रांचीः झारखंड में पांच साल या उससे भी पुराने लंबित आपराधिक मामलों के निष्पादन में तेजी आई है. राज्य का पुलिस विभाग इस काम को पूरा करने में जोर-शोर से जुटा हुआ है. अब तक राज्य के 75 प्रतिशत लंबित कांडों का निष्पादन पुलिस पदाधिकारियों ने पूरा कर लिया गया है. मंगलवार को पुलिस मुख्यालय रांची में राज्य में पांच साल या उससे पुराने लंबित केसों की समीक्षा (ADG Campaign Reviewed The Pending Cases) की गई.
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917 कांडों का निष्पादन रह गया है शेषः झारखंड में पांच साल या उससे पुराने लंबित केसों के निष्पादन में अप्रत्याशित तेजी आयी है. राज्य भर में लंबित 75 फीसदी कांडों का निष्पादन कर लिया (Jharkhand Police Executed 75 Percent Pending Cases)गया है. पुलिस मुख्यालय के द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है. जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि सितंबर 2022 से 3704 कांडों की समीक्षा शुरू हुई थी. इसमें से अब तक 2787 कांडों का निष्पादन कर लिया गया है, बाकी बचे 917 कांडों और अभियोजन स्वीकृति के लिए लंबित मामलों का निष्पादन शीघ्र करने का प्रयास जिला स्तर पर किया जा रहा है.
डीजीपी के निर्देश पर बनी थी कमेटीः डीजीपी नीरज सिन्हा के निर्देश पर पांच साल या उससे अधिक समय से लंबित केस के निष्पादन के लिए मार्गदर्शन और अनुवीक्षण समिति बनायी गई थी. जिसके अध्यक्ष एडीजी अभियान संजय आनंद लाठकर, उपाध्यक्ष आईजी सीआईडी असीम विक्रांत मिंज को बनाया गया था. जबकि सभी रेंज के डीआईजी इसके सदस्य थे.
पुलिस मुख्यालय में हुई समीक्षाः मंगलवार को एडीजी अभियान की अध्यक्षता में लंबित कांडों के निष्पादन की समीक्षा की (ADG Campaign Reviewed The Pending Cases) गई. इस दौरान सभी रेंज डीआईजी ने अपने-अपने रेंज में पड़ने वाले जिलों में लंबित कांडों के अघतन स्थिति की जानकारी दी. एडीजी के द्वारा सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे बाकी बचे 25% लंबित मामलों का निष्पादन भी जल्द से जल्द कर पुलिस मुख्यालय को इससे अवगत करवाएं.