रांची: भाजपा कार्यसमिति की बैठक 23 और 24 जनवरी को बाबा नगरी देवघर में होगा. इससे पहले यह बैठक 16 और 17 जनवरी को होना था मगर राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक के कारण यह टल गया. करीब 17 वर्षों के बाद देवघर में आयोजित हो रहे भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है. दो दिनों तक देवघर के मेहर गार्डन में होने वाले इस बैठक में राजनीतिक आर्थिक प्रस्ताव के साथ साथ प्रदेश भाजपा राज्य सरकार के खिलाफ रणनीति बनेगी.
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने बताया कि दो दिनों के इस कार्यसमिति की बैठक के पहले दिन 10 बजे से एक बजे तक होने वाली बैठक में प्रदेश पदाधिकारी, प्रदेश के नेता और जिला अध्यक्षों की बैठक होगी. दोपहर तीन बजे प्रदेश कार्यसमिति की औपचारिक बैठक शुरू होगी जो अगले दिन 24 जनवरी को दिन के 1 बजे तक चलेगा. इस कार्यसमिति की बैठक में सात सत्र होंगे जिसमें पार्टी के केंद्रीय नेता से लेकर प्रदेश कार्यसमिति के पदाधिकारी शामिल होंगे. दीपक प्रकाश ने कहा कि इसमें राजनीतिक प्रस्ताव के अलावे पार्टी के द्वारा भविष्य के लिए वृहद कार्य योजना बनाई जाएगी.
17 वर्ष बाद एक बार फिर देवघर में बैठक : भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक 2006 में बाबा नगरी देवघर में हुआ था जिसमें तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह भी शिरकत करने देवघर आए थे. देवघर में यह दूसरी कार्यसमिति की बैठक होगी जिसमें पार्टी के प्रदेश प्रभारी, संगठन महामंत्री, प्रदेश अध्यक्ष सहित सभी पदाधिकारी मौजूद रहेंगे. देवघर में पार्टी कार्यसमिति की बैठक बुलाए जाने के पीछे मिशन 2024 भी माना जा रहा है.संथाल की सभी सीटों को साधने के लिए भाजपा नये सिरे से मंथन करेगी.
भाजपा प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत बाजपेयी के अलावे संगठन महामंत्री कर्मवीर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश पार्टी की दशा और दिशा को लेकर योजना तय करेंगे. गौरतलब है प्रभारी बनने के बाद झारखंड दौरे पर आए लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने सर्वप्रथम देवघर से ही अपनी यात्रा शुरू किया था.उन्होंने उस दौरान झारखंड की लोकसभा की सभी 14 सीट 2024 में जीतने का संकल्प लेते हुए कार्यकर्ताओं को ऊर्जा भरने का काम किया था. गौरतलब है कि कोरोना के बाद पहली बार भाजपा ने रांची से बाहर हजारीबाग में 27-28 मई को कार्यसमिति की बैठक बुलाई थी.
जानकारी के मुताबिक कार्यसमिति की बैठक में पार्टी हेमंत सरकार को घेरने के लिए पिछले दिनों बनाई गई रणनीति की समीक्षा करेगी इसके अलावे आगे की कार्य योजना भी बनाई जाएगी. बैठक में पार्टी द्वारा चलाए जा रहे संगठनात्मक कार्य और आंदोलन की भी चर्चा होने की संभावना है. नगर निकाय चुनाव और राज्य सरकार द्वारा खतियान आधारित स्थानीय नीति बनाए जाने के फैसले और नियोजन नीति रद्द होने के मुद्दे पर भी पार्टी बैठक के जरिए रुख स्पष्ट करेगी.