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RU सिंडिकेट की बैठक में तीन फर्जी शिक्षकों पर गिरी गाज, 21 अहम एजेंडों पर लगी मुहर

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Published : Dec 17, 2019, 1:21 PM IST

रांची विश्वविद्यालय सिंडिकेट की बैठक हुई. जिसमें 21 अहम मुद्दों को लेकर विशेष रूप से चर्चा हुई. मौके पर जाली अंक पत्र सौंपने के मामले में केसीबी कॉलेज के 3 शिक्षकों पर भी कार्रवाई करते हुए सेवा समाप्त करने के आदेश दिए गए हैं.

Syndicate meeting of Ranchi University
सिंडिकेट बैठक

रांचीः आरयू प्रशासनिक भवन में रांची विश्वविद्यालय की सिंडिकेट बैठक आयोजित की गई. जिसकी अध्यक्षता कुलपति रमेश कुमार पांडे ने की. इस दौरान 21 अहम मुद्दों को लेकर विशेष रूप से चर्चा हुई. मौके पर जाली अंक पत्र सौंपने के मामले में केसीबी कॉलेज के 3 शिक्षकों पर गाज गिरी है. इसके साथ ही विभिन्न प्रस्तावों पर सिंडिकेट के सदस्यों ने मुहर लगाई है.

देखें पूरी खबर

सिंडिकेट की बैठक में मुख्य रूप से वैसे शिक्षकों को, जिनकी पदोन्नति संबंधी पत्र झारखंड लोक सेवा आयोग से आए थे और जिन्हें पुष्टि के लिए सिंडिकेट के समक्ष रखा गया था, उन्हें पुष्टि दे दी गई है. जेपीएससी ने पदोन्नति से संबंधित पत्र भी संपुष्ट किया है. 3 शिक्षकों के लिए इंक्वायरी कमेटी के साथ विस्तृत चर्चा के बाद सिंडिकेट ने यह निर्णय लिया कि शिक्षकों की सेवा समाप्त कर उन पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाए. इस प्रस्ताव पर एकमत से सिंडिकेट सदस्यों ने मुहर लगा दी है. वहीं, गलत प्रमाण पत्र के आधार पर उन्होंने जो सेवा दी है और इस तरह से जो उपार्जन किया है, उसे रिकवर करने का भी फैसला लिया गया है.

ये भी पढे़ं- झारखंड हाई कोर्ट के तीन जज बने स्थाई जज, 19 दिसंबर को दिलाई जाएगी गोपनीयता का शपथ

जाली प्रमाण पत्र जमा करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई

गौरतलब है कि लगभग 30 सालों तक इन शिक्षकों ने रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत केसीबी कॉलेज में सेवा दी थी. इंक्वायरी कमेटी ने पाया है कि शिक्षक फर्जी तरीके से कॉलेज में सेवा दे रहे थे. जाली प्रमाण पत्र जमा करने वाले शिक्षक अर्थशास्त्र विभाग के मोहम्मद जमील असगर, अंग्रेजी विभाग के उमेश नाथ तिवारी और गृह विज्ञान विभाग की प्रतिमा सिन्हा है. इस मामले में उमेश नाथ तिवारी ने कोर्ट में केस भी किया है .

हालांकि अब भी रांची विश्वविद्यालय प्रशासन पर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं. कुछ सदस्यों का कहना है कि जब 30 साल तक लोग इस कॉलेज में सेवा दे रहे थे, तब प्रशासन कहां सोई हुई थी. इतने दिनों तक जाली प्रमाण पत्रों की जांच क्यों नहीं हुई.

रांचीः आरयू प्रशासनिक भवन में रांची विश्वविद्यालय की सिंडिकेट बैठक आयोजित की गई. जिसकी अध्यक्षता कुलपति रमेश कुमार पांडे ने की. इस दौरान 21 अहम मुद्दों को लेकर विशेष रूप से चर्चा हुई. मौके पर जाली अंक पत्र सौंपने के मामले में केसीबी कॉलेज के 3 शिक्षकों पर गाज गिरी है. इसके साथ ही विभिन्न प्रस्तावों पर सिंडिकेट के सदस्यों ने मुहर लगाई है.

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सिंडिकेट की बैठक में मुख्य रूप से वैसे शिक्षकों को, जिनकी पदोन्नति संबंधी पत्र झारखंड लोक सेवा आयोग से आए थे और जिन्हें पुष्टि के लिए सिंडिकेट के समक्ष रखा गया था, उन्हें पुष्टि दे दी गई है. जेपीएससी ने पदोन्नति से संबंधित पत्र भी संपुष्ट किया है. 3 शिक्षकों के लिए इंक्वायरी कमेटी के साथ विस्तृत चर्चा के बाद सिंडिकेट ने यह निर्णय लिया कि शिक्षकों की सेवा समाप्त कर उन पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाए. इस प्रस्ताव पर एकमत से सिंडिकेट सदस्यों ने मुहर लगा दी है. वहीं, गलत प्रमाण पत्र के आधार पर उन्होंने जो सेवा दी है और इस तरह से जो उपार्जन किया है, उसे रिकवर करने का भी फैसला लिया गया है.

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जाली प्रमाण पत्र जमा करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई

गौरतलब है कि लगभग 30 सालों तक इन शिक्षकों ने रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत केसीबी कॉलेज में सेवा दी थी. इंक्वायरी कमेटी ने पाया है कि शिक्षक फर्जी तरीके से कॉलेज में सेवा दे रहे थे. जाली प्रमाण पत्र जमा करने वाले शिक्षक अर्थशास्त्र विभाग के मोहम्मद जमील असगर, अंग्रेजी विभाग के उमेश नाथ तिवारी और गृह विज्ञान विभाग की प्रतिमा सिन्हा है. इस मामले में उमेश नाथ तिवारी ने कोर्ट में केस भी किया है .

हालांकि अब भी रांची विश्वविद्यालय प्रशासन पर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं. कुछ सदस्यों का कहना है कि जब 30 साल तक लोग इस कॉलेज में सेवा दे रहे थे, तब प्रशासन कहां सोई हुई थी. इतने दिनों तक जाली प्रमाण पत्रों की जांच क्यों नहीं हुई.

Intro:रांची। रांची विश्वविद्यालय सिंडिकेट की महत्वपूर्ण बैठक आरयू प्रशासनिक भवन में आयोजित की गई .बैठक की अध्यक्षता कुलपति रमेश कुमार पांडे द्वारा किया गया .इस दौरान 21 अहम मुद्दों को लेकर विशेष रूप से चर्चा हुई. मौके पर जाली अंक पत्र सौंपने के मामले में केसीबी कॉलेज के 3 शिक्षकों पर गाज गिरी है. साथ ही विभिन्न प्रस्तावों पर सिंडिकेट के सदस्यों ने मुहर लगाई है.


Body:रांची विश्वविद्यालय के सिंडिकेट की बैठक में मुख्य रूप से वैसे शिक्षकों को, जिनकी प्रोन्नति संबंधी पत्र झारखंड लोक सेवा आयोग से आए थे और जिन्हें संपुष्टि के लिए सिंडिकेट के समक्ष रखा गया था उन्हें संपुष्टि दे दी गई है. जेपीएससी द्वारा प्रोन्नति से संबंधित पत्र भी संपुष्ट किया गया है. 3 शिक्षकों के विषय में इंक्वायरी कमेटी को सिंडिकेट के सदस्यों ने उस पर विस्तृत चर्चा के बाद सिंडिकेट ने यह निर्णय लिया कि शिक्षकों की सेवा समाप्त कर उन पर उचित कानूनी कार्रवाई किया जाए और इस प्रस्ताव पर एकमत से सिंडिकेट के सदस्यों ने मुहर लगा दी है. वहीं गलत प्रमाण पत्र के आधार पर उन्होंने जो सेवा दी है और इस तरह से जो उपार्जन किया है. उसे रिकवर करने पर भी फैसला लिया गया है. गौरतलब है कि लगभग 30 वर्षों तक इन शिक्षकों ने रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत केसीबी कॉलेज में सेवा दिया था. इंक्वायरी कमेटी ने पाया है कि शिक्षक फर्जी तरीके से कॉलेज में सेवा दे रहे थे. ये है जाली प्रमाण पत्र से सेवा देने वाले शिक्षक. जाली प्रमाण पत्र जमा करने वाले शिक्षक है -अर्थशास्त्र विभाग के मोहम्मद जमील असगर ,अंग्रेजी विभाग के उमेश नाथ तिवारी और गृह विज्ञान विभाग की प्रतिमा सिन्हा. इस मामले में उमेश नाथ तिवारी ने कोर्ट में केस भी किया है . सिंडिकेट के सदस्यों ने आर यू प्रशासन पर लगाया आरोप: हालांकि सिंडिकेट के कुछ सदस्य नाराज भी दिखे .इनका कहना है कि सिंडिकेट द्वारा लिए गए निर्णय का समुचित तरीके से पालन नहीं किया जाता है .आरयू प्रबंधन द्वारा ढुलमुल रवैया अपनाया जाता है. लेकिन अब ऐसा होने नहीं दिया जाएगा तमाम समस्याओं को दूर किया जाएगा.


Conclusion:हालांकि अब भी रांची विश्वविद्यालय प्रशासन पर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं. कुछ सदस्यों का यह भी कहना है कि जब 30 वर्ष तक यह लोग इस कॉलेज में सेवा दे रहे थे तब प्रशासन कहां सोई हुई थी .इतने दिनों तक जाली प्रमाण पत्रों का जांच क्यों नहीं किया गया. फिर भी देर आया दुरुस्त आया। अब इन फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई होना जरूरी है. बाइट -रमेश कुमार पांडे, वीसी,आरयू।
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