रामगढ़: पंचायती राज मंत्रालय के अनुसार 24 अप्रैल को हर साल राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाया जाता है. कोरोना वायरस संक्रमण संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल को देश की ग्राम पंचायतों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया, लेकिन झारखंड के किसी भी जिले के किसी भी पंचायत के सदस्यों से बात नहीं हो पाई.
प्रधानमंत्री ने ऐसे समय पर ग्राम पंचायतों को संबोधित किया जब देश में कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर लॉकडाउन लागू है. पीएम नरेंद्र मोदी ने देशभर के कई राज्यों के मुखिया से बात की, लेकिन झारखंड से एक भी मुखिया या प्रतिनिधि से किसी भी तरह के कोई संवाद नहीं हो सका और न ही संवाद करने की कोई जानकारी किसी को थी. पंचायत के लोगों को पता ही नहीं था कि किसी केटेगरी में उनका भी चयन हुआ है. इसका मुखिया के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों को भी मलाल रह गया कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात उनसे होती तो पूरे देश में पंचायत में किए जा रहे कार्यो की चर्चा होती और उन्हें अच्छा लगता.
रामगढ़ में दुलमी प्रखंड के होन्हे और दुलमी पंचायत के मुखिया ने जो कोरोना से रोकथाम के लिए प्रयास किए हैं उस बात को उन्हें पीएम के सामने रखने का अवसर नहीं मिला. दोनों पंचायतों का चयन ग्राम पंचायत विकास योजना कैटेगरी में किया गया था, लेकिन दोनों में से किसी पंचायत प्रतिनिधियों को किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं थी और न ही किसी जनप्रतिनिधि को इसकी जानकारी थी, कि प्रधानमंत्री मोदी ने इनके पंचायत को ग्राम पंचायत विकास योजना के लिए चुना है.
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ईटीवी भारत की टीम ने जब दोनों जगहों पर जाकर जनप्रतिनिधियों और रोजगार सेवक से बात कि तो उन्होंने बताया कि उन्हें किसी तरह की कोई जानकारी नहीं थी, यदि उनका चयन किया जाता उनसे बात होती तो वर्तमान में किए जा रहे कार्यों के साथ-साथ उनमें और भी उर्जा आ जाती.