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A-HELP के जरिए ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करने में जुटा कृषि विभाग, जानिए क्या है प्रोजेक्ट - महिला सशक्तिकरण का प्रयास

A-HELP के जरिए कृषि विभाग ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करने की कोशिश कर रहा है. देश के सात राज्यों में इस पायलट प्रोजेक्ट को शुरू किया गया है जिसमें झारखंड भी शामिल है. Empower Rural Women Through A-HELP

Last journey of Cardinal Telesphore P Toppo
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 10, 2023, 8:19 PM IST

Updated : Oct 10, 2023, 8:28 PM IST

ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करने में जुटा कृषि विभाग

रांची: कृषि विभाग का ए हेल्प कार्यक्रम राज्य के ग्रामीण स्तर पर किसानों को स्वावलंबी बनाने में मददगार साबित होगा. इसकी शुरुआत मंगलवार को हेसाग स्थित कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग में मंत्री बादल ने किया.

ये भी पढ़ें: सीएम हेमंत सोरेन ने साहिबगंज में मेधा डेयरी प्लांट का किया उद्घाटन, कहा- आय बढ़ाने के लिए दूध उत्पान से जुड़े किसान

इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों और पशुपालकों को सशक्त बनाने के लिए कृत संकल्पित है और इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं. ए-हेल्प के जरिए चयनित महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे. इससे न केवल पशुपालन बल्कि पशु सेवा के क्षेत्र में अपने प्रयासों से यह बेहतर काम करेंगी. इस अवसर पर विभागीय सचिव अबू बकर सिद्दीक, पशुपालन निदेशक आदित्य रंजन, राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद के अलावा कृषि एवं पशुपालन विभाग के कई पदाधिकारी मौजूद थे.

देश के सात राज्यों में झारखंड भी शामिल: केंद्र प्रायोजित इस कार्यक्रम के तहत देश के सात राज्यों में से झारखंड भी शामिल है जहां पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है. देश में मध्य प्रदेश के बाद झारखंड में इसकी लॉन्चिंग की गई है. ए हेल्प के जरिए दुग्ध उत्पादन में राज्य को बेहतर करने का अवसर मिलेगा जिसमें एनडीडीवी जैसी संस्था का भी सहयोग दिया जा रहा है.

यहां कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि आने वाले समय में रांची में मिल्क पाउडर का प्लांट लगाया जाएगा. पलामू की तरह जमशेदपुर, गिरिडीह में भी मिल्क प्लांट लगाए जाएंगे. इस अवसर पर कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीक ने संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में 6 करोड़ से अधिक पशुधन है. जिसमें गायों की संख्या 1 करोड़ 70 लाख है. इतनी बड़ी संख्या में पशुधन होने से ए हेल्प जैसे प्रोग्राम काफी प्रभावित होगा. इसमें चयनित पशु सखी आशा वर्कर की तरह पशु सेवाओं के मामले में इस प्रोग्राम के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसका लाभ मिलेगा. प्रशिक्षण के दौरान पशुओं की बीमारी उसके इलाज टीकाकरण आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी. इसके जरिए राज्य में महिला सशक्तिकरण का प्रयास किया जा रहा है. प्रशिक्षण के लिए 60 विभागीय मास्टर ट्रेनर बनाए गए हैं जो पशु सखी को प्रशिक्षित करेंगे.

ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करने में जुटा कृषि विभाग

रांची: कृषि विभाग का ए हेल्प कार्यक्रम राज्य के ग्रामीण स्तर पर किसानों को स्वावलंबी बनाने में मददगार साबित होगा. इसकी शुरुआत मंगलवार को हेसाग स्थित कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग में मंत्री बादल ने किया.

ये भी पढ़ें: सीएम हेमंत सोरेन ने साहिबगंज में मेधा डेयरी प्लांट का किया उद्घाटन, कहा- आय बढ़ाने के लिए दूध उत्पान से जुड़े किसान

इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों और पशुपालकों को सशक्त बनाने के लिए कृत संकल्पित है और इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं. ए-हेल्प के जरिए चयनित महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे. इससे न केवल पशुपालन बल्कि पशु सेवा के क्षेत्र में अपने प्रयासों से यह बेहतर काम करेंगी. इस अवसर पर विभागीय सचिव अबू बकर सिद्दीक, पशुपालन निदेशक आदित्य रंजन, राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद के अलावा कृषि एवं पशुपालन विभाग के कई पदाधिकारी मौजूद थे.

देश के सात राज्यों में झारखंड भी शामिल: केंद्र प्रायोजित इस कार्यक्रम के तहत देश के सात राज्यों में से झारखंड भी शामिल है जहां पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है. देश में मध्य प्रदेश के बाद झारखंड में इसकी लॉन्चिंग की गई है. ए हेल्प के जरिए दुग्ध उत्पादन में राज्य को बेहतर करने का अवसर मिलेगा जिसमें एनडीडीवी जैसी संस्था का भी सहयोग दिया जा रहा है.

यहां कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि आने वाले समय में रांची में मिल्क पाउडर का प्लांट लगाया जाएगा. पलामू की तरह जमशेदपुर, गिरिडीह में भी मिल्क प्लांट लगाए जाएंगे. इस अवसर पर कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीक ने संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में 6 करोड़ से अधिक पशुधन है. जिसमें गायों की संख्या 1 करोड़ 70 लाख है. इतनी बड़ी संख्या में पशुधन होने से ए हेल्प जैसे प्रोग्राम काफी प्रभावित होगा. इसमें चयनित पशु सखी आशा वर्कर की तरह पशु सेवाओं के मामले में इस प्रोग्राम के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसका लाभ मिलेगा. प्रशिक्षण के दौरान पशुओं की बीमारी उसके इलाज टीकाकरण आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी. इसके जरिए राज्य में महिला सशक्तिकरण का प्रयास किया जा रहा है. प्रशिक्षण के लिए 60 विभागीय मास्टर ट्रेनर बनाए गए हैं जो पशु सखी को प्रशिक्षित करेंगे.

Last Updated : Oct 10, 2023, 8:28 PM IST
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