रांचीः प्रदेश में लंबे समय तक एनडीए गठबंधन में शामिल आजसू पार्टी ने राह जुदा होने के बाद रविवार को अपना इलेक्शन मेनिफेस्टो जारी कर दिया. 'संकल्प पत्र' के नाम से जारी विधानसभा चुनाव का मेनिफेस्टो का मुख्य फोकस ग्रामीण स्वराज समेत युवाओं के लिए हर महीने दी जानेवाली प्रोत्साहन राशि है. इसके अलावा संकल्प पत्र में झारखंड को विशेष राज्य का दर्जा और कृषि को उद्योग का दर्जा दिलाने संबंधी बातें कही गई हैं.
आबादी के हिसाब से होना चाहिए आरक्षण
रविवार को पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने संकल्प पत्र जारी करते हुए कहा कि राज्य में आबादी के हिसाब से आरक्षण होना चाहिए और अधिकतम 73% आरक्षण की पार्टी पक्षधर है. साथ ही उन्होंने कहा कि स्नातक पास करने के साथ ही उन युवक-युवतियों को हर महीने 2100 रुपया प्रोत्साहन राशि देने की भी योजना है.
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कृषि को मिले उद्योग का दर्जा
सुदेश महतो ने कहा कि कृषि को उद्योग का दर्जा मिले इसके लिए भी पार्टी प्रयासरत है. साथ ही उन्होंने जल प्रबंधन मजबूत करने के मकसद से नदियों को जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना की भी वकालत की. सुदेश ने कहा कि आजसू पार्टी का मानना है कि राज्य की सभी नदियों को अगर जोड़ दिया जाए तो ग्रामीण इलाकों की सिंचाई व्यवस्था काफी सुदृढ़ हो जाएगी और कृषि उद्योग का रूप ले सकेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी लंबे समय से विशेष राज्य का दर्जा के लिए संघर्ष करती आई है और यह अभी भी पार्टी के प्रमुख प्राथमिकता में है. उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य के लिए आंदोलन करने वाले लोगों को भी स्वतंत्रता सेनानी के जैसा दर्जा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आयोग से चिन्हित कर उन्हें ना केवल सम्मान राशि बल्कि राज्य में उनके लिए आवास योजना और अन्य योजनाएं शुरू की जाएंगी.
स्थानीयता नीति और नियोजन नीति में हो बदलाव
इस मौके पर आजसू सुप्रीमो ने कहा कि स्थानीयता नीति और नियोजन नीति में भी बदलाव हो इसके लिए पार्टी प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि स्थानीय और नियोजन नीति में ऐसा प्रावधान किया जाएगा कि तृतीय और चतुर्थ वर्ग की श्रेणियों में राज्य और जिला में होने वाली नियुक्तियों में केवल स्थानीय लोगों को प्राथमिकता मिले. इस मौके पर पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष और गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी समेत पूर्व मंत्री उमाकांत रजक भी मौजूद रहे.
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आजसू के संकल्प पत्र की खास बिंदु
आजसू के संकल्प पत्र में ग्राम स्वराज की बात कही गई है. साथ ही सामाजिक न्याय पिछड़ा आरक्षण और अल्पसंख्यक कल्याण पर भी फोकस है. इसके तहत आबादी की संरचना और पिछड़ेपन को ध्यान में रखते हुए पिछड़ों को 27%, अनुसूचित जनजाति को 32% और अनुसूचित जाति को 14% आरक्षण दिलाने की बात कही गई है. वहीं संघर्षरत पारा शिक्षक, आंगनबाड़ी सेविका, सहिया और अनुबंध कर्मियों की सेवा को अगली कतार मिलाने के प्रति पार्टी ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है. साथ ही राज्य में स्कूल ऑफ स्पोर्ट्स की स्थापना भी पार्टी की घोषणा पत्र में शामिल है. सीएनटी एसपीटी अधिनियम का पालन सुनिश्चित करवाना कृषि और खनिज उद्योग को प्रोत्साहन भी पार्टी के इलेक्शन मेनिफेस्टो में मुख्य बिंदु है.