रांचीः झारखंड में एक जोनल कार्यालय बने, इसे लेकर हमेशा से रेल मंत्रालय के समक्ष राज्य के सांसदों ने मुद्दा उठाया है, लेकिन मामले को लेकर अब तक किसी भी तरह की पहल नहीं हुई है. जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने भी कहा था कि जब उनकी सरकार बनेगी, रांची में ही झारखंड का रेलवे जोनल कार्यालय बनेगा. इसी बयान पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि जानकारी के अभाव में और राजनीतिक फायदा लेने के लिए इस तरह का बयान दिया जाता है.
गौरतलब, है कि रेवेन्यू के अलावा कई प्रशासनिक कामों के लिए रांची, धनबाद और चक्रधरपुर रेल मंडल को कोलकाता स्थित रेलवे जोनल कार्यालय के ही चक्कर काटने पड़ते हैं. वहीं, इन तीनों रेल मंडलों से रेलवे को भारी भरकम राजस्व मिलता है. फिर भी इस ओर रेल मंत्रालय का पूरा ध्यान नहीं है. हालांकि रेलवे जोनल ऑफिस की मांग झारखंड से कई बार उठाई गई है, लेकिन अब तक इस दिशा में सकारात्मक पहल नहीं दिखा है.
ये भी पढे़ं- गांधी, आजाद और गफ्फार खान: सह-अस्तित्व और सहिष्णुता पर करते थे यकीन
'हेमंत सोरेन के पास जानकारी का अभाव'
जोनल ऑफिस मामले को लेकर एक कार्यक्रम के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन भी बयान दे चुके हैं. उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार बनी तो रांची में रेलवे का जोनल कार्यालय बनेगा. इस सरकार से संभव नहीं है और इस मामले को लेकर जब अर्जुन मुंडा से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि रेलवे से जुड़े फैसले केंद्र सरकार लेती है. रेल मंत्रालय राज्य सरकार के अंतर्गत नहीं आता है. ऐसे में जानकारी के अभाव में लोग इस तरीके का बयान देते हैं और इसमें उनका राजनीतिक फायदा लेना ही मकसद होता है.
ये भी पढे़ं-FDI के खिलाफ मजदूर यूनियन का बंद असरदार, कोयला उत्पादन प्रभावित
दरअसल, विभिन्न मुद्दों को लेकर रांची में रेलवे संसदीय बोर्ड की एक बैठक आयोजित हुई थी. इस बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी शामिल हुए थे. इसी दौरान उन्होंने हेमंत सोरेन के उस बयान पर पलटवार किया है.