रामगढ़: लगभग 5 वर्षों के बाद सिरका कोलियरी को सीटीओ मिला और सिरका खदान शुरू हुआ. इसके खुलने के बाद यहां स्थानीय स्तर पर भागीदारी को लेकर लोकल सेल कमेटी का गठन किया गया. एक सप्ताह पहले से ही इस लोकल सेल का संचालन शुरू हुआ था और अब यह लोकल सेल राजनीति अखाड़ा का केंद्र बन गया है.
अपनी-अपनी हिस्सेदारी को लेकर यहां स्थिति तनावपूर्ण हो गई है. जहां कांग्रेस अवैध वसूली और मजदूरों को उनका अधिकार नहीं मिलने की बात कह रही है. तो दूसरी ओर आजसू पार्टी और सेल संचालन समिति पूरी तरह से कांग्रेस पर मनमानी करने का आरोप लगा रही है. इसे लेकर दोनों तरफ से धरना दिया जा रहा था. धरना स्थल पर पूर्व विधायक ममता देवी भी पहुंची थीं, हालांकि उनका विरोध आजसू और सेल संचालन समिति द्वारा किया गया. बाद में पूर्व विधायक ममता देवी पूरे मामले को लेकर जीएम ऑफिस अरगड्डा गईं.
तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए मजिस्ट्रेट के साथ-साथ भारी संख्या में पुलिस वालों को तैनात किया गया है, ताकि किसी तरह की कोई अनहोनी ना हो सके. दोनों गुटों के बीच गहमा गहमी का माहौल है जिसके कारण मजिस्ट्रेट और पुलिस बल भी तैनात है. प्रदर्शन करने पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि सेल के संचालन में विस्थापित प्रभावित की अनदेखी की जा रही है. प्रति ट्रक लगभग 4400 रुपये की अवैध वसूली हो रही है. लोकल लोगों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती संचालन बंद रहेगा.
वहीं, दूसरी तरह इस बंदी का विरोध कर रहे आजसू और सेल संचालन समिति का कहना है की कांग्रेस राजनीति कर रही है. पिछले एक एक सप्ताह से सेल का संचालन चल रहा था, किसी को कोई समस्या नहीं थी. यहां रहने वाले सभी विस्थापित प्रभावित मजदूर लोग हैं. कांग्रेस मजदूर के नाम पर रंगदारी कर रही है, जो कि वे लोग होने नहीं देंगे.
पूरे मामले में सीसीएल अपना पल्ला झाड़ता हुआ नजर आया. पिछले एक सप्ताह से उसके इलाके में सेल कमेटी कम कर रही है, लेकिन अरगड्डा के जीएम ने कहा कि सेल कमेटी उनकी जानकारी में नहीं है, तो आखिर कैसे वहां मजदूर जान जोखिम में डालकर बिना सेफ्टी के गाड़ी को लेबलिंग करते हैं. उन्होंने इस पूरे मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
मजिस्ट्रेट के तौर पर रामगढ़ अंचल अधिकारी तनावपूर्ण स्थिति को शांत करने के लिए पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा धरना दिया जा रहा है. इसके बाद यहां पर संचालन समिति के लोग इसका विरोध कर रहे हैं और इसी को लेकर दोनों के बीच तनाव की स्थिति है. मामले को शांत करने का प्रयास किया जा रहा है. फिलहाल दोनों गुटों के इस झगड़े में सेल का संचालन पूरी तरह ठप है डीओ का कोयला ट्रक पर लोड़ नहीं हो पा रहा है और लोड ट्रक काटा नहीं होने के कारण बाहर नहीं जा पा रहा है.
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