रांचीः विश्व के कई देशों में कोरोना के नए सब वेरिएंट BF.7 के वृहत रूप लेने और भारत में भी इस सब वेरिएंट के मरीज मिलने के बाद देश में अलर्ट की स्थिति है. कोरोना को लेकर भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय से मिले दिशा निर्देश पर राज्य के अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अरुण कुमार सिंह ने सभी जिले के डीसी और सिविल सर्जन को पत्र लिख (Additional Chief Secretary Wrote Letter To All DC) कर कोरोना के संभावित खतरे को कम करने के लिए विस्तृत दिशा निर्देश दिए हैं. जिसमें मास्क का उपयोग, हाथ और श्वसन स्वच्छता और शारीरिक नियमों का पालन करने के लिए लोगों को जागरूक करने, टेस्टिंग और टीकाकरण को बढ़ाने के साथ-साथ किसी भी संभावित आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर लेने को कहा गया है.
क्या लिखा है अपर मुख्य सचिव ने अपने पत्र मेंः राज्य के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने सभी डीसी को लिखे पत्र में कहा है कि हाल ही में वैश्विक स्तर पर कोविड मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए तैयारी सुनिश्चित करनी है. इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव का पत्र प्राप्त हुआ है. साथ ही 23 दिसंबर को भारत सरकार के साथ वीसी के माध्यम से हुई बैठक में लिए गए निर्णयों से भी सभी जिलों के डीसी और सिविल सर्जन को अवगत कराना है.
कोविड 19 के सब वेरिएंट को लेकर किया सतर्कः COVID-19 मामलों में हाल ही में वृद्धि के साथ-साथ COVID-19 सब वेरिएंट BF.7 की रिपोर्ट किए गए मामले तीव्र संक्रमण वाले वैरियंट BF.7 पिछले कुछ हफ्तों में दुनिया भर में विशेष रूप से चीन, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, कोरिया गणराज्य, ब्राजील, फ्रांस आदि में बड़ी संख्या में देखे गए हैं. भारत में भी ओड़िशा और गुजरात में इस वेरिएंट की पुष्टि होने की जानकारी है.
सतत निगरानी रखने के निर्देशः COVID-19 सब वेरिएंट BF.7 को लेकर सतत निगरानी करने की आवश्यकता है. कोरोना संक्रमण को रोकने और इसके बढ़ने की किसी संभावना को कम करने के लिए आगामी उत्सवों के दौरान सतर्क रहना और आवश्यक है. सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को सुनिश्चित करना सुनिश्चित करने की जरूरत है.
इन प्रमुख बिंदुओं का पालन कराएंः जिसमें टेस्ट की पांच आयामी रणनीति ट्रैक-टेस्ट-ट्रीट-टीकाकरण और COVID उपयुक्त व्यवहार का पालन, दूसरा भारत सरकार द्वारा जून 2022 में जारी कोविड-19 के संदर्भ में संशोधित निगरानी रणनीति के लिए परिचालन दिशा निर्देश का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करें, तीसरा हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडों और अन्य प्रवेश बिंदुओं पर थर्मल स्क्रीनिंग को सुदृढ़ करने के लिए किसी भी लक्षण, नमूने की पहचान करना और निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार आइसोलेशन, उपचार जैसे आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों का पालन करने की व्यवस्था करना है.
विदेश यात्रा कर लौटने वालों पर रखें निगरानीः भारत में अंतरराष्ट्रीय आगमन के लिए दिशा निर्देश' 22 दिसंबर को भारत सरकार द्वारा अद्यतन किए गए हैं. जिसमें एपीएचओ, एनसीडीसी से प्राप्त अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की लाइन सूची जिलों के साथ साझा की जाएगी, इन यात्रियों पर निगरानी रखें.
कोरोना लक्षण वाले व्यक्तियों के संपर्क में आने वाले लोगों की भी कराएं जांचः चौथा सभी कोरोना लक्षण वाले व्यक्तियों के संपर्क के साथ परीक्षण करने के लिए पॉजिटिव मरीजों को प्रोटोकॉल के तहत जांच कराएं और पॉजिटिव सैंपल को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए सभी जिला निगरानी अधिकारी, नोडल अधिकारी- आरटीपीसीआर लैब्स, एचओडी, माइक्रोबायोलॉजी को नमूना परिवहन के साथ-साथ जीनोमिक विश्लेषण के परिणामों में तेजी लाने के लिए जेनेटिक्स और जीनोमिक्स, रिम्स, रांची के विभाग के साथ को-ऑर्डिनेशन कर काम करें. इसके लिए रिम्स रांची के जेनेटिक्स एंड जीनोमिक्स की रीटा रेबेका (मोबाइल-9128324807) से विभाग में संपर्क किया जा सकता है.
सभी अस्पताल प्रबंधन रिपोर्टिंग सुनिश्चि करेंः पांचवा मेडिकल कॉलेजों सहित सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में नियमित आधार पर इन्फ्लुएंजा जैसे बीमारी (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) मामलों की निगरानी और रिपोर्टिंग सुनिश्चित करें. कोरोना संक्रमण से जुड़ी हर जरूरी जानकारी IDSP-IHIP पोर्टल में अपलोड करें.
कोरोना जांच और अस्पतालों में तैयारी सुनिश्चिच करने का निर्देशः छठा COVID-19 परीक्षण दिशा निर्देशों को बनाए रखते हुए पर्याप्त परीक्षण सुनिश्चित करना है. जिसमें RTPCR और RAT परीक्षणों को साझा करने की सिफारिश की गई है. सातवां ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, मानव संसाधन, उपकरण, दवाओं और अन्य आवश्यकताओं सहित बिस्तर की उपलब्धता के संबंध में मौजूदा अस्पताल क्षमताओं का जायजा लेकर तैयारी सुनिश्चित करें. इसके अलावा स्वास्थ्य देखभाल करने वाले कर्मचारियों को ट्रेनिंग दें. वहीं अस्पतालों में 'ड्राई रन' कराकर इसकी जांच की व्यवस्था करें.
चिकित्सा उपकरणों की सुनिश्चितता पर दें ध्यानः ऑक्सीजन उपकरणों जैसे दो सिलेंडर, दो फ्लोमीटर, दो कंसन्ट्रेटर, वेंटिलेटर, एलएमओ प्लांट, पीएसए प्लांट, ऑक्सीजन पाइपलाइन आदि का निम्नलिखित उपायों द्वारा उचित संचालन सुनिश्चित करना. नौवां स्वास्थ्य सुविधाओं में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) की उपलब्धता और उनकी रिफिलिंग के लिए निर्बाध आपूर्ति श्रृंखला का आकलन करें. साथ ही जिला कंट्रोल रूम, ऑक्सीजन टास्क फोर्स को शीघ्र सक्रिय करें. नियमित मॉक ड्रिल आयोजित कर के पीएसए संयंत्रों का कार्यात्मक होना सुनिश्चित करें.
27 दिसंबर को राज्य के सभी अस्पतालों में एक साथ मॉक ड्रिलः 27 दिसंबर को पूरे राज्य में समान रूप से सभी स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में मॉक ड्रिल करने के साथ-साथ ऑक्सीजन संयंत्रों, वेंटिलेटर पर विशेष ध्यान देने के साथ COVID के प्रबंधन के लिए परिचालन तत्परता सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है. COVID-19 टीकाकरण रुग्णता और मृत्यु दर को कम करने में SARS-CoV2 वेरिएंट ऑफ कंसर्न के खिलाफ प्रभावी होने के लिए प्रदर्शित किया गया है. जिसमें सामुदायिक जागरूकता पैदा करके कोविड-19 टीकाकरण प्रयासों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है.