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रेलवे से जुड़े फैसले लेता है रेल मंत्रालय,  हेमंत में जानकारी का अभावः अर्जुन मुंडा - रेलवे जोनल कार्यालय पर बोले हेमंत

झारखंड में रेलवे का जोनल कार्यालय बनाने को लेकर यूं तो काफी समय से मांग उठ रही है, लेकिन इस बार इससे जुड़े हेमंत सोरेन के बयान ने इस मुद्दे को एक बार फिर उठाया है. इसी बयान पर पलटवार करते हुए अर्जुन मुंडा ने कहा कि हेमंत में जानकारी का अभाव है. गौरतलब है कि अर्जुन मुंडा रांची में रेलवे संसदीय बोर्ड की बैठक शामिल होने आए थे.

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा
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Published : Sep 24, 2019, 8:21 PM IST

रांचीः झारखंड में एक जोनल कार्यालय बने, इसे लेकर हमेशा से रेल मंत्रालय के समक्ष राज्य के सांसदों ने मुद्दा उठाया है, लेकिन मामले को लेकर अब तक किसी भी तरह की पहल नहीं हुई है. जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने भी कहा था कि जब उनकी सरकार बनेगी, रांची में ही झारखंड का रेलवे जोनल कार्यालय बनेगा. इसी बयान पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि जानकारी के अभाव में और राजनीतिक फायदा लेने के लिए इस तरह का बयान दिया जाता है.

देखें पूरी खबर

गौरतलब, है कि रेवेन्यू के अलावा कई प्रशासनिक कामों के लिए रांची, धनबाद और चक्रधरपुर रेल मंडल को कोलकाता स्थित रेलवे जोनल कार्यालय के ही चक्कर काटने पड़ते हैं. वहीं, इन तीनों रेल मंडलों से रेलवे को भारी भरकम राजस्व मिलता है. फिर भी इस ओर रेल मंत्रालय का पूरा ध्यान नहीं है. हालांकि रेलवे जोनल ऑफिस की मांग झारखंड से कई बार उठाई गई है, लेकिन अब तक इस दिशा में सकारात्मक पहल नहीं दिखा है.

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'हेमंत सोरेन के पास जानकारी का अभाव'

जोनल ऑफिस मामले को लेकर एक कार्यक्रम के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन भी बयान दे चुके हैं. उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार बनी तो रांची में रेलवे का जोनल कार्यालय बनेगा. इस सरकार से संभव नहीं है और इस मामले को लेकर जब अर्जुन मुंडा से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि रेलवे से जुड़े फैसले केंद्र सरकार लेती है. रेल मंत्रालय राज्य सरकार के अंतर्गत नहीं आता है. ऐसे में जानकारी के अभाव में लोग इस तरीके का बयान देते हैं और इसमें उनका राजनीतिक फायदा लेना ही मकसद होता है.

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दरअसल, विभिन्न मुद्दों को लेकर रांची में रेलवे संसदीय बोर्ड की एक बैठक आयोजित हुई थी. इस बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी शामिल हुए थे. इसी दौरान उन्होंने हेमंत सोरेन के उस बयान पर पलटवार किया है.

रांचीः झारखंड में एक जोनल कार्यालय बने, इसे लेकर हमेशा से रेल मंत्रालय के समक्ष राज्य के सांसदों ने मुद्दा उठाया है, लेकिन मामले को लेकर अब तक किसी भी तरह की पहल नहीं हुई है. जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने भी कहा था कि जब उनकी सरकार बनेगी, रांची में ही झारखंड का रेलवे जोनल कार्यालय बनेगा. इसी बयान पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि जानकारी के अभाव में और राजनीतिक फायदा लेने के लिए इस तरह का बयान दिया जाता है.

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गौरतलब, है कि रेवेन्यू के अलावा कई प्रशासनिक कामों के लिए रांची, धनबाद और चक्रधरपुर रेल मंडल को कोलकाता स्थित रेलवे जोनल कार्यालय के ही चक्कर काटने पड़ते हैं. वहीं, इन तीनों रेल मंडलों से रेलवे को भारी भरकम राजस्व मिलता है. फिर भी इस ओर रेल मंत्रालय का पूरा ध्यान नहीं है. हालांकि रेलवे जोनल ऑफिस की मांग झारखंड से कई बार उठाई गई है, लेकिन अब तक इस दिशा में सकारात्मक पहल नहीं दिखा है.

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'हेमंत सोरेन के पास जानकारी का अभाव'

जोनल ऑफिस मामले को लेकर एक कार्यक्रम के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन भी बयान दे चुके हैं. उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार बनी तो रांची में रेलवे का जोनल कार्यालय बनेगा. इस सरकार से संभव नहीं है और इस मामले को लेकर जब अर्जुन मुंडा से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि रेलवे से जुड़े फैसले केंद्र सरकार लेती है. रेल मंत्रालय राज्य सरकार के अंतर्गत नहीं आता है. ऐसे में जानकारी के अभाव में लोग इस तरीके का बयान देते हैं और इसमें उनका राजनीतिक फायदा लेना ही मकसद होता है.

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दरअसल, विभिन्न मुद्दों को लेकर रांची में रेलवे संसदीय बोर्ड की एक बैठक आयोजित हुई थी. इस बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी शामिल हुए थे. इसी दौरान उन्होंने हेमंत सोरेन के उस बयान पर पलटवार किया है.

Intro:रांची।

झारखंड में एक जोनल कार्यालय बने इसे लेकर हमेशा ही रेल मंत्रालय के समक्ष झारखंड के सांसदों द्वारा मुद्दा उठाया गया है. लेकिन मामले को लेकर अब तक किसी भी तरह की पहल नहीं हुई है और इसी मुद्दे को लेकर एक बार झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने भी कहा था कि जब उनकी सरकार बनेगी .रांची में ही झारखंड का रेलवे जोनल कार्यालय बनेगी. इस सरकार के बूते यह नहीं होगा. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से जब मामले को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जानकारी के अभाव में लोग इस तरह का बयान देते हैं. इसमें राजनीतिक फायदा लेना ही मकसद होता है.


Body:गौरतलब है कि रेवेन्यू के अलावे विभिन्न प्रशासनिक कार्यों के लिए रांची ,धनबाद और चक्रधरपुर रेल मंडल को कोलकाता स्थित रेलवे जोनल कार्यालय का ही चक्कर काटना पड़ता है. जबकि इन तीनों रेल मंडलों से रेलवे को भारी भरकम राजस्व मिलता है . फिर भी इस और रेल मंत्रालय का पूरा ध्यान नहीं है. हालांकि रेलवे जोनल ऑफिस की मांग झारखंड से कई बार उठाई गई है .लेकिन अब तक इस दिशा में सकारात्मक पहल नहीं दिखी है. जोनल ऑफिस मामले को लेकर एक कार्यक्रम के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन भी बयान दे चुके है कि उनकी सरकार बनेगी तब ही रांची में रेलवे की जोनल कार्यालय बनेगी .इस सरकार से संभव नहीं है और इस मामले को लेकर जब अर्जुन मुंडा से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि रेलवे से जुड़ा फैसला केंद्र सरकार द्वारा ही किया जाता है .रेल मंत्रालय राज्य सरकार के अंतर्गत नहीं आता है. ऐसे में जिस ने बयान दिया है इस तरह का उन्हें भी इसकी जानकारी होनी चाहिए. जानकारी के अभाव में लोग इस तरीके का बयान देते हैं और इसमें उनका राजनीतिक फायदा लेने का मकसद होता है.


Conclusion:दरअसल विभिन्न मुद्दों को लेकर रांची में रेलवे संसदीय बोर्ड की एक बैठक आयोजित हुई थी .इस बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी शामिल हुए थे .इसी दौरान उन्होंने हेमंत सोरेन के उस बयान पर पलटवार किया है.

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