर कार्यरत सभी पदाधिकारी एवं कर्मी की ओर से ई विद्यावाहिनी के माध्यम से किया जायेगा.

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