झारखंड महासमर का जंग खत्म हो गया. पांचों चरण मिला कर लगभग 65.23 फीसदी मतदान हुआ है. 5वें चरण में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, लुईस मरांडी के अलावा कई दिग्गजों के भाग्य का फैसला जनता ने कर दिया है, जिसका रिजल्ट 23 दिसंबर को आएगा.
5वें चरण में 6 जिलों के 16 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ. इस चरण में 237 प्रत्याशी मैदान में थे, लेकिन 1 प्रत्याशी की मौत के बाद 236 प्रत्याशी ही चुनावी मैदान में रह गए. 16 विधानसभा इलाकों में से 11 इलाकों में शाम 5 बजे तक हुआ, जबकि 5 विधानसभा सीटों पर नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण 3 बजे तक ही मतदान कराया गया. आखिरी चरण में कुल 71.69 प्रतिशत मतदान हुआ.
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वहीं, 16 दिसंबर को चौथे चरण का मतदान संपन्न हुआ, जिसमें 5 जिलों के 15 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हुई. इस फेज में 221 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इस चरण में सबसे ज्यादा वोटिंग चंदनकियारी में 74.50 प्रतिशत हुई, जबकि सबसे कम मतदान (50.64) बोकारो सीट पर हुआ. इस चरण में कुल 63.30 प्रतिशत मतदान हुआ.
तीसरा चरण आजसू के लिए अहम
तीसरे चरण का मतदान 12 दिसंबर को कड़ी सुरक्षा के बीच समाप्त हुआ. इस चरण में 8 जिलों के 17 सीटों पर 56 लाख से अधिक मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया, जिसमें 309 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद है. यह चरण बीजेपी से अलग होकर मैदान में उतरी आजसू के लिए काफी अहम रहा, क्योंकि आजसू अध्यक्ष सुदेश महतो से लेकर पार्टी के अन्य कद्दावर नेताओं का सियासी सफर इसी चरण में तय हो गया है, जिसका रिजल्ट 23 दिसंबर को आएगा. इस चरण में 61.11 फीसदी मतदान हुआ है.
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वहीं, अगर दूसरे चरण की बात करें तो 7 दिसंबर को मतदान समाप्त हुआ. इस चरण में महिलाओं का अहम योगदान रहा है, क्योंकि जिन 7 जिलों की 20 सीटों पर मतदान हुआ, उसमे 17 सीट अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है, जिसमें 11 सीटों पर महिला वोटरों की संख्या पुरुष वोटर से ज्यादा है. दूसरे चरण में 20 में से 15 सीटें नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आती है. इस चरण में कुल 65.15 प्रतिशत मतदान हुआ.
नक्सलियों के मंसूबा पर फिरा पानी
पहले चरण का चुनाव 30 नवंबर को संपन्न हुआ, जिसमें छिटपुट घटनाएं भी हुई. गुमला के विशुनपुर विधानसभा क्षेत्र में नक्सलियों ने एक पुल को उड़ा दिया. वहीं पलामू के कोशियारा गांव में मतदान के दौरान कांग्रेस और बीजेपी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए थे. इस दौरान कांग्रेस कैंडिडेट के एन त्रिपाठी बूथ पर पिस्टल लहराते नजर आए थे, जिसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया था. पहले चरण में 13 सीटों पर 64.71 फीसदी मतदान हुआ है. इस चरण में 189 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है.
झारखंड विधानसभा चुनाव में कुल 81 विधानसभा सीट है, लेकिन 19 जिला अति नक्सल प्रभावित होने के कारण मुख्य निर्वाचन आयोग ने 5 चरण में मतदान कराने का फैलसा लिया. हालांकि पहले चरण के मतदान में कुछ घटनाएं हुई, जिसके बाद प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद हो गया. शुक्रवार को झारखंड महासमर का सभी चरण का मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो गया है. सभी 1215 प्रत्याशियों की किस्मत की लकीरें मतदाताओं ने ईवीएम में बंद कर दिए है. अब 23 दिसंबर को यह फैसला होगा कि किसके माथे सजेगा झारखंड का ताज और कौन गिरेगा अर्श से फर्श पर.