रांची: शहर के ओल्ड पुलिस लाइन स्थित गेस्ट हाउस में 14 वर्षीय नाबालिग से गैंग रेप मामले में जिस शर्मा जी का नाम सामने आ रहा था. वह सीसीआर में पोस्टेड एएसआई राजकुमार शर्मा निकला. रांची के लोअर बाजार थाने की पुलिस ने उसे सोमवार को जेल भेज दिया है.
पुलिस जे दामन पर लगा दाग
पुलिस गेस्ट हाउस में हुए गैंग रेप की वारदात ने रांची पुलिस के दामन पर एक बदनुबा दाग लगा दिया है. पुलिस गेस्ट हाउस में, पीड़ित पुलिस वाले की नबालिग बेटी और रेप करने वालों में एक एएसआई साथ ही एक पुलिस वाले का रिश्तेदार शामिल है. एक महीने पहले हुई इस जघन्य वारदात में पुलिस के ओर से देर से हुई करवाई पर भी सवाल उठ रहे है. राजभवन के हस्तक्षेप के बाद रांची पुलिस इस मामले में रेस हो गई और मुख्य आरोपी एएसआई राजकुमार शर्मा को गिरफ्तार किया. इससे पहले दो आरोपियों को इस मामले में अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
सबसे पहले एएसआई ने बनाया शिकार
आरोपी एएसआई ने स्वीकार किया है कि घटना में वह शामिल था. सबसे पहले पीड़िता को आरोपी एएसआई ने ही शिकार बनाया था. उसने पीड़िता को बताया था कि रांची के एक प्रतिष्ठित होटल में उसका बीयर बार चलता है और वह पीसीआर में भी तैनात है. एएसआई के जाने के बाद नाबालिग पीड़िता के इंस्टाग्राम फ्रेंड विपुल ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. विपुल ने पूरी रात पुलिस गेस्ट हाउस में दुष्कर्म किया था. इसके बाद सुबह ओला कैब बुक करके पलामू के डाल्टनगंज भेज दिया था, जहां पीड़िता अपने परिचित दोस्त करण के यहां रुकी थी. इस घटना में शामिल विपुल और करण को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. बाद में पीड़िता का बयान सामने आने के बाद मामले में हलचल हुई और एसआई राजकुमार शर्मा पकड़ा गया. आरोपी एएसआई राजकुमार शर्मा रांची के कचहरी चौक स्थित कंपोजिट कंट्रोल रूम में पोस्टेड है. चर्चा में है कि आरोपियों ने घटना को अंजाम देने के दौरान पीड़िता को पूरी रात शराब भी पिलाई थी. हालांकि किसी भी पुलिस अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है.
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घटना के बाद पीड़िता के पिता ने दर्ज कराई थी अपहरण की एफआईआर
पीड़िता के पिता के अनुसार नाबालिग बीते 12 अगस्त को ट्यूशन जाने के नाम पर घर से निकली थी. इसके बाद आरोपियों के बहकावे में आकर ट्रैप हो गई थी और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था. घटना को लेकर 13 अगस्त को नाबालिग के पिता की शिकायत पर अपहरण का केस लोअर बाजार थाना में दर्ज हुआ था. नाबालिग को बरामद करने के बाद सीडब्ल्यूसी के सामने 18 अगस्त को बयान दर्ज कराया गया था. उसी बयान में यह बात सामने आई थी कि नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई है. नाबालिग ने बताया था कि वह अपने इंस्टाग्राम दोस्त विपुल से मिलने के लिए पुरानी पुलिस लाइन के पास पहुंची थी. इस दौरान उसका दोस्त शर्मा जी वहां मिला था. शर्मा जी ने 500 रुपये देकर भी विपुल को खाना लाने भेज दिया था. इसके बाद शर्मा जी ने सबसे पहले नाबालिक के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. वापस आने पर विपुल ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया था. इसके बाद ओला कैब से डाल्टनगंज भेज दिया था, जहां नाबालिग अपने परिचित करण के घर में रुक गई थी. पुलिस ने वहीं से नाबालिग को बरामद किया था.
पीड़िता का अपहरण का मामला पुलिस ने छुपाया
पीड़िता का अपहरण और उसके साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना को पुलिस के स्तर पर पूरी तरह छुपाने की कोशिश की गई. इस मामले में सही ढंग से न्याय नहीं मिलने से पीड़िता के परिजन न्याय के लिए भटक रहे थे. इसी कड़ी में सीडब्ल्यूसी के सामने आए बयान के बाद मामले ने तूल पकड़ा और मामला राज्यपाल से लेकर डीजीपी स्तर तक संज्ञान में आया. चूंकि इस मामले को पुलिस स्तर पर अपहरण का मामला बनाकर दबाने की भरपूर कोशिश की गई, जबकि यह मामला सामूहिक दुष्कर्म का था. अब तक एफआईआर में यह मामला अपहरण का ही दर्ज है, हालांकि पीड़िता का चौंकाने वाला बयान सामने आने के बाद इस मामले में सामूहिक दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट की धाराएं जोड़े जाने की प्रक्रिया चल रही है. पुलिस के वरीय अधिकारियों को भी इस संबंध में निर्देश दिया जा चुका है. बता दें कि पीड़िता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के चालक की बेटी है.