रांची: आज मोरहाबादी मैदान में हेमंत सोरेन के साथ ही कांग्रेस के आलमगीर आलम ने भी मंत्री पद की शपथ ली. आलमगीर पाकुड़ विधानसभा सीट से जीतकर कैबिनेट में शामिल हुए हैं. उन्होंने पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र से लगभग 65 हजार मतों से जीत हासिल कर रिकॉर्ड जीत भी दर्ज किया है.
1995 में लड़ा था पहला चुनाव
मंत्री पद की शपथ लेने वाले आलमगीर आलम की गिनती कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में की जाती है. वे इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका भी निभा चुके हैं. हालांकि इस दौरान विधानसभा नियुक्ति घोटाले में वे सवालों के घेरे में भी आए थे. आलमगीर 2019 में पाकुड़ सीट जीतने से पहले वर्ष 2000 और 2005 में भी बीजेपी के बेनी प्रसाद को हराकर विधायक बने थे. 2005 में उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी संभाली थी. वहीं 2009 के विधानसभा चुनाव में वे जेएमएम के अकील अख्तर से हार गए थे लेकिन 2014 में उन्होंने अकील अख्तर को हराकर बदला पूरा कर लिया. 2019 में आलमगीर आलम को कैबिनेट मंत्री के पद के साथ ही कांग्रेस विधायक दल का नेता भी चुना गया है. बता दें कि इसके साथ आलमगीर आलम तीसरी बार प्रदेश कांग्रेस के विधायक दल के नेता चुने गए हैं. वहीं 1995 में आलमगीर ने पहली बार चुनाव लड़ा था हालांकि इस दौरान वे हार गए थे.
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बता दें कि विधानसभा चुनाव 2019 में जेएमएम के खाते 30 सीटें आई हैं वहीं कांग्रेस के खाते में 16 सीटें आई है जबकि आरजेडी ने एक सीट पर अपनी दावेदारी पेश की है. महागठबंधन को मिली इस अप्रत्याशीत जीत के बाद आज दोपहर के 2 बजे हेमंत सोरेन झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की.