ETV Bharat / state

संथाली भाषा को जीवित रखने के लिए युवक ने की पहल, दे रहे हैं बच्चों को शिक्षा

रामगढ़ में आदिवासी समुदाय के बीच बोले जाने वाली संथाली भाषा विलुप्त होती जा रही है. आदिवासी समुदाय के युवक देवीराम टुडू ने संथाली भाषा को जीवित रखने के लिए मुहिम में जुट गया. फिलहाल, युवक को बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं.

young man giving education to children for santhali language in ramgarh
बच्चों को शिक्षा देते युवक
author img

By

Published : Mar 7, 2021, 2:27 PM IST

Updated : Mar 7, 2021, 3:56 PM IST

रामगढ़: आदिवासी समुदाय के बीच बोले जाने वाली संथाली भाषा को पिछड़ती जा रही है. इसके पीछे की वजह रोजगार और शहरी परिवेश में अपने आप को ढालने के लिए इनका झुकाव हिंदी और अंग्रेजी भाषा की ओर तेजी से हो रहा है. ऐसे में यह अपनी मातृभाषा संथाली से दूर होते जा रहे हैं. ऐसे में रामगढ़ जिला के मांडू प्रखंड के कीमो पंचायत में आदिवासी समुदाय के युवक ने ही इस भाषा को बचाने की मुहिम में लगे हैं और अपने गांव के आदिवासी बच्चों को हिंदी, अंग्रेजी के साथ-साथ संथाली भाषा की ज्ञान मुफ्त में बांट रहे हैं.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़े- रांची में नाबालिग लड़की को मारी गोली, गांजा विवाद में गोलीबारी की आशंका

रामगढ़ जिला के मांडू प्रखड के कीमो पंचायत का यह सुदूरवर्ती चपरा गांव जो जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर है. इस पंचायत में जो स्कूल है वह 2 शिक्षक के सहारे चलता है. लॉकडाउन के बाद से यहां शिक्षा पूरी तरह बंद है. गांव के एक युवक देवीराम टुडू जो कि हजारीबाग के संत कोलंबस कॉलेज में पढ़ाई करता था. लॉकडाउन के कारण अपने गांव आया तो देखा कि यहां की पढ़ाई ठीक नहीं थी. ऐसे में कॉलेज भी बंद था और इनके पास समय भी. तब देवीराम टुडू ने अपने एक साथी से मिलकर अपने गांव के बच्चों को शिक्षा देने की बात सोची. जिसके बाद वे व्यवस्था को ठीक करने और बच्चों को पढ़ाने में लग गए. इसके साथ ही अपनी भाषा अपनी संस्कृति को आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित रखने की बीड़ा उठाया.

देवीराम टुडू ने तय किया कि वह खुद कुछ करेगा और अपने गांव के बच्चों के लिए स्वयं इस स्कूल में अन्य चीजों के अलावा संथाली भाषा को जिंदा रखने के लिए जी तोड़ मेहनत करेगा. उसे लगता है कि पाठ्यक्रम में संथाली के नहीं होने से इनके बाद की पीढ़ी इसे नहीं पड़ेगी. यही कारण है कि यह अंग्रेजी हिंदी और अन्य विषयों के साथ बच्चों को निशुल्क संथाली पढ़ा रहे हैं.

देवीराम टुडू अपने गांव का एकलौता शख्स है जिसने इंटर पास किया है. उसने मैट्रिक की परीक्षा भी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण किया है. यहां बच्चे अब फर्राटे से हिंदी, इंग्लिश और संथाली लिख रहे हैं, पढ़ रहे हैं और समझ रहे हैं.

रामगढ़: आदिवासी समुदाय के बीच बोले जाने वाली संथाली भाषा को पिछड़ती जा रही है. इसके पीछे की वजह रोजगार और शहरी परिवेश में अपने आप को ढालने के लिए इनका झुकाव हिंदी और अंग्रेजी भाषा की ओर तेजी से हो रहा है. ऐसे में यह अपनी मातृभाषा संथाली से दूर होते जा रहे हैं. ऐसे में रामगढ़ जिला के मांडू प्रखंड के कीमो पंचायत में आदिवासी समुदाय के युवक ने ही इस भाषा को बचाने की मुहिम में लगे हैं और अपने गांव के आदिवासी बच्चों को हिंदी, अंग्रेजी के साथ-साथ संथाली भाषा की ज्ञान मुफ्त में बांट रहे हैं.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़े- रांची में नाबालिग लड़की को मारी गोली, गांजा विवाद में गोलीबारी की आशंका

रामगढ़ जिला के मांडू प्रखड के कीमो पंचायत का यह सुदूरवर्ती चपरा गांव जो जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर है. इस पंचायत में जो स्कूल है वह 2 शिक्षक के सहारे चलता है. लॉकडाउन के बाद से यहां शिक्षा पूरी तरह बंद है. गांव के एक युवक देवीराम टुडू जो कि हजारीबाग के संत कोलंबस कॉलेज में पढ़ाई करता था. लॉकडाउन के कारण अपने गांव आया तो देखा कि यहां की पढ़ाई ठीक नहीं थी. ऐसे में कॉलेज भी बंद था और इनके पास समय भी. तब देवीराम टुडू ने अपने एक साथी से मिलकर अपने गांव के बच्चों को शिक्षा देने की बात सोची. जिसके बाद वे व्यवस्था को ठीक करने और बच्चों को पढ़ाने में लग गए. इसके साथ ही अपनी भाषा अपनी संस्कृति को आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित रखने की बीड़ा उठाया.

देवीराम टुडू ने तय किया कि वह खुद कुछ करेगा और अपने गांव के बच्चों के लिए स्वयं इस स्कूल में अन्य चीजों के अलावा संथाली भाषा को जिंदा रखने के लिए जी तोड़ मेहनत करेगा. उसे लगता है कि पाठ्यक्रम में संथाली के नहीं होने से इनके बाद की पीढ़ी इसे नहीं पड़ेगी. यही कारण है कि यह अंग्रेजी हिंदी और अन्य विषयों के साथ बच्चों को निशुल्क संथाली पढ़ा रहे हैं.

देवीराम टुडू अपने गांव का एकलौता शख्स है जिसने इंटर पास किया है. उसने मैट्रिक की परीक्षा भी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण किया है. यहां बच्चे अब फर्राटे से हिंदी, इंग्लिश और संथाली लिख रहे हैं, पढ़ रहे हैं और समझ रहे हैं.

Last Updated : Mar 7, 2021, 3:56 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.