रांचीः राजधानी के एटीएम अब साइबर अपराधियों के निशाने पर है, कभी एटीएम कार्ड बदलकर ठगी तो कभी एटीएम मशीन से छेड़छाड़ कर राजधानी वासियों के पैसे गायब किए जा रहे हैं. पिछले एक सप्ताह के भीतर एटीएम से पैसे गायब होने के आधा दर्जन से अधिक मामले सामने आ चुके हैं.
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साइबर अपराधी अब एटीएम के ऑटोमेटिक डिपॉजिट विड्रॉल मशीन को टारगेट कर रहे हैं. जब लोग साइबर अपराधियों के ठगी के पुराने तरीके समझने लगे और अलर्ट हुए तो ठगों ने अपना पैटर्न बदल दिया. अब साइबर अपराधी एटीएम मशीन, ऑटोमेटिक डिपोजिट-विड्रॉल मशीन से छेड़छाड़ कर ठगी की वारदात को अंजाम देने लगे हैं. जानकार बताते हैं कि साइबर अपराधी एटीएम मशीन से छेड़छाड़ कर ऐसी परिस्थितियां बना देते हैं कि जब आप एटीएम से पैसे की निकासी के लिए अपना कार्ड डालते हैं तो सारे प्रोसेस पूरा होने के बावजूद पैसा नहीं निकलता है. लेकिन ठीक थोड़े ही देर बाद साइबर अपराधी एटीएम पहुंचते हैं और पैसे निकालकर फरार हो जाते हैं.
स्किमिंग के जरिए ठगीः साइबर पुलिस के जांच में यह बात सामने आई है कि साइबर अपराधी एटीएम से ठगी करने के लिए स्कीमिंग का प्रयोग कर रहे हैं. स्किमिंग एक ऐसा तरीका है जिसके द्वारा ग्राहकों के एटीएम की जानकारी को मैग्नेटिक चिप के जरिए चोरी कर लिया जाता है. साइबर अपराधी किसी भी एटीएम में कार्ड लगाने वाली मशीन या मर्चेंट पेमेंट टर्मिनल वाली जगह पर एक डिवाइस लगा देते हैं, इसे स्किमर कहते हैं.
यह स्किमर आपके एटीएम डिटेल्स की जानकारी को प्राप्त कर लेता है. यह आपके कार्ड का नंबर, उसका सीवीवी नंबर जैसी महत्वपूर्ण जानकारी चुरा लेता है. अगर आप अपने एटीएम को गौर से देखेंगे तो पाएंगे कि एटीएम कार्ड में मैग्नेटिक चिप होती है. दो साल पहले तक एटीएम कार्डों में काले रंग की पट्टी हुआ करती थी. लेकिन नए एटीएम कार्ड में सिम के आकार की चिप होती है. जिसके अंदर आपके अकाउंट से जुड़ी सारी डिटेल मौजूद होती है. ये डिटेल्स साइबर क्रिमिनल्स चुरा लेते हैं और बैंक अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं.
ठगी करने के लिए साइबर अपराधी एटीएम मशीन में कार्ड डालने वाली जगह पर एक उपकरण लगा होता है. जैसे ही आप उस एटीएम में पैसे निकालने के लिए कार्ड डालते हैं, आपके एटीएम विवरण उस डिवाइस में कॉपी हो जाती है. इसके जरिए साइबर अपराधी आपके एटीएम कार्ड का क्लोन बनाकर एटीएम से आपके सारे पैसे निकाल लेते हैं. पिछले दिनों ऐसे कई मामले सामने आए हैं. जिसमें लोगों के पास एटीएम रहते हुए उनके खाते से पैसे निकाल लिए गए हैं.
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एटीएम कार्ड बदलकर ठगीः राजधानी में एटीएम कार्ड बदलकर ठगी करने वाला गिरोह भी सक्रिय हैं. ऐसी ठगी करने वाले साइबर अपराधी ऐसे एटीएम को निशाना बनाते हैं, जहां गार्ड नहीं होता. सबसे पहले साइबर अपराधी एटीएम मशीन के कुछ बटन को निष्क्रिय कर देते हैं. इसके बाद ग्राहक आने का इंतजार करते हैं. इसी बीच पैसे निकालने के लिए कोई शख्स मशीन में अपना कार्ड डालता लेकिन बटन निष्क्रिय होने के कारण राशि नहीं निकल पाती. इस बीच ठग मदद करने के बहाने एटीएम में आता है और मशीन में दोबारा कार्ड डालकर पैसे निकाल देने का भरोसा देता है.
ठग उस व्यक्ति से पैसे निकालने के लिए एटीएम कार्ड का पासवर्ड भी पूछ लेता है. इसके बाद ग्राहक के बताए अनुसार राशि एटीएम से निकाल करके दे देता है. इस बीच बड़ी चालाकी से उसका एटीएम कार्ड दूसरे कार्ड से बदल देता है. साइबर ठग अपने पास वैसे एटीएम कार्ड ही रखते हैं जो पैसे निकालने वाले का होता है. ऐसे में एटीएम बदलने के बाद भी लोगों को यह पता नहीं चलता कि उनका एटीएम बदल दिया गया है. बाद में दूसरे शहर या फिर कहीं दूर जाकर उनके एटीएम से पैसे निकाल लेते हैं. हाल के दिनों में रांची के पंडरा, हटिया, बेड़ो, तुपुदाना और इटकी से कई ऐसे मामले आए हैं, जिनमें एटीएम बदलकर पैसे उड़ा लिए गए.
एटीएम के उपयोग में सावधानी बरतेंः अगर एटीएम में कहीं भी छेड़छाड़ दिखे तो उस एटीएम का प्रयोग ना करें, एटीएम और उसका पासवर्ड किसी से भी शेयर ना करें, किसी नई जगह एटीएम का उपयोग करने से पहले चेक कर लें कोई संदेहास्पद स्थिति तो नहीं है. अगर आपको एटीएम से पैसा निकालना नहीं आता तो किसी परिचित को ही साथ ले जाएं, अनजान व्यक्ति से मदद ना लें. एटीएम से पैसा किसी अन्य व्यक्ति के सामने ना निकालें. एटीएम से पैसा निकलवाते समय पिन नंबर इस तरह डालें कि कोई अन्य ना देख पाए. एटीएम कार्ड खो जाए तो कस्टमर केयर पर फोन करके उसे तुरंत ब्लॉक करवा दें.
एटीएम का पासवर्ड कुछ अंतराल के बाद बदल दें, अगर एटीएम से पैसा नहीं निकले तो तुरंत वापस ना जाएं, बैंक को सूचित करें, ना की आसपास खड़े किसी अनजान व्यक्ति से मदद मांगे. एटीएम कार्ड पर भूलकर भी पासवर्ड यानी पिन नंबर ना लिखें. लेनदेन पूरा होने या अधूरा रहने के बाद एटीएम में दिए गए 'कैंसल' बटन जरूर दबाएं. बैंक की एसएमएस अलर्ट सर्विस सबस्क्राइब करें. आसान की जगह मजबूत यानी सामान्य से थोड़ा अलग पासवर्ड बनाएं. एटीएम मशीन में पासवर्ड डालते वक्त किसी की नजर ना पड़े, इसलिए झुककर या मशीन से सटकर खड़े रहें. एटीएम मशीन में छेड़छाड़ दिखने पर इसकी सूचना पुलिस को दें.
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हाल के दिनों में एटीएम से ठगी की घटनाएंः 18 अप्रैल को पंडरा थाना क्षेत्र के रहने वाले बुजुर्ग केदार नारायण मिश्रा के खाते से 90 हजार रुपये गायब हो गए. मामले को लेकर बुजुर्ग ने पंडरा थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई है. प्राथमिकी में बुजुर्ग ने यह बताया है कि 18 अप्रैल को वो पिस्का मोड़ स्थित बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम से रुपए निकालने गए थे लेकिन रुपए नहीं निकला कुछ ही देर बाद उनके मोबाइल में मैसेज आया क्योंकि खाते से 90 हजार रुपये निकाल लिए गए.
15 अप्रैल को रांची के तुपुदाना चौक के पास स्थित एटीएम से बबलू राम नाम के व्यक्ति पैसे निकालने के लिए गए थे लेकिन उनका एटीएम कार्ड मशीन में ही फंस गया. कुछ देर बाद ही उनके मोबाइल में मैसेज आया कि उनके खाते से एक लाख तीन हजार रुपये निकाल लिए गए हैं. पूरे मामले को लेकर उन्होंने बैंक में भी शिकायत की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. जिसके बाद उन्होंने तुपुदाना थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई.
5 अप्रैल को रांची के पिस्का मोड़ के रहने वाले बंधु उरांव का एटीएम बदलकर 62 हजार रुपये की निकासी कर ली गई. बंधु ने सुखदेव नगर थाना में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है. प्राथमिकी के अनुसार पिस्का बंधु पिस्का मोड़ स्थित एटीएम से पैसा निकालने गए थे लेकिन उनका पैसा नहीं निकला. एटीएम में ही मौजूद एक अनजान व्यक्ति ने एटीएम में मदद करने आया और धोखाधड़ी के जरिया उनका एटीएम बदल दिया. एक घंटे के भीतर उनके खाते से 62 हजार रुपये निकाल लिए गए. जिसके बाद बंधु राम बैंक पहुंचे और एटीएम को ब्लॉक करवाया.