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रांची में 108 फीट की शिवलिंग आकृति वाला मंदिर तैयार, देश के ऊंचे मंदिरों में से एक होने का दावा

रांची में स्वर्ण रेखा नदी के तटपर 108 फीट की शिवलिंग आकृति वाला मंदिर बनकर तैयार है. निर्माणकर्ताओं का दावा है कि इस आकृति वाले मंदिरों में ये देश के सबसे ऊंचे मंदिरों में एक है. 7 मई से प्राण प्रतिष्ठा के बाद आम जनता भी यहां पूजा अर्चना कर सकेंगे.

Shivling shaped temple
Shivling shaped temple
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Published : Apr 30, 2022, 11:03 AM IST

रांची: देवों के देव भगवान भोलेनाथ के कई रूप हैं लेकिन, दुनिया भर में उनकी सबसे ज्यादा पूजा शिवलिंग के रूप में होती है. रांची में स्वर्णरेखा नदी के तट पर भी शिव मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है, निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है. यह मंदिर शिवलिंग के आकार का है, जिसकी उंचाई 108 फीट है. मंदिर का निर्माण स्थानीय शिव भक्तों और समाजसेवियों की ओर से किया जा रहा है. उनका दावा है कि यह देश में शिवलिंग के आकार वाले सबसे उंचे मंदिरों में से एक है.

इसे भी पढ़ें: द्वापर युग का शिवलिंग जिसके आगे मुगल,अंग्रेज हुए धराशायी, इतिहास जान हैरान रह जाएंगे आप!


2012 में रखी गयी थी मंदिर की आधारशिला: सुरेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट के सचिव छत्रधारी महतो कहते हैं कि उनलोगों ने कोई रिकॉर्ड बनाने या उसकी बराबरी करने के लिए 108 फीट ऊंची शिवलिंग आकार का मंदिर नहीं बनवाया बल्कि महादेव की ही इच्छा रही होगी कि बनाते बनाते इसकी ऊंचाई 108 फीट हो गयी. बाद में लोगों ने बताया की कर्नाटक के कोलार में एक मंदिर इसी तरह का है जहां शिवलिंग 108 फीट का है. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि झारखंड के बगोदर में भी ऐसी मंदिर है लेकिन, उसकी ऊंचाई 65 फीट ही है.

देखें पूरी खबर


10 लाख का बना है दरवाजा: मंदिर के निर्माण के लिए दक्षिण राज्यों से कारीगर आए है. शिवलिंग आकृति वाले इस मंदिर का भव्य दरवाजा भी अनायास आपका ध्यान अपनी ओर खींच लेगा. कलाकार विजय जिनका पुश्तैनी काम मंदिरों में दरवाजा बनाना है, उन्होंने मंदिर के दरवाजे का निर्माण सुंदर, भव्य और पौराणिक मान्यताओं को ध्यान में रखकर किया है. शिवलिंग की आकृति वाले मंदिर की निर्माण राशि को तो अभी गुप्त रखा गया है पर साउथ से आये दरवाजे के कारीगर कहते हैं कि 10 लाख रुपये से ज्यादा का खर्च सिर्फ दरवाजा बनाने में हुआ है.

चुटिया केतारी बागान में हुआ है निर्माण: चुटिया केतारी बागान में शिव मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है. 3 मई को अक्षय तृतीया के दिन से मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए यज्ञ शुरू होगा जो 7 मई तक चलेगा. 7 मई को ही भव्य भंडारे के साथ इस 108 फीट ऊंची शिवलिंग आकृति वाले मंदिर को पूजा अर्चना के लिए खोल दिया जाएगा. छत्रधारी महतो बताते हैं कि शिवलिंग आकृति वाले मंदिर के अंदर भगवान भोलेनाथ अपने पूरे परिवार और नंदी के साथ विराजेंगे.

रांची: देवों के देव भगवान भोलेनाथ के कई रूप हैं लेकिन, दुनिया भर में उनकी सबसे ज्यादा पूजा शिवलिंग के रूप में होती है. रांची में स्वर्णरेखा नदी के तट पर भी शिव मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है, निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है. यह मंदिर शिवलिंग के आकार का है, जिसकी उंचाई 108 फीट है. मंदिर का निर्माण स्थानीय शिव भक्तों और समाजसेवियों की ओर से किया जा रहा है. उनका दावा है कि यह देश में शिवलिंग के आकार वाले सबसे उंचे मंदिरों में से एक है.

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2012 में रखी गयी थी मंदिर की आधारशिला: सुरेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट के सचिव छत्रधारी महतो कहते हैं कि उनलोगों ने कोई रिकॉर्ड बनाने या उसकी बराबरी करने के लिए 108 फीट ऊंची शिवलिंग आकार का मंदिर नहीं बनवाया बल्कि महादेव की ही इच्छा रही होगी कि बनाते बनाते इसकी ऊंचाई 108 फीट हो गयी. बाद में लोगों ने बताया की कर्नाटक के कोलार में एक मंदिर इसी तरह का है जहां शिवलिंग 108 फीट का है. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि झारखंड के बगोदर में भी ऐसी मंदिर है लेकिन, उसकी ऊंचाई 65 फीट ही है.

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10 लाख का बना है दरवाजा: मंदिर के निर्माण के लिए दक्षिण राज्यों से कारीगर आए है. शिवलिंग आकृति वाले इस मंदिर का भव्य दरवाजा भी अनायास आपका ध्यान अपनी ओर खींच लेगा. कलाकार विजय जिनका पुश्तैनी काम मंदिरों में दरवाजा बनाना है, उन्होंने मंदिर के दरवाजे का निर्माण सुंदर, भव्य और पौराणिक मान्यताओं को ध्यान में रखकर किया है. शिवलिंग की आकृति वाले मंदिर की निर्माण राशि को तो अभी गुप्त रखा गया है पर साउथ से आये दरवाजे के कारीगर कहते हैं कि 10 लाख रुपये से ज्यादा का खर्च सिर्फ दरवाजा बनाने में हुआ है.

चुटिया केतारी बागान में हुआ है निर्माण: चुटिया केतारी बागान में शिव मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है. 3 मई को अक्षय तृतीया के दिन से मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए यज्ञ शुरू होगा जो 7 मई तक चलेगा. 7 मई को ही भव्य भंडारे के साथ इस 108 फीट ऊंची शिवलिंग आकृति वाले मंदिर को पूजा अर्चना के लिए खोल दिया जाएगा. छत्रधारी महतो बताते हैं कि शिवलिंग आकृति वाले मंदिर के अंदर भगवान भोलेनाथ अपने पूरे परिवार और नंदी के साथ विराजेंगे.

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