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झारखंड में सुखाड़ जैसे हालात पर हाई लेवल मीटिंगः 15 अगस्त तक की स्थिति देखने के बाद उचित कदम उठाएंगे- कृषि सचिव

झारखंड में सुखाड़ की स्थिति को लेकर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने उच्चस्तरीय बैठक (Badal Patralekh held high level meeting) की. जिसमें सभी जिलों को 10 अगस्त तक वर्षा और खेती की रिपोर्ट (Rain and Farming Report) मुख्यालय भेजने के निर्देश दिया गया है.

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Published : Aug 7, 2022, 7:57 AM IST

Agriculture Minister Badal Patralekh held high level meeting regarding drought like situation in Jharkhand
रांची

रांचीः किसानों को लेकर सरकार गंभीर है, झारखंड में कम बारिश चिंताजनक है. जिसको लेकर सरकार हरसंभव किसानों को राहत देने के लिए कृत संकल्पित है. यह बातें झारखंड सरकार के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख (Agriculture Minister Badal Patralekh) ने कृषि विभाग के उच्चअधिकारियों के साथ हुई बैठक (high level meeting regarding drought) में कही.

इसे भी पढ़ें- राज्य में सुखाड़ के आसार पर कृषि वैज्ञानिकों के साथ मंथन, शॉर्ट टर्म और वैकल्पिक फसल पर जोर, बीज अनुदान सब्सिडी बढ़ेगी!

झारखंड में सुखाड़ जैसे हालात (drought like situation in Jharkhand) हैं, कम बारिश की वजह से बुआई ना होने पर सरकार ने चिंता जताई है. इस स्थिति को लेकर शनिवार को कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने उच्चस्तरीय बैठक (Badal Patralekh held high level meeting) की. उन्होंने कहा कि विभाग में उच्च पदों पर बैठे पदाधिकारियों को जिला स्तर पर जाकर मॉनिटर करने और किसानों की वर्तमान स्थिति का आकलन जमीनी स्तर पर करने की आवश्यकता है. इसे लेकर कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीकी (Agriculture Secretary Abu Bakr Siddiqui) भी लगातार बैठक कर रहे हैं.

कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीकी

विभागीय सचिव ने 24 जिला में मुख्यालय स्तर के पदाधिकारियों को मौके पर जाकर रिपोर्ट बनाने का निर्देश भी दे दिया है. उन्होंने निर्देश दिया है कि तमाम पदाधिकारी अपने प्रतिनियुक्त जिला के उपायुक्त से संपर्क स्थापित कर जिला में अल्प वृष्टि के कारण उत्पन्न हुई चुनौतियों की जानकारी लें. सुखाड़ से प्रभावित प्रखंडों के सर्वाधिक प्रभावित गांव का रेंडमली चयन कर क्षेत्र भ्रमण करें. उन्होंने जिला जाने वाले पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि अल्प वृष्टि से प्रभावित फसल क्षेत्रों का आकलन कर प्रतिवेदन 10 अगस्त से पहले दें. विभागीय सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने कहा कि जिला स्तर के पदाधिकारी ग्राउंड जीरो से रिपोर्ट लेकर किसानों के राहत के लिए उचित कार्य योजना बनाने काम करें. इससे हम अपने किसान भाइयों को सुनियोजित तरीके से लाभ पहुंचाने का काम कर सकें.


उन्होंने विशेष सचिव राजेश सिंह को रांची, कृषि निदेशक निशा उरांव को खूंटी, सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार मृत्युंजय कुमार बरनवाल को रामगढ़, मनोज कुमार को कोडरमा, अंजनी कुमार को हजारीबाग, प्रदीप कुमार हजारी को गोड्डा, गोपाल जी तिवारी को पूर्वी सिंहभूम, विधान चंद्र चौधरी को लोहरदगा, राजकुमार गुप्ता को लातेहार, नयनतारा केरकेट्टा को गुमला, नवीन कुमार को पश्चिमी सिंहभूम, शशि प्रकाश झा को गढ़वा , एच एन द्विवेदी को देवघर, सुभाष सिंह को दुमका, संतोष कुमार को बोकारो, मुकेश कुमार सिन्हा को धनबाद, फनेन्द्र नाथ त्रिपाठी को सरायकेला खरसावां, अजेस्वर प्रसाद सिंह को पलामू, असीम रंजन एक्का को सिमडेगा, डॉ मनोज कुमार तिवारी को चतरा, जय प्रकाश शर्मा को जामताड़ा, कुमुद कुमार को साहिबगंज, राकेश कुमार सिंह को पाकुड़, मनोज कुमार को गिरिडीह जाने के निर्देश दिए हैं.

रांचीः किसानों को लेकर सरकार गंभीर है, झारखंड में कम बारिश चिंताजनक है. जिसको लेकर सरकार हरसंभव किसानों को राहत देने के लिए कृत संकल्पित है. यह बातें झारखंड सरकार के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख (Agriculture Minister Badal Patralekh) ने कृषि विभाग के उच्चअधिकारियों के साथ हुई बैठक (high level meeting regarding drought) में कही.

इसे भी पढ़ें- राज्य में सुखाड़ के आसार पर कृषि वैज्ञानिकों के साथ मंथन, शॉर्ट टर्म और वैकल्पिक फसल पर जोर, बीज अनुदान सब्सिडी बढ़ेगी!

झारखंड में सुखाड़ जैसे हालात (drought like situation in Jharkhand) हैं, कम बारिश की वजह से बुआई ना होने पर सरकार ने चिंता जताई है. इस स्थिति को लेकर शनिवार को कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने उच्चस्तरीय बैठक (Badal Patralekh held high level meeting) की. उन्होंने कहा कि विभाग में उच्च पदों पर बैठे पदाधिकारियों को जिला स्तर पर जाकर मॉनिटर करने और किसानों की वर्तमान स्थिति का आकलन जमीनी स्तर पर करने की आवश्यकता है. इसे लेकर कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीकी (Agriculture Secretary Abu Bakr Siddiqui) भी लगातार बैठक कर रहे हैं.

कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीकी

विभागीय सचिव ने 24 जिला में मुख्यालय स्तर के पदाधिकारियों को मौके पर जाकर रिपोर्ट बनाने का निर्देश भी दे दिया है. उन्होंने निर्देश दिया है कि तमाम पदाधिकारी अपने प्रतिनियुक्त जिला के उपायुक्त से संपर्क स्थापित कर जिला में अल्प वृष्टि के कारण उत्पन्न हुई चुनौतियों की जानकारी लें. सुखाड़ से प्रभावित प्रखंडों के सर्वाधिक प्रभावित गांव का रेंडमली चयन कर क्षेत्र भ्रमण करें. उन्होंने जिला जाने वाले पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि अल्प वृष्टि से प्रभावित फसल क्षेत्रों का आकलन कर प्रतिवेदन 10 अगस्त से पहले दें. विभागीय सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने कहा कि जिला स्तर के पदाधिकारी ग्राउंड जीरो से रिपोर्ट लेकर किसानों के राहत के लिए उचित कार्य योजना बनाने काम करें. इससे हम अपने किसान भाइयों को सुनियोजित तरीके से लाभ पहुंचाने का काम कर सकें.


उन्होंने विशेष सचिव राजेश सिंह को रांची, कृषि निदेशक निशा उरांव को खूंटी, सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार मृत्युंजय कुमार बरनवाल को रामगढ़, मनोज कुमार को कोडरमा, अंजनी कुमार को हजारीबाग, प्रदीप कुमार हजारी को गोड्डा, गोपाल जी तिवारी को पूर्वी सिंहभूम, विधान चंद्र चौधरी को लोहरदगा, राजकुमार गुप्ता को लातेहार, नयनतारा केरकेट्टा को गुमला, नवीन कुमार को पश्चिमी सिंहभूम, शशि प्रकाश झा को गढ़वा , एच एन द्विवेदी को देवघर, सुभाष सिंह को दुमका, संतोष कुमार को बोकारो, मुकेश कुमार सिन्हा को धनबाद, फनेन्द्र नाथ त्रिपाठी को सरायकेला खरसावां, अजेस्वर प्रसाद सिंह को पलामू, असीम रंजन एक्का को सिमडेगा, डॉ मनोज कुमार तिवारी को चतरा, जय प्रकाश शर्मा को जामताड़ा, कुमुद कुमार को साहिबगंज, राकेश कुमार सिंह को पाकुड़, मनोज कुमार को गिरिडीह जाने के निर्देश दिए हैं.

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