रांची: रघुवर सरकार में मंत्री रह चुके पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, नीरा यादव, लुईस मरांडी, रंधीर सिंह और अमर कुमार बाउरी को एसीबी ने पीई में आरोपी बनाया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश पर एसीबी ने यह पीई दर्ज किया है. 26 जुलाई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में भी पूर्व मंत्रियों पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने को लेकर पीई दर्ज करने का फैसला लिया गया था.
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एसीबी द्वारा इस मामले में पांच अलग अलग पीई दर्ज की गई हैं. एसीबी से मिली जानकारी के अनुसार सभी पूर्व मंत्रियों के खिलाफ अलग अलग पीई दर्ज की गई है, पीई के बाद जिन पूर्व मंत्रियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला बनेगा, उसके खिलाफ पीई को एफआईआर में तब्दील किया जाएगा.
पीआईएल के आधार पर जांच का दिया गया था आदेश: गौरतलब है कि साल 2020 में झारखंड हाई कोर्ट में एक रिट दाखिल किया गया था. इसमें पांच तत्कालीन मंत्रियों की संपत्ति की जांच की मांग की गई थी. इसमें याचिकाकर्ता पंकज कुमार यादव ने आरोप लगाया था कि पांच सालों में पद पर रहते हुए तत्कालीन मंत्रियों की आय में अप्रत्याशित तौर पर बढ़ोतरी हुई है. इसके प्रमाण में निर्वाचन आयोग के समक्ष संपत्ति के विवरण से संबंधित दाखिल शपथपत्र का हवाला दिया गया था. जिसके बाद इस मामले की जांच करवाई गई थी.
मंत्रियों की आय में हुई इतनी बढ़ोतरी: जिस पीआईएल के दस्तावेजों के आधार पर एसीबी ने पूर्व मंत्रियों से जुड़े मामले की आईए जांच की थी, उसमें कहा गया था कि, साल 2014 में अमर बाउरी की संपत्ति 7.33 लाख थी, जो 2019 में 89.41 लाख हो गई, रणधीर कुमार सिंह की ओर से 2014 में घोषित 78.92 लाख की संपत्ति साल 2019 में बढ़कर 5.06 करोड़ हो गई. मंत्री रहने के दौरान नीरा यादव की संपत्ति 80.59 लाख से बढ़कर 3.65 करोड़, लुईस मरांडी की संपत्ति 2.25 करोड़ से बढ़कर 9.06 करोड़, नीलकंठ सिंह मुंडा की संपत्ति 1.46 करोड़ से बढ़कर 4.35 करोड़ हो गई थी. आरोप था कि इन पूर्व मंत्रियों की संपत्ति में सिर्फ पांच सालों में 200 से लेकर 1100 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई थी.